अब सब्जी ‘किलो’ में नहीं मिलेगी।

अब बात रॉकेट की रफ्तार से बढ़ते सब्जियों के दामों की एक वक्त था जब लोग जेब में पैसा लेकर जाते थे और झोले में सब्जी लेकर आते थे लेकिन अब लोग झोले में पैसा लेकर के जाते हैं और जेब में सब्जी लेकर के आते वजह है महंगाई जो लोगों को तड़पा रही जी मीडिया की टीम ने देश के कई शहरों में मंडियों का आल जाना और लोगों से बात की दुकानदार से लेकर खरीदार तक सब पर नजर रखी नजर आलू प्याज के बिना खाना बना नहीं सकते ना ग्राहक अब महंगा के नाम से ना सब इधर उधर जा रहे हैं पूछ पूछ के जा रहे हैं पहले सबी दिन चलती थी अब पानी नहीं चलती आसमान छूटी महंगाई ने सोचने पर मजबूर किया कि क्या खाए और क्या छोड़े जो सब पहले किलो के भाव में होती थी।

उसे अब पाव के हिसाब से खरीदने में लोग हिचक रहे हैं दावा यह कि मानसून ने महंगाई को बढ़ा दिया पर सवाल कि मानसून तो हर साल आता है लेकिन सब्जियों के दाम इस साल जितने बढ़े उतना पहले कभी नहीं जी न्यूज की टीम ने देश भर के कई शहरों में बढ़ती महंगाई पर लोगों से बात की बाजारों का मंडियों का हाल जाना तो खरीददार से लेकर दुकानदार तक सब महंगाई से परेशान नजर आए।

सब अपनी मजबूरी बताते दिखे और सबका एक ही सवाल कि आखिर इस महंगाई से मुक्ति कैसे सबसे पहले आपको मुंबई के मरोल मंडी का हाल दिखाते हैं जहां सब्जियो के दाम देखकर लोग सोच रहे हैं कि क्या खाएं और क्या बचाए भाई साहब ये प्याज जो है कैसे किलो है।

अभी 6 किलो कितना 6 किलो 6 एक हफ्ते पहले कितना था 50 10 की कीमत में बढ़ोतरी हुई है नासिक से जो प्याज आता है वहां पर बारिश की वजह से और सप्लाई का जो चैन है उसमें कमी होने की वजह से इस तरह की परेशानी हो रही है आपसे जानना चाहूंगा कि लोग काफी नाराज होते होंगे थोड़ा नाराज रहते बहुत नाराज बोते कादा हो पब्लिक बहुत नाराज रहते है आप क्या खरीदने आए कांदा कांदा खरीदने आ चलिए भाव काफी बढ़ा हुआ है।

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