अपने आखरी वक्त में सतीश कौशिक ने बेटी के लिए कही थी ऐसी बात की जानकर आंसू आ जाए।

एक पिता अपनी निधन से पहले जो का गया वह सुनकर शायद उसकी बेटी का कलेजा कम जाएगा सतीश कौशिक कीनिधन वह जख्म है जिससे उभरते में लोगों को लंबा वक्त लगेगा एक बेहतरीन एक्टर डायरेक्टर से बढ़कर सतीश कौशिक एक निक इंसान और अच्छे पिता थे जब उनका निधन हुआ रही तब उनके मुंह से आखरी शब्द अपनी 11 साल की बेटी के लिए निकले जो बड़ी मिनट के बाद पैदा हुई थी।

सतीश कौशिक ने करने से पहले अपने मैनेजर से कहा था की मुझे अपनी बेटी वंशिका के लिए जीना है मुझे लगता है की मैं नहीं बेचूंगा अब आई टाइम्स को दिए इंटरव्यू में सतीश कौशिक के मैनेजर ने बताया सतीश कौशिक ने करीब 8:30 बजे अपना डिनर किया था।

अगली सुबह 9 मार्च को हमें मुंबई लौटना था उन्होंने मुझे कहा था की जल्दी सो जाते हैं सुबह फ्लाइट लेनी है इसके बाद मैं बराबर वाले रूम में सोनी के लिए चला गया रात के करीब 11:00 बजे उन्होंने मुझे फोन करके अपने रूम में बुलाया और कहा संतोष मुझे वी-फी का पासवर्ड सेट करना है मैं कागज तू देखना मैं बताता हूं ताकि एडिटिंग का कम कर सुकून फिर उन्होंने फिल्म देखनी शुरू की तो मैं अपने रूम में आजा और अचानक 12:00 बजे वो जोर-जोर से मेरा नाम पुकारने लगे मैं भगत हुआ गया और उनसे पूछा क्या हुआ सर तो उन्होंने कहा की उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही है मैं उन्हें डॉक्टर के पास ले जाऊं।

सतीश कौशिक की तबीयत बिगड़ना पर मैनेजर और ड्राइवर उन्हें डॉक्टर के पास ले जा रहे थे मैनेजर ने बताया की तभी रास्ते में उनके साइन का दर्द भरने लगा दर्द तेज होने पर सतीश कौशिक खाने लगे की जल्दी चलो हॉस्पिटल डर से तड़पते हो सतीश ने अपने मैनेजर से यह भी कहा की मैं मरना नहीं चाहता मुझे बच्चा लो तबीयत बिगड़ना पर सतीश कौशिक को डर सता रहा था निधन से पहले कर में हॉस्पिटल जाते समय उन्होंने अपने मैनेजर से उनकी पत्नी और बेटी वंश का का ख्याल रखना के लिए भी कहा था।

इस बड़े में मैनेजर संतोष ने बताया की कर में उनसे सतीश कौशिक ने कहा था की मुझे वंशिका के लिए जीना है मुझे लगता है की मैं नहीं बेचूंगा शशि और वंश का ख्याल रखना लेकिन मैनेजर और ड्राइवर सतीश को जब वॉटर अस्पताल लेकर पहुंचे तो वह होश में नहीं थे मैनेजर ने बताया की सतीश कौशिक ने हॉस्पिटल जाते समय रास्ते में ही रेस्पॉन्ड करना बैंड कर दिया था।

संतोष ने उन्हें हिलाने की कोशिश की लेकिन वो मूव नहीं कर रहे थे मैनेजर ने कहा मुझे लगा ही नहीं था की वो चले गए हैं क्योंकि कई बार वो मेरे कंधे पर सर रखकर सो जाते थे हॉस्पिटल में डॉक्टर की टीम ने उनका चेक किया लेकिन कुछ डर बाद डॉक्टर ने बताया की वो रेस्पॉन्ड नहीं कर रहे हैं मैनेजर ने कहा उसे समय 12:36 हो रहे थे मैंने सतीश जी की बहन के बच्चों को कल करके बुलाया जो दिल्ली में ही रहते हैं फिर उनकी पत्नी को कॉल किया।

हालांकि संतोष ने सतीश की पत्नी को उनके निधन की खबर की जानकारी नहीं दी मैंने जो ने सतीश की पत्नी से सिर्फ इतना कहा की वो सीरियस कंडीशन में है मैनेजर ने यह भी बताया की उन्होंने अनुपम खेर को कल करके सतीश जी के निधन के बड़े में जानकारी दी थी हालांकि उन्होंने अपना फोन नहीं उठाया फिर संतोष ने उनके क परसों को कल करके उन्हें ये जानकारी दी संतोष ने बताया की सतीश कौशिक हमेशा उनसे कहते थे की अगर उनके साथ कुछ भी हो किसी चीज की भी जरूर हो सबसे पहले अनुपम खेर और अनिल कपूर को कल करना सतीश कौशिक अपनी लाडली बेटी वंश का से बेपनाह प्यार करते थे वह अपनी बेटी को बड़े होते देखना चाहते थे बेटी की शादी देखना चाहते थे मैनेजर ने बताया की सतीश और उनकी बेटी एक दूसरे के काफी करीब थे पिता की मौत की खबर सुनकर वंश का बहुत रो रही है ।

लेकिन अब वो बिल्कुल शांत हो गई है वो अब कुछ भी नहीं बोल रही वहीं सतीश जी की पत्नी का रो-रो कर बड़ा हाल है दोस्त और रिश्तेदार पत्नी को संभालने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन वो सदमे से बाहर नहीं ए का रही हैं मैनेजर की यह बातें बेहद भावुक करने वाली हैं सतीश कौशिक जीना चाहते थे लेकिन कल के करूर हाथों ने उन्हें छन लिया एक बेटी कम उम्र में अपने पिता से दूर हो गई शायद घटना वो अपनी पुरी जिंदगी नहीं बोल पाएगी

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