सीडीएससीओ यानी कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने सितंबर के लिए अपनी मासिक रिपोर्ट जारी की है आपको जानकर हैरानी होगी कि इस रिपोर्ट में 49 दवाएं क्वालिटी टेस्ट में फेल हो गई हैं यानी कि खराब साबित हुई हैं लगभग हर महीने सीडीएससीओ अपनी वेबसाइट पर इन दवाओं के लिस्ट जारी करता है जिसमें दवाइयों की टेस्टिंग के माध्यम से यह पता लगाया जाता है कि यह दवाइयां क्वालिटी टेस्ट में पास हुई हैं या नहीं और अगर नहीं हुई हैं तो वह किस मैन्युफैक्चरर के पास बनी हैं।
डीएससीओ द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक सीरप समेत आदि दवाएं शामिल हैं गौर करने वाली बात है कि इन दवाओं का इस्तेमाल लोग आमतौर पर गैस्ट्रिक बुखार खांसी और दर्द के लिए करते हैं इस लिस्ट में कुल 49 दवाएं ऐसी हैं जो गुणवत्ता जांच में फेल साबित हुई हैं इनमें वह दवाएं भी शामिल हैं जिन्हें डॉक्टर्स आमतौर पर मरीजों को देते हैं वहीं पैरासिटामोल लगातार दूसरे महीने भी क्वालिटी टेस्ट पास नहीं कर पाई बता दें कि टेस्टिंग पैरामीटर्स में अगर कोई दवाएं फेल हो जाती हैं तो उसे स्टैंडर्ड क्वालिटी का नहीं कहा जा सकता इससे यह समझा जाता है कि जिस कंपनी ने यह दवाई बनाई है ।
उस कंपनी की उस बैच की दवा स्टैंडर्ड के मुताबिक नहीं है जो भी दवाएं क्वालिटी टेस्ट में फेल हुई हैं उन दबाव के सैंपल मार्केट में मौजूद थे मार्केट से ही उनके सैंपल लेकर टेस्ट किए गए और इन कंपनियों को नोटिस जारी कर दिया गया है गौर करने वाली बात है कि सीडीएस सीओ की रिपोर्ट में चार ऐसी दवाएं भी शामिल हैं जिन्हें किसी बड़ी कंपनी के नाम से दूसरी कंपनी ने बनाकर मार्केट में भेज दिया इन दवाओं में 500 विटामिन लिस्ट में मैटर निडल जो कि हिंदुस्तान l लिमिटेड पुने से बनी है वो भी इस टेस्ट में फेल हो गई ।
अगस्त की रिपोर्ट के मुताबिक समेत 53 दवाएं क्वालिटी टेस्ट में फेल हुई थी बता दें कि स्टैंडर्ड क्वालिटी के मुताबिक दवा ना होने से काफी लोग खराब दवाइयों को इस्तेमाल कर लेते हैं लगातार खराब क्वालिटी की दवा खाने से सेहत पर बुरा असर पड़ता है इससे मरीजों की परेशानी बढ़ सकती है बता दें कि केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन हर महीने बाजार से अलग-अलग दवाइयों के सैंपल टेस्ट करता है जिसके बाद हर महीने क्वालिटी टेस्ट की रिपोर्ट जारी की जाती है।