ये काला सच जानने के बाद अमिताभ बच्चन को आप नहीं कहेंगे महानायक।

अमिताभ बच्चन जिन्हें आज सदी का महानायक कहा जाता है पिंकू फिल्मी सफर काफी चर्चाओं के केंद्र में बना ही रहता है और जैसे कि आप सभी जानते हैं कि साथ 1972 में आई फिल्म सात हिंदुस्तानी में इन्होंने अनवर अली का किरदार निभाया था यह की पहली वृद्धि और इस फिल्म के लिए नेशनल फिल्म अवॉर्ड फॉर बेस्ट न्यूकमर से नवाजा भी गया इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा अमिताभ बच्चन की बात करें तो जब यह स्ट्रगल कर रहे थे तो उनकी कद-काठी और आवाज को लेकर कई सारे निर्माता व निर्देशक को समेत बॉलीवुड के तमाम दिग्गज अभिनेताओं ने इनका मजाक तक उड़ाया था।

लेकिन यह है कि आप सभी जानते हैं कि आज अमिताभ बच्चन की आवाज इतनी ज्यादा फेमस हो गई है जिसे हर कोई पसंद करता है अमिताभ बच्चन जब अपने करियर के शुरूआती सालों में फिल्म इंडस्ट्री में स्ट्रगल कर रहे थे तो उन्हें सहारा देने वाले तमाम लोगों में से एक एक्टर डायरेक्टर महमूद की थे एक के बाद एक तमाम फिल्मों की असफलता से निराश होकर अमिताभ अपना बोरिया-बिस्तर समेट महानगर वापस लौट रहे थे।

तब महमूद ही वह शख्स थे जिसने अमिताभ को रोका था ना सिर्फ उनके रहने की व्यवस्था की बल्कि फिल्म में दिलाई अपने फिल्म मुंबई टू गोवा में अमिताभ बच्चन को लीड रोल भी दिलाया इस फिल्म की सफलता की बदोलत अमिताभ के खाते में जैसी फिल्में आई जिसने उन्हें बॉलीवुड में स्थापित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई महमूद अमिताभ के तमाम बुरे दिनों में उनके साथ खड़े रहे।

खुद को उनका दूसरा बाद भी कहा करते थे महमूद का कहना था कि हरिवंश राय बच्चन ने तो सिर्फ अमिताभ को जन्म दिया है लेकिन उन्होंने अमित को पैसे कमाना सिखाया।

हमने कि जब अमिताभ अपने करीयर की बुलंदियों पर चढ़ने लगे तब अमिताभ से उनकी दूरी पड़ गई यह तू भी इस कदर बढ़ी कि महमूद को आखरी दिनों तक एक वाक्य परेशान करता रहा महमूद ने अपने एक इंटरव्यू में अमिताभ से अपने संबंधों और इस घटना का जिक्र करते हुए कहा था मैंने अमित को अपने साथ घर में रखकर पिक्चरें दिलाई काम करना सिखाया काम दिया और पैसे कमाना सिखा है लेकिन आखिर में मुझे बहुत रूखवा महमूद इसे दलों के दौरान आगे कहते हैं जो मेरी ओपन हुई थी तो उसके एक दो हफ्ते पहले ही इनके यानि अमिताभ बच्चन के फादर गिर गए थे मैं उन्हें देखने के लिए अमित के घर भी गया था इस घटना के एक हफ्ते बाद ही मेरी बाईपास सर्जरी हुई थी तो अमित अपने वालिद को लेकर उसी ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में आए जहां मेरी हुई थी।

लेकिन अमित ने यह दिखा दिया कि असली बाप असली होता है और नकली बाप नकली होता है हालांकि इस घटना का जिक्र करते हुए गले से महमूद ने कहा था कि उसने आकर मुझे हॉस्पिटल में 20 तक नहीं किया मुझसे मिलने भी नहीं आया गेट वेल सून का एक कार्ड तक नहीं भेजा एक छोटा सा फूल भी नहीं भेजा यह जानते हुए भी कि भाई जान भी इसी हॉस्पिटल में है मैंने उसे माफ कर दिया है कोई बद्दुआ नहीं थी लेकिन दूसरों के साथ ऐसा सलूक ना करें।

हम तो आपके अगर स्ट्रगल की बात करें तो उनका स्ट्रगल काफी संघर्षों भरा रहा है जानकारी के लिए बताना चाहेंगे कि अमिताभ बच्चन के संघर्ष के दिनों में जाने-माने रा नेता अमर सिंह ने उनकी तमाम मदद की थी खुद अमिताभ ने एक इंटरव्यू में कहा था कि अगर अमर सिंह नहीं होते तो मैं मुंबई में टैक्सी चला रहा होता बाद के दिनों में अमिताभ और अमर सिंह के संबंधों में भी खटास आ गई थी तब अमर सिंह खुलेआम बच्चन परिवार पर हमलावर थे।

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