भारत की बेस्ट सस्पेंस फिल्म जो क्राउड फंड से बनी और कमाई के रिकॉर्ड तोड दिए।

6 सितंबर 2013 को सिनेमाघरों में एक ऐसी फिल्म रिलीज हुई थी, जिसमें सस्पेंस कूट-कूटकर भरी थी. इस फिल्म को न सिर्फ देशभर में बल्कि दुनियाभर में पसंद किया गया था. दरअसल, भारत में रिलीज से पहले ही यह फिल्म विदेशों में फिल्म फेस्ट में शामिल हुई थी, जिसके बाद से ही इस फिल्म की चर्चा तेज हो गई थी.

लूसिया’ एक कन्नड़ भाषा की साइको थ्रिलर ड्रामा फिल्म थी, जिसे पवन कुमार ने लिखा था और इसे डायरेक्ट भी किया था. इसमें ऋषभ शेट्टी, सतीश निनासम और श्रुति हरिहरन मुख्य भूमिकाओं में थे.

कहानी निक्की के इर्द-गिर्द घूमती है, जो थिएटर में काम करने वाला एक सहायक है, जिसे नींद न आने की समस्या है. एक खास गोली खाने के बाद, वह एक अलग तरह के सपने में उलझ जाता है. बता दें, इस फिल्म को बनाने में मेकर्स के एक रुपये भी खर्च नहीं हुए थे, लेकिन इसकी कुल कमाई 3 करोड़ पार हो गई थी.

दरअसल, यह पहली कन्नड़ फिल्म थी जिसे लोगों ने क्राउडफंड किया था. यानी लोगों द्वारा दिए गए चंदे के पैसों से इस फिल्म को बनाया गया था. विकिपीडिया की मानें तो इस फिल्म को बनाने में सिर्फ 50 लाख रुपये खर्च हुए थे, जो मेकर्स को लोगों से मिले थे.

फिल्म का साउंडट्रैक पूर्णचंद्र तेजस्वी द्वारा रचित था और सिनेमैटोग्राफी सिद्धार्थ नूनी द्वारा संभाली गई थी. इसका प्रीमियर सबसे पहले 20 जुलाई 2013 को लंदन इंडियन फिल्म फेस्टिवल में हुआ था. इसने फेस्टिवल में सर्वश्रेष्ठ फिल्म ऑडियंस चॉइस का पुरस्कार जीता था.

इस फिल्म को आज भी लोग भारत की बेस्ट सस्पेंस फिल्म मानते हैं. यह वर्ष 2013 के लिए सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा फिल्म के लिए अकादमी पुरस्कार के लिए भारत की ओर से प्रस्तुत होने के लिए एफएफआई द्वारा शॉर्टलिस्ट की गई फिल्मों में से एक थी. फिर फिल्म को 2015 में तमिल में एनाक्कुल ओरुवन के रूप में रीमेक किया गया था.

फिल्म ने कर्नाटक राज्य फिल्म पुरस्कार 2013 में फिल्म को 1, 61वें फिल्मफेयर पुरस्कार दक्षिण में 3, लंदन भारतीय फिल्म महोत्सव 2013 में 1, कर्नाटक अंतर्राष्ट्रीय संगीत पुरस्कार में 1 और तीसरा दक्षिण भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में 1 अवॉर्ड जीते थे. आप फ्री में इस फिल्म को जिओ सिनेमा पर देख सकते हैं.

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