सलमान के एक धोखे से कैसे रजत बेदी हुए बर्बाद ! आज जी रहे है गुमनामी भरी जिंदगी

आज हम एक ऐसे कलाकार के बारे में बातचीत करने वाले हैं जिस कलाकार ने इंडस्ट्री में रहते हुए करीब आठ साल तक काम किया और आठ साल के अपने शानदार फिल्मी सफर के दौरान 140 फिल्में की लेकिन अचानक से इस कलाकार ने इंडस्ट्री को हमेशा हमेशा के लिए अलविदा कह दिया इस कलाकार का नाम है रजत बेदी।

रजत बेदी की भी आपने कई सारी फिल्में देखी होगी यह जो अपने करियर के चरम सीमा पर थे तो उस समय गोविंदा जैसे सुपरस्टार भी अपने आपको इनसिक्योर फील करते थे लेकिन करियर के ढलान पर आ करें सलमान खान जैसे शख्स ने भी इनकी कोई भी मदनी की या यूं कहें कि सलमान खान ने Maine बर्बाद करने में कोई भी कसर नहीं छोड़ा आइए चलिए जानते हैं कि रजत बेदी के साथ ऐसा क्या हो जाता है कि डिप्टी से हमेशा हमेशा के लिए अलविदा कहने पर मजबूर हो जाते हैं अर्जित विधि कि माता-पिता और बहन इंडस्ट्री से ताल्लुकात रखते थे और यही बड़ी वजह थी कि वह इंडस्ट्री में एक बड़ा नाम और शोहरत कमाना चाहते थे।

लेकिन अच्छे लोग और दमदार अभिनय के बावजूद भी रजत बेदी फिल्म इंडस्ट्री में ज्यादा समय तक नहीं टिक पाए और जैसे कि आप सभी जानते हैं कि बॉलीवुड कार्य वसु शुक्र आज गुमनामी की जिंदगी जीने पर मजबूर हो चुका है रमेश का जन्म एक जनवरी 1970 को हुआ था और इस समय उनकी उम्र करीब 52 साल के आसपास है और लेकिन बावन साल के उम्र बेबी इन के चेहरे पर वही चमक है जो आज से करीब बीस-पच्चीस साल पहले हमें देखने को मिली इंडस्ट्री में पहला कदम रखते हुए रजत बेदी ने काफी लाइमलाइट बटोर ली थी और सभी लोगों को लगा कि आने वाले समय में और यह लंबी रेस का घोड़ा साबित होंगे ।

लेकिन जैसे-जैसे इन के लोगों की जमकर तारीफ होने लगी वैसे-वैसे उनके कई सारे अभिनेता दुश्मन रिबन के जिसका अर्थ यह हुआ कि के करियर को इससे भी लोगों की नजर रख करियर की तरफ डालें तो रजत बेदी ऐसी पहली बार लाइमलाइट में आते हैं साल 1994 में किसानों की ससुराल में ब्लैक ड्रेस मिस्टर इंडिया था पहली बार इस खिताब को जीतने के लिए काफी चर्चाओं में और के कारण वह एकदम सही मोड की दुनिया में गए थे जिसकी वजह से उनके लिए कोई बड़ी बात नहीं है वृषभ इंडस्ट्री में थे।

Q ऐसे में वृद्धि भी चाहते थे कि मेडिसिटी में आकर काफी नाम और अमाउंट और अपने घर वालों का नाम भी रोशन कुरूप लेकिन ऐसा नहीं हो पाया अभिषेक की पहली फिल्म की तरफ डालें तो उनकी पहली फिल्म 2001 में आई जोड़ी नंबर वन थी जिसे डेविड धवन बना रहे थे फिल्म के लीड हीरो गोविंदा और संजय दत्त गोविंदा संजय दत्त इस पर के किरदार में नजर आए।

लेकिन बतौर गेस्ट अपीयरेंस इस फिल्म में नजर आए तो गोविंदा ने उनके कद काठी और उसको तो गोविंदा खुद को सिक्योर फील करने लगे को इस बात का डर लगने लगा कि कहीं मेरी लाइफ के निर्देशक डेविड धवन से इस बारे में बातचीत की जोड़ी नंबर वन को रिलीज होने में काफी समय लगा और यह एक और की पहली फिल्म में अपने किरदार के जरिए इंडस्ट्री में काफी लाइफ में कई सब्सक्राइब करने के बाद उन्हें और क्षेत्र में काम करने का मौका मिलता है और यह सब इंडियन जिस फिल्म में उन्होंने सनी देओल जैसे सुपरस्टार के साथ काम किया आने वाले समय में यह दिल आशिकाना इस फिल्म में उन्होंने विजय वर्मा का किरदार निभाता है इस किरदार की भी जमकर तारीफ में साथियों संग 2002 में रिलीज़ हुई मां तुझे सलाम तो आपको याद ही होगी इस फिल्म में उन्होंने चैप्टर नासिर खान का किरदार निभाया है जो कि गेस्ट अपीयरेंस होता है लेकिन इसी वर्ष इन चीजों को और फिर रिलीज हुई थी इस फिल्म की तारीफ है आज भी की जाती है अब बात करना चाहिए जानी दुश्मन एक अनोखी कहानी फिल्म साबित हुई।

