दिलीप कुमार साहब ने अपनी बायोग्राफी में कितना शेयर किया उन्होंने कहा कि एक बार जब मैं फ्लाइट में ट्रेवल कर रहा था तो मेरे पास वाली सीट पर एक सज्जन बैठे हुए थे बुजुर्ग व्यक्ति थे साधारण पैंट-शर्ट पहने हुए थे ऐसा लग रहा था कि मिडिल क्लास फैमिली गिराने वाला लेकिन दिखने में काफी विद्वान लग रहे थे काफी पढ़े-लिखे लग रहे थे उस लाइट में तकरीबन-तकरीबन अपने पहचान गया था कि यह बंदा दिलीप कुमार है लेकिन जब पास में बैठे थे वह उन्हें बेखबर थे वो खिड़की से बाहर देख रहे थे अखबार पढ़ रहे थे लेकिन मुझे देखकर के को उन्होंने खास रिएक्शन दिया नहीं जब जाए तो चाय पीने लगे उपकरण गया उन्हें लो कर दिया प्रणव इस्माइल की और हेलो किया उसके बाद बातचीत आगे बढ़ी तो मैंने जब बातचीत आगे बढ़ी और फिल्मों की बात आई तो मैंने उनसे पूछा कि क्या फिल्में देखते हैं कि भूमिका की कभी कबार देखिए बहुत पहले फिल्म देखी थी कि कि इस बात पर मैंने उनसे कहा कि मैं फिल्मों में काम करता हूं उन्होंने कहा कि आप यूज करते हैं तो देखा कि मैं करो कि मुझे सज्जन थे भूमिका के तो बहुत अच्छी बात है यह बातचीत चलती रही फ्लाइट लैंड हुई जब हम बाहर निकलने वाले थे।
एयर पोर्ट से एक बार फिर से मैम से उन्हें ग्रेट किया अभिवादन किया और उसे का मेरा नाम दिलीप कुमार है वह जो सज्जन थे उन्होंने मुझसे हाथ मिलाया और कहा मेरा नाम जे आर डी टाटा है जिस एयर इंडिया की फ्लाइट में ट्रेवल कर रहा था उसके कर्ता-धर्ता मेरे पास में बैठे हुए थे उस दिन मुझे समझ में आया कि दुनिया में आप चाहे जितने बड़े बन जाएं हमेशा विनम्र बने रहिए क्योंकि आप से भी बड़ा इस दुनिया में मौजूद है इतने महान थे जे आर डी टाटा आइए आज उन्हीं की बात करते हैं नमस्कार दोस्तों मेरा नाम है यह करते का दिखना शुरू कर चुके हैं।
डार्लिंग सीरीज सीखोगे नहीं तो जीतोगे कैसे आज हम बात करेंगे जे आर डी टाटा यानि कि जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा की जो 29 जुलार्इ 1994 को फ्रांस के पेरिस में पैदा हुए जिनकी फादर का नाम रतन दादा पीटा था और मन की शांति रहने वाली थी सूजन वीर्य उनकी मां के साथ की रहने वाली थी इसलिए उनकी पहली लैंग्वेज फ्रेंच बन गई जेआरडी टाटा अपने मुंबई से पढ़ाई की उसके बाद में कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की वह कहीं डेड टाटा ग्रुप के चेयरमैन बने रहे टीम की बात करें देने की बात करें male की बात करें लाइंस की बात करें उन्होंने टाटा ग्रुप के अलग-अलग बिजनेस को इंडिया में डेवलप किया 1932 में होने टाटा एयरलाइंस की शुरुआत की थी सिर्फ 34 साल की उम्र में 1938 में वो टाटा संस के चेयरमैन बने थे और 1991 तक बने रहे उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान 14 अलग-अलग टाटा की नई कंपनी की शुरुआत की थी उन्हें भारत का जो सर्वोच्च सम्मान पुरस्कार है सर्वोच्च नागरिक सम्मान पुरस्कार है भारत रत्न उससे भी नवाजा गया।
वह इंडिया के पहले पायलट थे भारतीय वायुसेना ने उन्हें 1974 में एयर वाइस मार्शल पद से भी नवाजा तो आईए अब बात करते हैं उन पांच बड़ी बातों की जान सीख सकते हैं या बीटा साहब की लाइफ से सीखने वाली पहली बात जेआरडी टाटा हिसाब से कभी भी सेकंड उससे सहमत हुई हमेशा नंबर वन का पीछा कीजिए परफेक्शन के पीछे भाग्य जेआरडी टाटा अपनी लाइफ में यही करते रहे कि एयर इंडिया 2050 के बीच में कहा जाता है कि अपनी पंक्चुअलिटी और हॉस्पिटेलिटी के लिए जानी जाती थी टाटा एयरलाइंस जो की बाद में एयर इंडिया बन चुकी थी उसके मालिक थे जो एडिट आ मालिक होने के बावजूद क्योंकि भारत के पहले पायलट से अपने फैंस को चढ़ाना पसंद करते थे हर 15 दिन में एक फ्लाइट वाले थे लेते थे और इससे वह मैसेज देना चाहते थे पूरी टीम को कि मैं खुद भी अपनी सर्विस दे रहा तो आपको तन-मन-धन के साथ में लगना और इस एयरलाइंस को बहुत उंचाइयों पर ले करके जाना पंचाली के मामले में एक्यूरेसी के मामले में जाटा का कोई तोड़ नहीं था एक छोटा सा हिस्सा मुझे याद आता है कैप्टन विश्वनाथ उनके को पायलट थे।
