हिंदू से प्यार और शादी तक के सफर की शाहरुख की अनसुनी कहानी।

शाहरुख खान 15 साल के थे जब पिता ताज मोहब्बत का इंतकाल हो गया था उन्हें कैंसर था परिवार पर आफत आ पड़ी और यहां से शुरू हुआ रोमांस के किंग कहे जाने वाले शाहरुख खान का संघर्ष शाहरुख खान को अगर किसी को जानना हो तो वह पहले पाकिस्तान के पेशावर को जाने जहां से उनके पिता पैदल दिल्ली आए थे और खान अब्दुल गफ्फार खान के साथ मिलकर भारत की आजादी के लिए लड़े थे।

शाहरुख खान के दादा सुभाष बोस की आर्मी में मेजर थे शाहरुख खान की कहानी में पेशावर है दिल्ली है और माया नगरी मुंबई और इसके अलावा दुनिया की सबसे खूबसूरत जगहों में शुमार स्विटजरलैंड भी 2 नवंबर 1965 को जन् में शाहरुख के पिता और उनकी मां के मिलने का किस्सा भी बड़ा फिल्मी है दरअसल ताज मोहम्मद इंडिया गेट पर अपने दोस्तों के साथ घूम रहे थे तभी एक कार आई और डिवाइडर से टकरा गई फातिमा बेहोश पड़ी थी।

ताज आगे आए और दोस्तों के साथ मिलकर उस लड़की को अस्पताल ले गए खून बहुत ज्यादा बह चुका था उन्होंने खून भी दिया लड़की की सगाई मशहूर क्रिकेटर अब्बास अली बेग से हो चुकी थी ये लड़की थी लतीफ फातिमा खान एक्सीडेंट के बाद याददाश्त आ चुकी थी ताज फातिमा को कॉलेज छोड़ने जाते और उनका पूरा ख्याल रखते थे धीरे-धीरे उन्हें फातिमा से प्यार हो गया फातिमा के पिता से शादी के लिए बात की तो उन्होंने कहा मेरी छोटी बेटी से शादी कर लो ताज ने कहा मैं शादी फातिमा से ही करूंगा ताज मोहम्मद के प्यार के आगे परिवार को हार माननी पड़ी और दोनों की शादी हो गई।

बहुत कम लोग यह जानते हैं कि शाहरुख खान के पिता ने मेवात से आम चुनाव भी लड़ा था लेकिन हार गए थे राजनीति से उनका मन भर गया गांधी नेहरू परिवार से ताज मोहम्मद की नजदीकी थी लेकिन वह बड़े स्वाभिमानी आदमी थे घर चलाने के लिए ताज मोहम्मद ने दिल्ली के रशियन कल्चर के सामने चाय की दुकान खोली दुकान चल गई और फिर ताज मोहम्मद ने छोले भटूरे बनाना भी शुरू कर दिया शाहरुख खान तब आ साल के थे और वह कभी-कभी दुकान पर जाते थे ताज मोहम्मद ने एनएसज में कैंटीन भी चलाई इस बीच मां फातिमा एक समाजसेवी संगठन में सोशल मजिस्ट्रेट की नौकरी करने लगी।

शाहरुख के नौ फिल्मों में उनके किरदार का नाम राहुल है अब तक फिल्मों में शाहरुख खान ने विलन की भूमिका निभाई है उनके करियर में 16 फिल्में ऐसी हैं जिनमें उनका किरदार मर जाता है बॉलीवुड के सरताज बन चुके एसआरके की हिंदी बहुत कमजोर थी मां ने एक बार कहा था कि हिंदी में अच्छे नंबर लाओगे तो मूवी दिखाऊंगी शाहरुख को उस साल सबसे ज्यादा नंबर हिंदी में ही आए लोग इस बात पर यकीन ना करें लेकिन यह सच है कि शाहरुख खान को आइसक्रीम खाना पसंद नहीं है।

