इस तरह किया जाएगा रतन टाटा जी का अंतिम संस्कार ?

रतन टाटा जी के देहांत की खबरें तो सभी मीडिया चैनल्स और सोशल मीडिया पर सुन रहे होंगे लेकिन क्या आप जानते हैं रतन टाटा जी का अंतिम संस्कार कैसे किया जाएगा सबसे पहले जानते हैं आखिर किस धर्म को पालन करते थे रतन टाटा जी रतन टाटा जी देश के सबसे बड़े बिजनेस टाइकून थे साथ ही सच्चे भारतीय भी थे।

अगर उनके धार्मिक आस्था की बात करें तो वे पारसी समुदाय के थे और वह पारसी समुदाय की धार्मिक रीति रिवाजों का पालन भी करते थे हालांकि समय-समय पर देखा गया है कि वह सभी धर्मों की आस्था का सम्मान करते थे और देश के सभी लोगों के लिए भलाई का कार्य करते थे अब जानते हैं पारसी समुदाय में कैसे होता है अंतिम संस्कार पारसी समुदाय में जब किसी व्यक्ति का देहांत हो जाता है तो उसे नहला धुला करर और पारसी पूजा पद्धति को करने के बाद उन्हें पारसी कब्रस्तान में ले जाया जाता है जिसे दखमा कहा जाता है वहां पर अंतिम संस्कार किया जाता है जिसे दुख विनाशिनी कहा जाता है।

अंतिम यही पारसी समुदाय में मृत शरीर को टावर ऑफ साइलेंस पर ले जाया जाता है जहां पर उन्हें छोड़ दिया जाता है फिर मांसाहारी पक्षी जैसे चील गिद्ध धीरे-धीरे मृत शरीर को खा जाते हैं हालांकि अब कुछ सालों से देश में गिद्ध की संख्या में बहुत ज्यादा गिरावट आई है जिसकी वजह से पारसी लोगों ने अब अपने अंतिम संस्कार के तरीके को बदलना शुरू कर दिया है।

किसी ने दफनाने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया तो किसी ने दाह संस्कार को स्वीकार कर लिया है हालांकि आज भी काफी पारसी लोग टावर ऑफ साइलेंस पर ले जाकर ही अंतिम संस्कार करते हैं।

गोलाकार खोखली इमारत के रूप में होता है लेकिन मीडिया रिपोर्ट के अनुसार प्राप्त जानकारी के अनुसार रतन टाटा जी को टावर ऑन ऑफ साइलेंस से उनका अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा बल्कि दाह संस्कार विधि से उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

सबसे पहले पार्थिव शरीर को प्रेयर हॉल में रखा जाएगा वहां पारसी रीति से गेह सारु पढ़ा जाएगा रतन टाटा के पार्थिव शरीर के मुंह पर एक कपड़े का टुकड़ा रखकर अह ना वेति का पहला पूरा अध्याय पढ़ा जाएगा यह शांति प्रार्थना की एक प्रक्रिया है इसके बाद इलेक्ट्रिक अग्नि दह से अंतिम संस्कार होगा – Generated with https://kome.ai

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