एक बार जब वह फिट कर रहे थे तो मैंने तेरे को पहले से पूछा कि इस वक्त ग्रांट्स पीस किया है तो अफ्रीका की 145 माइल्स पर प्रमोट है कि Tata उनके जवाब से सेटिसफाइड नहीं थे उन्हें अपनी कैलकुलेशन की ओर बताया कि 145 पॉइंट 5 माइल्स फरार की स्पीड से मोटर है इतने एक्यूरेट थे जेआरडी टाटा दूसरी बड़ी बाजू सीखने को मिलती है जो डाटा साहब से सलाह मानिए और चेंज लाने से डरिए मत इंफोसिस की को-फाउंडर और पाउडर अपनी मूर्ति सरकी जो भाई-बहन सुधा मूर्ति में उन्होंने अपनी बुक द लास्टिंग लगे इसी में घटना का जिक्र किया है वह कहते हैं कि वह ज़माना था जब महिलाओं को ज्यादा नौकरी नहीं दी जाती थी इंजीनियरिंग की बात करें तो लड़कियों के जारी नहीं करने दिया था उन्हें मैच में कमजोर माना जाता तक यह तो सिर्फ लड़के कर सकते सुधार मोती मैम 600 स्टूडेंट्स के बीच में इकलौती लड़की थी और टॉपर थी तब उनका नाम शादी से पहले सुधा कॉल करनी है तो टाटा मोटर्स में जो कि तेल को भी जिसको कहते हैं उसमें इंजीनियरिंग इंजीनियर के लिए वैकेंसी निकली और जॉब वैकेंसी निकली तो उसमें साफ पुरुषों के लिए लिखा हुआ था इस बात से सुधा मूर्ति मैम गुस्सा होगी और उन्होंने चिट्ठी लिख दी जे आर डी टाटा सा को कंपनी के मालिक को टाटा साहब का बुलावा आया और इंटरव्यू के बाद इन्हें नौकरी पर रख लिया गया यह टाटा मोटर्स की पहली महिला इंजीनियर बनी है कि सुधा मूर्ति मैम जब यह किस्सा शेयर करती तो बताती है कि जेआरडी टाटा साहब जो है वह कितने खुले विचारों के थे वह सलाह का स्वागत करते थे।
एक और किसान ने शेयर किया कि जब वह मुंबई है उसमें ही अपने हस्बैंड का वेट कर रही थी नारायण मूर्ति सर का और अकेली खड़ी हुई थी तब बाई चांस वह से ज्यादा विटामिन कर रहे थे वह उसके हमने बात की और कहा कि वह आपके लिए बताएंगे MS Word का वेट कर लें तो जब तक नारायणमूर्ति शनि आगे जेआरडी टाटा वहीं खड़े रहे बात करते रहता कि उन्हें अकेलापन महसूस सुनाओ कि वहां दर्द महसूस ना करें जेआरडी टाटा साहब ने इन फैक्ट जब मोदी जी ने नौकरी छोड़ी थी तब भी एक अच्छे से रिएक्शन देते हुए कहा था कि आपके फ्यूचर के लिए शुभकामनाएं आप जाइए आप अच्छे से काम कीजिए आज भी सुविधा होती मैम के कैबिन में Tata साहब की तस्वीर रखी हुई है यह बताता है कि कितने इंस्पिरेशनल मोस्ट इंस्पिरेशनल लीडर थे जे आर डी टाटा साहब सीखने वाली तीसरी बात जितनी बड़ी रखोगी सक्सेस भी उतनी ही मिलेगी जेआरडी टाटा ने उस समय में अलग-अलग कंपनी शुरू की जिस समय में उन एक्ट्रेसेस में जाने से कंपनीज बच रही थी नौ गांठ है इसमें जाएंगे – जाए लेकिन उन्होंने उतनी ही बड़ी रसीली में बताया कि 14 अलग-अलग कंपनी से लोन शुरू की थी अपनी एक्टिंग और 1947 में जो टाटा ग्रुप मात्र 62 करोड़ का था वह 1990 आते-आते 10,000 करोड़ का बन चुका था यह व्यथा जेआरडी टाटा के अतिरिक्त इतनी बड़ी-बड़ी लोगे उतनी ही लाइफ में सक्सेस बड़ी पाओगे चौथी सबसे बड़ी बात रीटा सिखाते हैं अपनी टीम को साथ लेकर चलेंगे।