बॉलीवुड के बादशाह को घुर सवारी का फोबिया है 1994 में शाहरुख की फिल्म कभी हां कभी ना रिलीज हुई थी फिल्म के रिलीज के दिन शाहरुख ने एक थिएटर काउंटर पर बैठकर टिकट बेचा था इस फिल्म के लिए उन्हें ₹2500000 [संगीत] क्या पता दोस्त सपने में किससे मुलाकात हो [संगीत] जाए 1980 में पिता की कैंसर से मौत हो गई और 26 से भी कम उम्र में शाहरुख खान की मां फातिमा भी चल बसी शाहरुख खान की मां का यह मानना था कि उनका बेटा एक दिन बहुत बड़ा स्टार बनेगा वह बात सच भी साबित हुई लेकिन शाहरुख की शोहरत की बुलंदियों तक पहुंचने से पहले ही वह इस दुनिया को अलविदा कह चुकी थी [संगीत] शाहरुख खान की शुरुआती पढ़ाई दिल्ली के सेंट कोलंबिया स्कूल से हुई शाहरुख स्कूल के दिनों से ही हॉकी फुटबॉल और क्रिकेट में काफी दिलचस्पी रखते थे शाहरुख को करीब से जानने वाले कहते हैं कि शाहरुख बचपन में बहुत तेज भागते थे इसलिए उनके दोस्त उन्हें मेल एक्सप्रेस कहकर बुलाते थे बॉलीवुड के बादशाह कहे जाने वाले शाहरुख खान ने दिल्ली के हंसराज कॉलेज से इकोनॉमिक्स में स्नातक किया है शाहरुख खान ने जामिया से मास कम्युनिकेशन में पीजी के लिए दाखिला भी लिया था लेकिन अपनी एक्टिंग करियर को आगे बढ़ाने के लिए बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी और बैरी जॉन से एक्टिंग सीखने लगे जहां उनके दोस्त थे।

मनोज वाजपेई लॉस एंजलिस टाइम्स ने एक बार शाहरुख खान को दुनिया का सबसे बड़ा मूवी स्टार कहा था 2014 में एक रिपोर्ट के मुताबिक शाहरुख खान दुनिया के दूसरे सबसे अमीर एक्टर थे विदेशों में शाहरुख खान की दीवानगी ऐसी है कि कहा जाता है कि वह जब भी बर्लिन में हो हैं तो वहां का ट्रैफिक थमसा जाता [संगीत] है शाहरुख खान ने गौरी से शादी की है अपने पिता की तरह इन दोनों की भी लव स्टोरी बड़ी दिलचस्प है गौरी पारंपरिक हिंदू पंजाबी परिवार से आती हैं दोनों की पहली मुलाकात दिल्ली में ही हुई थी शाहरुख अक्सर गौरी को गोरी तेरा गांव बड़ा प्यारा गाना गाकर चिढ़ाते थे 13 साल तक शाहरुख ने गौरी को प्यार की बात नहीं बताई और एक दिन अचानक शाहरुख ने कहा गौरी मैं तुमसे शादी करूंगा दोनों के रिश्तों के बारे में जब गौरी के परिवार को पता चला तो गौरी का घर से निकलना कम हो गया।

लेकिन शाहरुख खान लगे रहे अपने प्यार को पाने के लिए शाहरुख गौरी के भतीज को थिएटर ले जाते डिस्को ले जाते इस तरह से गौरी के परिवार वालों को उन्होंने अपने पाले में खींच लिया शाहरुख को गौरी का दूसरे लड़कों से मिलना पसंद नहीं था वह गौरी को कहते थे मैं यह नहीं कहता कि तुम मेरे साथ बैठो लेकिन दूसरों के साथ मैं तुम्हें देख नहीं सकता शाहरुख गौरी के बाल खुले होने पर भी नाराज हो जाते थे क्योंकि वह मानते थे कि खुले बालों में गौरी बेहद खूबसूरत लगती है और मैं नहीं चाहता कि उसकी इस खूबसूरती को कोई और देखे बहुत कम लोग यह जानते हैं कि शाहरुख पहली बार गौरी के लिए ही मुंबई आए थे गौरी किसी रिश्तेदार के यहां मुंबई आई थी शाहरुख को पता था कि गौरी को समंदर देखना पसंद है।

