19 नवंबर 1951 में जन्मी जीनत अमान उन अभिनेत्रियों में शुमार हैं, जिन्होंने 70 और 80 के दशक में बिग स्क्रीन पर खूब तहलका मचाया है। फिलिपिनो ड्रामा ‘द इविल विदइन’ से अपने करियर की शुरुआत करने वाली जीनत अमान को उनके करियर में सफलता मिलने में ज्यादा वक्त नहीं लगा।
उन्होंने 70 के दशक में इंडस्ट्री में कदम रखते ही उन्होंने नायिकाओं की परिभाषा बदल दी। वह फिल्मों में वेस्टर्न का ऐसा कल्चर लेकर आईं, जिसे देखकर हर कोई हैरान रह गया। जीनत अमान की प्रोफेशनल लाइफ जितनी शानदार और ग्लैमराइज रही, उनकी निजी जिंदगी उतनी ही नीरसता से भरी रही। जीनत अमान की लव लाइफ के बारे में अधिकतर लोगों को पता है, लेकिन क्या आपको पता है कि उनके पिता ने दिलीप कुमार के करियर की सुपरहिट फिल्म लिखी थी। इतना ही नहीं, उनके भाई 80 के दशक के सबसे बड़े विलेन रह चुके
जीनत खान के पिता अमानुल्लाह खान पठान मुस्लिम और मां वर्धिनी सिंधिया महाराष्ट्रीयन हिन्दू ब्राह्मण परिवार से थीं। जीनत अमान के कजिन ब्रदर कोई और नहीं, बल्कि 80 के दशक के मशहूर खलनायक रजा मुराद हैं, जो राम तेरी गंगा मैली से लेकर नमक हराम, रोटी कपड़ा और मकान, चोर के घर चोर, जानी दुश्मन, कालिया और प्रेम रोग सहित कई फिल्मों में काम कर चुके हैं।
अभिनेता रजा मुराद के पिता ‘मुराद’ भी 200 से अधिक फिल्मों में कैरेक्टर एक्टर के तौर पर काम कर चुके हैं। रजा मुराद अमानुल्लाह खान (जीनत के पिता) भतीजे हैं।ये तो सभी जानते हैं कि जीनत अमान और रजा मुराद दोनों ही हिंदी सिनेमा के मंझे हुए कलाकार हैं। हालांकि, एक समय ऐसा था जब रजा मुराद को जीनत अमान के साथ ऑनस्क्रीन करनी थी, जिसकी वजह से एक्टर की हालत पस्त हो गई थी। साल 1987 में रिलीज हुई फिल्म ‘डाकू हसीना’ में रजा मुराद और जीनत अमान ने पहली बार साथ काम किया था।
अशोक राव के निर्देशन में बनी इस फिल्म में राकेश रोशन ने मुख्य भूमिका निभाई थी। फिल्म की कहानी रूपा सक्सेना उर्फ डाकू हसीना की है, जिसके साथ शोषण होता है। फिल्म में एक सीन था, जहां रजा मुराद उनके साथ जबरदस्ती करना था, जिसे करने में अभिनेता काफी हिचकिचा रहे थे। जब जीनत अमान को ये बात पता लगी तो उन्होंने रजा मुराद को समझाया कि वह एक्टर्स हैं और उन्हें अपने काम की वैल्यू करनी चाहिए, जिसके बाद एक्टर माने और वह सीन पूरा हुआ।