एक बार रतन टाटा का सामना एक से हुआ कंपनी के कर्मचारी भी उस से डरे हुए थे लेकिन रतन टाटा ने कैसे उस गैंगस्टर का मुकाबला किया इसका एक वीडियो इन दिनों खूब वायरल है।
इस वीडियो में रतन टाटा खुद इस घटना को बयां करते हुए दिख रहे हैं इस वीडियो को कोलंबिया बिजनेस स्कूल ने पहली बार नवंबर 2013 में शेयर किया था लेकिन अब एक बार फिर से यह वीडियो जो है वह सोशल मीडिया पर वायरल है क्या है उस वीडियो में यह वाकया है साल 1980 के आसपास का तब रतन टाटा को टाटा संस के चेयरमैन का पद संभाले महज 15 दिन का समय बीता था एक गैंगस्टर उनकी कंपनी टाटा मोटर्स से रंगदारी वसूलने की कोशिश कर रहा था उसके पास करीब 200 तोड़फोड़ करने वाले और डराने वाले लोग थे हालांकि कंपनी में काम करने वाले करीब 4000 कर्मचारियों का इन लोगों से कोई लेना देना नहीं था।
कंपनी मैनेजमेंट ने उस समय अपने कर्मचारी संघ को हल्के में लिया था लेकिन बाद में रतन टाटा ने के दबाव में आने के बजाय उसका सामना करने का फैसला किया रतन टाटा कहते हैं कि उस को खुश करने के लिए मुझे बहुत सी सलाह दी गई लेकिन इसके बावजूद भी मैंने दूसरा रास्ता चुना और उसका सामना करने का फैसला किया अगर मैं ऐसा नहीं करता तो टाटा मोटर्स की यूनियन पूरी तरह से यूनियन में बदल जाती रतन टाटा कहते हैं कि उन्हें पता था कि अगर उन्होंने हार मान ली तो यह कभी खत्म नहीं होगा उन्होंने बताया कि उस वक्त पुलिस भी असहाय थी और मोटर प्लांट के कर्मचारी पर हमला कर रहे थे ने डराने और संदेश भेजने के लिए टाटा मोटर्स के कुछ अधिकारियों पर से भी हमला किया।
से लगातार धमकियां मिल रही थी लेकिन मैंने भी ना झुकने का फैसला कर लिया था बदमाश यहीं नहीं रुके रतन टाटा ने बताया कि उस ने हड़ताल की अपील कर दी और प्लांट के संचालन को रोक दिया था कर्मचारी अपने परिवार के डर से वापस आने से प्लांट में वापस आने से डर रहे थे ऐसे में वर्कर्स के डर को दूर करने के लिए रतन टाटा खुद उनके साथ तीन दिनों तक उस प्लांट में रहे इस दौरान उन्होंने बोनस की भी घोषणा कर दी जिसके बाद यह हड़ताल जो है वो खत्म हो गई रतन टाटा बताते हैं कि वह कहता रहा कि प्लांट बंद है हमने यह दिखाने के लिए कुछ विज्ञापन निकाले कि लोग लौट आए हैं उसने जब देखा कि प्रबंधन दृढ़ है आखिरकार वह हार गया ।
बाद में उस को पुलिस के हस्तक्षेप के बाद गिरफ्तार कर लिया गया हालांकि जब वह जेल से रिहा हुआ तो उस गैंगस्टर ने रतन टाटा को की सुपारी भी दी थी।