इसलिए वह हर शाम गौरी को मुंबई के बीचों पर ढूंढते और एक दिन गौरी बीच पर मिली गई शाहरुख को देखकर गौरी उनके गले लगकर फूटू कर रोई टीवी से शुरुआत करने वाले शाहरुख ने दिल दरिया फौजी सर्कस जैसे सीरियल्स के दम पर अपनी एक अलग ही पहचान बना ली थी लेकिन जैसा कि उनकी मां कहा करती थी कि मेरा बेटा एक दिन बड़ा स्टार बनेगा उन्होंने अपना संघर्ष नहीं छोड़ा और बन गए रोमांस के किंग शाहरुख खान पहली बार दीवाना में बड़े पर्दे पर दिखे थे दीवाना में दिव्या भारती और ऋषि कपूर थे लेकिन शाहरुख खान सबकी नजरों में आ चुके थे शाहरुख के फिल्मी करियर को नजदीक से जानने वालों का मानना है कि डर और बाजीगर उनके करियर की वोह शुरुआती फिल्म थी जिसने यह बता दिया था कि दिल्ली का यह लड़का आने वाले सालों में मुंबई पर राज करेगा दरअसल शाहरुख खान का एक जादू यह भी है कि जब आप उन्हें देखते हैं तो उनकी बनाई कायनात में चले जाते हैं जहां कोई दूसरा होता ही नहीं 1995 में शाहरुख खान निर्देशक निर्माता प्रेम लालवानी की फिल्म गुड्डू का हिस्सा बने थे जिसके पैसे से उन्होंने उन्होंने मुंबई में अपना पहला फ्लैट लिया था 2001 में शाहरुख ने महज 13.3 2 करोड़ में बांदरा के समुद्र किनारे वाला विला वियाना लिया था जिसका नाम बाद में जन्नत रखा था।

इस घर में आने के बाद उनकी सभी मन्नतें पूरी होने लगी तो उन्होंने घर का नाम बदलकर मन्नत रख दिया शाहरुख खान को रोमांस का किंग कहा जाता है देवदास वीर जारा दिल तोत पागल है डीडीएलजे जैसी फिल्मों ने उन्हें भारत का नया सुपरस्टार बना दिया 2006 में फरहान अख्तर ने डॉन की रिमेक बनाई और शाहरुख के एक्शन अवतार को लोगों ने खूब पसंद किया माय नेम इस खान से उन्होंने अपनी एक्टिंग स्किल दिखाई तो मनीष शर्मा की फैन आनंद एल रॉय की जीरो राहुल ढोलकिया की रईस जैसी फिल्मों के जरिए उन्होंने एक्सपेरिमेंट भी किया शाहरुख खान की सबसे बड़ी फैन फॉलोइंग लड़कियों के बीच है लेकिन बहुत कम लोगों को यह मालूम है कि किंग खान सबसे ज्यादा लड़कियों से ही शर्माते हैं यही नहीं शाहरुख को लड़कियों से डर भी लगता है।

शाहरुख खान की सबसे बड़ी खूबी यह है कि वह आंखों से बात करते हैं यह बात तब की है जब सलमान और शाहरुख के बीच 36 का आंकड़ा था सलमान से किसी शो में पूछा गया शाहरुख खान में आपको क्या अच्छा लगता है सलमान का जवाब था उसकी आंखें बहुत बोलती हैं शाहरुख खान साधारण किरदार को असाधारण बनाने का नाम है।

शाहरुख खान बॉलीवुड की फिल्मों के लिए एक नया वैश्विक बाजार देने का नाम है शाहरुख खान को एक्सीडेंटल स्टार नहीं है मध्यम वर्ग से निकला एक लड़का है जिसने अपना बचपन और अपनी जवानी किराए के घर में गुजारी शाहरुख खान उस स्टारडम का नाम है जिसे बड़े ही करीने से सजाया गया है दिल्ली का एक लड़का जिसकी नानी ने उसका नाम अब्दुल रहमान रखा था लेकिन पिता ने शाहरुख नाम रख दिया कहते हैं नाम का बहुत असर होता है शाह मतलब बादशाह और रुख माने चेहरा पिता ने नाम।

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