इस फिल्म रज्जो का किरदार काफी की कहानी पर ही टिकी हुई थी सब्सक्राइब किरदार निभाया था फिल्म इंडस्ट्री में थे लेकिन पुलिस ने उन्हें विलेन के रोल मिलने लगे और यही वजह थी कि वे कुछ न कुछ करते रहना चाहते थे ताकि इंडस्ट्री ने गिरफ्तार कर लिया है कि है कई सारे के धार्मिक और इन सभी किरदारों में पानी कितना ढूंढूं लेकिन आने वाले समय में कुछ ऐसा हो गया जिसकी कल्पना रजत बेदी ने कभी भी निकली थी।

रजत बेदी इंडस्ट्री में रहते हुए काफी नाम और शोहरत कमाना चाहते थे लेकिन उनकी पर्सनालिटी इन्हीं पर भारी पड़ गई बताया जाता है कि सन 2010 के बाहर रजत बेदी के बाद कई सारे प्रोजेक्ट थे लेकिन एक-एक करके कई सारे प्रोजेक्ट इंच की ने गई जिससे आहत होकर रजत बेदी बहुत ज्यादा परेशान हो गए थे अब थक हारकर रजत बेदी इतना ज्यादा मायूस हो जाते हैं कि उन्होंने इंडस्ट्री को वोट करने का फैसला कर लेते हैं और इंडस्ट्री का फिट करने के बाद वह कनाडा चले जाता है पड़ा जाकर कुछ पैसा इकट्ठा करके रियल स्टेट का काम शुरू करते हैं पहले तो उनका बिजनेस काफी अच्छा खासा चलता है ।

लेकिन बिजनस में लॉन्च होने के बाद एक बार फिर से एक हाथ मा विस्की लगती है फिर वह दोबारा से आकर इंडिया में फिर से अपने प्रोफेसर को आगे बढ़ाना चाहते थे इंडिया कर एक बार फिर से बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में एग्जाम पॉइंट कमाना चाहते थे अब इंडिया वापस आकर कुछ सालों के बाद 2016 में इन एक बड़ी फिल्म में काम करने का मौका मिलता है और साथ एक बड़ी फिल्म उन्होंने डॉन का किरदार निभाया।

2016 में इस फिल्म को करने के बाद रजत बेदी को एक बड़ा ऑफर मिलता है वह भी बॉलीवुड के भाइजान सलमान खान की तरफ से सलमान खान की फिल्म राज योग मोस्ट वांटेड ही तो आपको याद ही होगी इस फिल्म के एक सीन को फिल्माने के लिए विदेशों से इसका डायरेक्टर को बुलाया गया था स्कूल का निर्माण भी बड़े पैमाने पर किया गया था बताया जाता है कि वे इस फिल्म में एक अहम किरदार निभाने वाले थे और इसके लिए सलमान खान ने खुद पर्सनली रजत बेदी से बातचीत भी की थी तब सलमान खान की तरफ से ऐसा ऑफर मिला तो रजत बेदी बहुत ज्यादा खुश हुए उन्हें लगा कि शायद आप मेरे करियर को लंबा मिल जाएगी क्योंकि मुझे बॉलीवुड के भाईजान सलमान खान के साथ एक बड़ी फिल्म में काम करने का मौका मिलने वाला है।

हालांकि इससे पहले भी वह साल 2007 में पार्टनर फिल्म में काम कर चुके थे लेकिन सलमान खान की फिल्म में रानी और मोस्ट टोटल भाई कई मायने में खास तौर पर मैं काम करने के लिए यदि खुद को रोक नहीं पा रहे थे लेकिन सलमान खान ने कुछ ऐसा रजत बेदी के लिए कर दिया जिसकी उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी एक तरफ जहां रजत बेदी बहुत ज्यादा खुश तो वहीं दूसरी और सलमान खान ने उन्हें प्रश्न ग़ालिब एक तो यह कहते हुए उन्हें स्कूल से निकाल दिया कि तुम्हारे लिए हमें कुछ बड़ा सोचा है हम आने वाले है किसी ना किसी बड़ी फिल्म है तुम्हें बड़ा यह देखिए।

यह सुनने के बाद रजत बेदी बारिश होते हैं लेकिन उनकी आंखों में एक हाथ जरूर नजर आती है कि शायद भाईजान सलमान खान है कि मेरे डूबते हुए करीयर को बचा लेंगे खैर आने वाले समय में रजत बेदी पर क्या सलमान खान मेहरबान होते हैं या फिर नहीं।

लेकिन अब बात करें रजत बेदी की पर्सनल लाइफ की तो फिर हार आज वह गुमनामी की जिंदगी जीने पर मजबूर है आरजू अपनी पत्नी मोना लीसा बेदी और अपने दो बच्चों के साथ किसी वैवाहिक जीवन व्यतीत कर रहे हैं लेकिन वृद्धि के अंदर आज भी एक बड़ा सपना है कि वह बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में एक बड़ा नाम कमाया लेकिन उनका यह सपना धरा का धरा रह गया।

Leave a Comment