8 दिन में 10 किलो वजन हो गया था कम, 17 साल की उम्र से इस बीमारी से जूझ रहा है ये एक्टर।

आज दुनिया भर में वर्ल्ड डे मनाया जा रहा है. इस दिन का मकसद लोगों में डायबिटिज को लेकर जागरूकता फैलाना है. दरअसल आज दुनियाभर में ये एक जानलेवा बीमारी बन चुकी है. अकेले भारत में इस बीमारी से 10 मिलियन से ज्यादा लोग जूझ रहे हैं. वहीं हैरानी की बात है कि को दवाइयों से नहीं बल्कि अपने लाइफस्टाइल में बदलाव करके ही कंट्रोल किया जा सकता है. बता दें कि एक एक्टर भी सालों से इस बीमारी की गिरफ्त में है और उन्हें लेनी पड़ती है.

पाकिस्तानी अभिनेता फवाद खान ने कुछ हिंदी फिल्में भी की थी और अपनी दमदार अदाकारी का लोहा मनवाया था. बता दें कि फवाद खान सालों से बीमारी के शिकार हैं.फवाद ने खुद एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि वे 17 साल की उम्र से टाइप 1 बीमारी से जूझ रहे हैं. और इस बीमारी की वजह से उनकी लाइफ में काफी बदलाव आया.

दरअसल यूट्यूब चैनल फ्रीस्टाइल मिडिल ईस्ट से बातचीत में फवाद ने कहा कि जब वह 17 साल के थे तो उन्हें तेज बुखार आया और सिर्फ आठ दिनों में उनका वजन करीब 10 किलो कम हो गया था.उन्होंने कहा, ”मैं 65 किलो का था और 17 साल की उम्र में 55 किलो का हो गया.” जब वह डॉक्टर के पास गए तो पता चला कि उनका 600 था और फिर उनका तुरंत अस्पताल में चेकअप कराया गया. उन्होंने कहा, “मुझे दिया गया था और मैं 17 साल की उम्र से इंसुलिन ले रहा हूं और आज मैं 41 साल का हूं, इसलिए मधुमेह में मेरा 24 साल का करियर रहा है.”

फवाद ने अपने जीवन के उस दौर को याद किया और कहा कि के कुछ दिनों बाद तक उन्हें वास्तव में एहसास नहीं हुआ कि उन्हें अपनी इस बीमारी पर कंट्रोल पाने के लिए अपने लाइफस्टाइल को ही पूरी तरह बदलना होगा.

एक्टर ने कहा था, “ईमानदारी से कहूँ तो, जब मैं अस्पताल में था तो मुझ पर उतना बुरा प्रभाव नहीं पड़ा जितना मेरे पिता पर पड़ा. मेरे पिता इमोशनल इंसान हैं. मेरी माँ ने कहा कि यह शायद केवल दूसरी बार था, एक बार जब उनके भाई का निधन हुआ था और फिर ऐसा हुआ था.”

उन्होंने आगे बताया था, “पहले 2-3 दिन, इसका मुझ पर कोई असर नहीं हुआ. मुझे लगता है कि यह एक बार रावलपिंडी से वापसी की यात्रा थी. मैं पिछली सीट पर बैठा था और यह पहली बार था जब मुझे लगा कि मैं टूट गया और मैं रोने लगा और मैं कह रहा था कि ‘मेरे साथ ऐसा क्यों हुआ?’

फवाद ने कहा कि हर जगह ले जाना उनकी लाइफ का हिस्सा बन गया और उन्हें हर कुछ घंटों में अपनी ब्लड शुगर की लगातार जांच करनी पड़ती थी. फवाद ने कहा, “जब मेरी कम हो जाती है तो ऐसा महसूस होता है जैसे आपकी आत्मा को चूसा जा रहा है. मैं कभी-कभी फर्श पर गिर जाता था और सांस लेना मुश्किल हो जाता था. मुझे पसीना आ जायेगा. एक पॉइंट ऐसा था जहां मेरी एक आंख मुड़ने लगती थी. जैसे एक यहां रहेगा और दूसरा आना शुरू हो जाएगा, इसलिए उस पर भी मेरा कोई कंट्रोल नहीं था.”

ऐ दिल है मुश्किल एक्टर ने कहा था कि लोगों को ऐसी स्थितियों के बारे में ज्यादा जागरूक होने की जरूरत है और भले ही बहुत से लोग इस सिचुएशन से जूझ हैं, लेकिन बहुत से लोग इस बात से अवेयर नहीं हैं कि इमरजेंसी में क्या किया जाना चाहिए.

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