सोसायटी का अच्छी सोसायटी का निर्माण कीजिए यह जो आजकल सुनने को मिलता है कि सीएसआर एक्टिविटीज कंपनीज करती हैं कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी निभाती है जो आजकल एक नया डिपार्टमेंट आ गया है ह्यूमन रिसोर्स यह चार्ज उत्तम है कॉइन हुई थी यह सीएसआर टर्म पॉइंट मीटिंग उससे पहले ही जेआरडी टाटा अपनी कंपनी में इन सारी बातों को शामिल कर चुके थे एंपलॉयर्स के बेनिफिट को हमेशा आगे रखने के मामले में उनका नाम आता है चाहे पेट लिप्स की बात हो हेल्थ केयर की बात हो इंश्योरेंस की बात वाला मन की बात हो या डाटा हमेशा अपने एंप्लॉइज के बारे में सोचा करते थे डाइजेस्टिव एंड सिलेक्शन प्रोसेस होते हैं होता है उसको ने मेरिट बेस्ड सिलेक्शन प्रॉसेस में तब्दील कर दिया था जेआरडी टाटा साफ इन प्राइस का इतना ख्याल रखते थे कि जब कभी वह कार से जा रहे थे ऑफिस रॉय जाता था उस गाड़ी में बिठाले थे आ जाओ साथ में चलते हैं तो इतना ख्याल रखते थे स्पिरिट आफ अपने पॉइंट्स का अगर आपको एक अच्छी कंपनी बिल पे करनी है अगर आप एक अच्छा समाज बनाना है तो सबको साथ में लेकर के सूचना और आखिरी पांचवीं सबसे बड़ी बात जो कि Tata सबसे सीखने को मिलती है आपकी जो स्ट्रैंथ एस उससे ही अपनी स्टडीज तैयार कीजिए आपकी ताकत से ही अपनी प्लानिंग हुए आगे की और करना शुरू कीजिए जेआरडी टाटा साहब के पास जब एयर इंडिया थी तो इंडिया के पास में सिर्फ और सिर्फ दो प्रिंस थे तीन पायलट से तीन इंजीनियर इतना कम स्टाफ इतने कम रिसोर्ट सकते उन्हें मालूम था कि दुनिया की बड़ी-बड़ी एयरलाइंस हम कंप्लीट नहीं कर सकते लेकिन हम बेस्ट क्या कर सकते हैं अब पंखों रह सकते हैं कि रिटर्न सकते हैं और हम हॉस्पिटैलिटी के मामले में सर्वश्रेष्ठ बन सकते हैं तो इन सारी बातों पर ज्यादा हटाने फोकस किया एयर इंडिया की फ्लाइट थी वह स्विटजरलैंड के जिनेवा में 11:00 लैंड करती थी एक किस्सा बड़ा फेमस है कि वह एक ऑफिशियल ने दूसरे से पूछा कि अभी टाइम क्या हुआ है तो उसने बिना घड़ी देखे कहा कि 11:00 तो शहर में खड़ी रहेंगी तो उसे देख रहे सामने इन एयरप्लेन आ चुका है इसका मतलब जरा बच्चों की है कि इतने जो है एक्यूरेट थे जेआरडी टाटा अपनी लाइफ को लेकर कितनी टाइम पर गिफ्ट पहुंचा करते थे और इन्हीं सब चीजों को लेकर केवल लाइफ में आगे बढ़ते हैं।
यह आटा सांप को ना सिर्फ भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया बल्कि फ्रांस के भी सर्वोच्च नागरिक सम्मान पुरस्कार लीजेंड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया जब भारत रत्न की घोषणा हुई रतन टाटा ने बताया कि आपको भारत रत्न दिया जा रहा है तो ज्यादा विटामिन ए रतन टाटा ने कहा कि रतन मैंने ऐसा क्या कर दिया अ मैं जरूर मैंने कुछ अच्छे काम किए होंगे।
लेकिन वह तो भारत का कोई भी नागरिक होता तो इसे भारत के लिए छह काम करने थे इतने साधारण थे इतने महान थे जे आर डी टाटा क कि जब वह अपने अंतिम क्षणों में थे जीवन के अंतिम पल जी रहे थे तब उन्होंने कहा कि आम अबाउट टो डिस्कवर न्यू वर्ल्ड इट्स गोइंग टो बे ए वेरी इंटरेस्टिंग वेरी वेरी इंटरेस्टिंग हैव एक नई दुनिया में प्रवेश करने जा रहा हूं यह रोचक रोमांचक होने वाली जो व्यक्ति मृत्यु के दरवाजे पर खड़ा हो और मृत्यु के पार अगले जन्म को एक मुस्कुराहट के साथ देख रहा है हमें सिखाता है कि जीवन में चाहे जितना अंधेरा जाए मैं आपको गुप्त उम्मीद की किरण है उसे न छोड़ें और आखिरी में जेआरडी टाटा सामने बड़े कमाल की बात कही कि पैसा खान की तरह होता है आप इस का ढेर लगा देते हैं तो यह बदबू मारने लगता है लेकिन उसे फैला देते हैं तो यह बढ़ता चला जाता है।