क्यों फूट फूटकर रोने लगी साध्वी हर्षा?

प्रयागराज के महाकुंभ का भव्य आयोजन तो हो चुका है इस कुंभ में देश भर के साधु संत जुटे हैं यह अलग-अलग कारणों के लिए सोशल मीडिया पर भी छाया है इनमें से ही एक है हर्षा रचाया जो कथित साधवी भी हैं और सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोर रही हैं अब इनका एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें हर्षा ने संत पर आरोप लगाते हुए महाकुंभ छोड़ने का ऐलान किया दरअसल महाकुंभ में पहुंची कथित साधवी कि कई सारे वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं ।

इन्हीं में से एक वीडियो वायरल हुआ जिसने सभी को चौका दिया हर्षा ने महाकुंभ छोड़ने का फैसला किया खुद को निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी श्री कैलाशानंद गिरी जी महाराज की शिष्य होने का दावा करने वाली हर्षा अब महाकुंभ छोड़ने का फैसला कर चुकी हैं दरअसल हर्षा कहती हैं कि शर्म आनी चाहिए कि एक लड़की जो धर्म से जुड़ने आई थी धर्म को समझने आई थी सनातन संस्कृति को समझने आई थी आपने उसको इस लायक ही नहीं छोड़ा कि वो पूरे कुंभ में रुक पाए वो कुंभ जो हमारी जीवन में एक बार आएगा आपने वह कुंभ एक इंसान से छीन लिया इसके पुण्य का तो पता नहीं।

लेकिन यह जो आनंद स्वरूप है आपको उसका पाप जरूर लगेगा हर्षा ने यह भी कहा कि यहां कुछ लोगों ने ही मुझे धर्म से जुड़ने का मौका नहीं दिया यहां की संस्कृति को समझने का मौका नहीं दिया हर्षा ने यह भी कहा कि इस कॉटेज में रहकर मुझे फील हो रहा है कि मैंने कोई बड़ा गुनाह कर दिया है जबकि मेरी गलती नहीं है पहले मैं आई थी पूरे महाकुंभ में रहने की मंशा से पूरे 24 घंटे इस रूम को देखना पड़ रहा है तो इससे बैठ बटर है कि मैं महाकम से ही चली जाऊं दरअसल जिस संत आनंद स्वरूप जी महाराज पर हर्षा ने आरोप लगाया वह शंभवी पीठाधीश्वर स्वामी है निरंजनी अखाड़े की पेशवाई के दौरान रत पर बैठाने को लेकर तीखी प्रतिक्रिया उन्होंने ही दी थी अब इस वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही लोगों ने भी कॉमेंट करना शुरू कर दिया एक यूजर ने लिखा जो करने आई थी वोह हो गया आपको प्रसिद्धि चाहिए वो मिल गई पूरी दुनिया जानने लगी अगर तुमने यह सब पाने के लिए सब ढोंग किया तो भगवान माफ नहीं करेंगे और पुराने कर्म तो साथ-साथ चलेंगे ही वो तो झेलना पड़ेगा।

वहीं एक यूजर ने लिखा कृपया डेबिट कार्ड उपयोग करें विक्टिम कार्ड की वैधता समाप्त हो चुकी है वहीं एक यूजर का कहना है कि वैराग्य और सन्यास में फर्क होता है पर संन्यास का रास्ता वैराग्य से गुजर कर जाता है यह ढाई किलो मेकअप लगाकर कौन सा वैराग हो गया तुमको और जो धार्मिक होता है व्यक्ति वो सबसे पहले सही और गलत का अंतर समझता है।

सोशल मीडिया से लाइमलाइट बटोर वैरागी का लक्षण नहीं वहीं कुछ लोगों ने उन्हें सपोर्ट करते हुए भी लिखा हर व्यक्ति का अतीत होता है आधुनिक जीना कुछ गलत नहीं है सनातन के महाकुंभ से जाना कहां तक उचित है।

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