दोस्तों कहा जाता है कि वक्त का फेर कब क्या रंग दिखा दे इस बात का किसी को कुछ नहीं पता वक्त साथ ना दे तो नवाबों के पास भी अपने सपनों का महल बनाने के लिए पैसे खत्म हो जाते हैं यह बात बस कहने भर को नहीं है बल्कि इसका जीता जागता उदाहरण हम सभी के सामने हैं तो हम किस महल की बात कर रहे हैं और किस नवाब के हालात खराब हो गए थे इस बात का खुलासा किसी और ने नहीं बल्कि उस महल की राजकुमारी ने खुद किया है।
हिंदी फिल्मी जगत से जुड़े दिलचस्प किस्सों का स्पेशल दरअसल एक्ट्रेस सोहा अली खान ने अपने पुश्तैनी घर पटौदी पैलेस के बारे में हाल ही में एक मजेदार किस्सा शेयर किया है जिसे उनके दादा ने अपने ससुर को प्रभावित करने के लिए बनवाया था बता दें कि हरियाणा में स्थित इस पैलेस को पटौदी के अंतिम शासक नवाब इफ्तिखार अली खान ने बनवाया था कुछ रोज पहले ब्रोचा के साथ बातचीत के दौरान सोहा अली खान ने खुलासा किया था उनकी दादी साजिदा सुल्तान भोपाल की बेगम थी और उनके दादा पटौदी के नवाब थे वह कई सालों से उनसे प्यार करते थे लेकिन उनके पिता ने उन्हें उनसे शादी करने की इजाजत नहीं दी थी।
इसी के चलते पटौदी पैलेस को उनके दादा ने अपने ससुर को इन्फ्लुएंस करने के लिए बनवाया था सोहा ने इस इंटरव्यू में यह भी बताया कि दादी के पिता उनके दादा से थोड़ा जलते थे सोहा ने आगे कहा उन्होंने इसे 1935 में बनवाया था ताकि वह शादी कर सके व अपने ससुर को प्रभावित करना चाहते थे लेकिन इसे बनाने के बीच में ही उनके पास पैसे खत्म हो गए।
इसलिए जब आप वहां जाएंगे तो आप देखेंगे कि वहां बहुत सारे कालीन हैं और उनमें से कुछ के नीचे संगमरमर का फर्श है लेकिन उनमें से बहुत से में सामान्य सीमेंट है क्योंकि उनके पास पैसे खत्म हो गए थे इस इंटरव्यू के दौरान सोहा ने यह भी बताया कि उनका जन्म शाही उपाधियों के खत्म होने के बहुत बाद में हुआ था लेकिन उनके अभिनेता भाई सैफ अली खान एक राजकुमार के रूप में पैदा हुए थे क्योंकि उनका जन्म 1970 में हुआ था सोहा कहते हैं कि टेक्निकली देखा जाए तो मैं इतनी ही नहीं हूं लेकिन उपाधियों के साथ बहुत सारी जिम्मेदारियां और रखरखाव के बिल भी आते हैं बता दें कि सैफ अली खान का यह महल हरियाणा के पटौदी में है और इस पैलेस को दिवंगत मंसूर अली खान पटौदी की तस्वीरों से डेकोरेट किया गया है बता दें कि महल को बाद में मंसूर अली खान को दे दिया गया और अब इसका मालिकाना हक सैफ अली खान के पास है और उनका परिवार ही इसकी देखभाल भी करता है इंटरव्यू में सोहा ने बताया कि उनके पास एक बहुत बड़ा जनरेटर रूम है जो कि दो बीएचके के बराबर है और यह महल के बीचोबीच एक मैदान में है सोहा ने आगे बताया कि अब उनकी मां शर्मिला ही इस संपत्ति के खर्च की देखरेख करती हैं और कहा कि सैफ महल को रंगने के बजाय सफेदी करवाकर पैसे बचाता है बता दें कि कुछ समय पहले एक इंटरव्यू में सैफ अली खान ने भी इस बात का खुलासा किया था कि उनके पिता ने पटौदी पैलेस को एक होटल चेन को किराए पर दे दिया था और जब लीज खत्म हो गई तो परिवार ने इस प्रॉपर्टी पर फिर से कंट्रोल पाने की कोशिश की सैफ ने कहा मेरी मां शर्मिला टैगोर के पास वहां एक कॉटेज है और व हमेशा बहुत सहज रहती थी।
वो कहते हैं कि मुझे इसे वापस खरीदने की जरूरत नहीं पड़ी क्योंकि मैं पहले से ही इसका मालिक था तो देखा आपने कैसे अपने होने वाले ससुर को इंप्रेस करने के लिए सैफ और सोहा के दादा ने यह पटौदी पैलेस बनवाया था बता दें कि आज भी शर्मिला और सैफ अली खान अपने परिवार के साथ इस पैलेस में वक्त गुजारने अक्सर जाया करते हैं।