ऋषि कपूर ने अपने फिल्मी करियर में खूब नाम और शोहरत कमाई। उन्होंने साल 1973 में आई फिल्म बॉबी से बतौर लीड एक्टर डेब्यू किया था। इस फिल्म में उनकी हिरोइन डिंपल कपाड़िया थीं। फिल्म का निर्देशन उनके पिता राज कपूर ने किया था। इस फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड भी मिला था। इसके बाद एक्टर ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।एक्टर ने चांदनी, लैला मजनू, दीवानी, प्रेम रोग जैसी कई सारी फिल्में की। ऋषि का चार्म उस समय काफी तेज था। साल 1980 में उन्होंने एक ऐसी फिल्म में काम किया जिसके हिट होने की उन्हें पूरी उम्मीद थी। हालांकि ऐसा हो नहीं पाया और फिल्म बॉक्स ऑफिस पर आते ही ढेर हो गई थी। इस फिल्म का नाम था कर्ज। इस फिल्म को सुभाष घई ने डायरेक्ट किया था और टीना मुनीम इसकी हिरोइन थीं।
ये सब इतना अचानक हुआ कि ऋषि कपूर को इसकी उम्मीद तक नहीं थी। वो फिल्म से बड़ी आस लगाए बैठे थे और फिल्म की असफलता का असर उन पर ऐसा पड़ा कि वह में चले गए। उनकी हालत इतनी खराब हो गई थी कि उन्हें अस्पताल में भी भर्ती होना पड़ा था।
इसका जिक्र ऋषि कपूर ने अपनी ऑटोबायोग्राफी खुल्लम खुल्ला: ऋषि कपूर अनसेंसर्ड में किया था। एक्टर ने बताया कि ये झेल पाना उनके लिए इतना मुश्किल था कि वो कैमरा तक फेस नहीं कर पा रहे थे।
ऋषि कपूर बताया था कि फिरोज खान की कुर्बानी कर्ज के ठीक एक हफ्ते बाद रिलीज हुई थी। कुर्बानी को लेकर फैंस के बीच एक्साइटमेंट ज्यादा था जिसने कर्ज की संभावनाओं को तुरंत खत्म कर दिया। कुर्बानी में फिरोज के साथ जीनत अमान और विनोद खन्ना ने अभिनय किया था। इस धमाल में कर्ज के चलने की कोई गुंजाइश ही नहीं थी। ऋषि ने बताया था कि उस दौरान वो कैमरे के सामने आने से भी कांप जाते थे।
ऋषि कपूर ने बताया था कि कर्ज से उन्हें काफी उम्मीद थी। उन्होंने कहा, ‘मैंने सोचा कि ये फिल्म मेरे करियर की दिशा बदल देगी। शानदार म्यूजिक, बेहतरीन स्टार कास्ट थी और फिल्म में सभी ने शानदार काम किया था। सभी को विश्वास था कि फिल्म धमाल मचा देगी।’