पहली ही फिल्म से मिली लोकप्रियता लेकिन हादसे ने बदल दी इस एक्ट्रेस की जिंदगी।

1990 में आई फिल्म आशिकी से बॉलीवुड को एक नई स्टार मिली थी अनु अग्रवाल बहुत साधारण से नैन नक्श और सांवले रंग ने लोगों को अनू का दीवाना बना दिया था फिल्म हिट हुई और अनू की झोली में कई बड़ी फिल्में थी घर के बाहर डायरेक्टर्स की लाइन लगी रहती थी एक के बाद एक फिल्में और करियर में सफलता के शिखर की ओर तेजी से बढ़ रही थी तभी एक हादसे ने उनकी पूरी जिंदगी बदल के रख दी यह इतना खतरनाक था कि अनू डेढ़ महीने तक कोमा में रही थी चेहरा बिगड़ चुका था और याददाश्त चली गई थी जो 3 साल तक नहीं लौटी इस हादसे से उभरने में अनको कोई 4 साल लगे जब उनकी याददा लौटी तब तक फिल्मी करियर लगभग खत्म हो चुका था।

चेहरा इतना बिगड़ चुका था कि फिल्मों में वह वापसी नहीं कर सकती थी यह वह समय था जब कोई और इंसान में आकर जिंदगी को खत्म कर लेता लेकिन अनु ने हिम्मत नहीं हारी योग का सहारा लिया पहले खुद को ठीक किया फिर अपना योग फाउंडेशन बनाकर जरूरतमंद को योग सिखाना शुरू किया।

वहीं राज शीय प्लक को दिए इंटरव्यू में अनू अग्रवाल ने खुलासा किया आखिर हीरोइन होने के बावजूद उन्होंने अपने चेहरे की सर्जरी क्यों नहीं करवाई 2014 में मैंने जो है अच्छा उससे पहले आपको पता है मैं बहुत बड़े हादसे से गुजरी मेरा सारा शरीर टूटा हुआ था मेरा शरीर आधा भी था और मेरे को खड़े होने में कई महीने लग गए मैं बिस्तरे से मतलब हिलना ही नहीं आता पता हिलना क्या चीज होती है और फिर उससे फिर खड़ा होना और फिर दो पांव पर कैसे खड़ा होना और एक पांव मेरा श्रिंक हो गया था क्योंकि वह पैरालाइज था और जो पार्ट्स होते हैं आपके शरीर के वह श्रिंक हो जाते हैं तो खैर तो मेरा एक साइड शरीर का सब होकर सब श्रंक हो गया था और जब मैंने जब मैंने जो है मुझे दोबारा से चलना सिखाया गया।

मुझे पता नहीं था कि कि पांव कैसे हिलाते हैं तो व नर्स मुझे सिखाती थी कि लेफ्ट मुझे पता नहीं था लेफ्ट क्या होता है मुझे भाषा नहीं पता थी तो खैर उस उस सबसे निकलते निकलते निकलते जब मैं मुझे एक बात यह बात जरूर पता थी कि मैं बिल्कुल ठीक हो जाऊंगी और मेरे जितने डॉक्टर्स थे और जितने लोग थे आसपास फैमिली तो खैर वो तो दुखी दुखी मतलब पीड़ित और दुखी कि यह तो अब गई लड़की डॉक्टर्स ने कहा कि इसके जेस्टेशन पीरियड न साल है तीन साल के अंदर चलती बनेगी जब मैंने हॉस्पिटल छोड़ा था 1999 में मेरा हादसे हुआ था और 1999 के बाद तीन साल 2002 होते हैं और 2002 में मैं सन्यास मैंने ऑलरेडी ले ली याया था और मेरा शरीर बिल्कुल इस हालत में नहीं था ना दिमाग पर फिर भी मुझे पता था मेरे अंदर जो है एक प्रेरणा थी हमेशा मुझे यह लगता था कि कि मैं अपने अंदर से मेरा प्रभु मेरे साथ है और मैं अंदर से प्रभु हूं आई एम गॉड और यह बहुत बड़ा स्टेटमेंट है ये जीसस ने एक तरफ दफा बनाया था यह स्टेटमेंट तो उन लोग को उनको तो प चढ़ा दिया लोगों ने पर ये एक रियलाइफ यह रिलाइज हुआ कि आप लोग सब हर आदमी क्योंकि हम अपना भविष्य और हम अपने कर्म और हम अपनी डेस्टिनी खुद बना रहे हैं।

हम हम मालिक हैं और हम ही नौकर हैं इस जीवन के और मैं यही बताने के लिए मैंने फाउंडेशन तो बनाई बाद में तो पहले मैंने बच्चों को देखा कि मैंने सबसे पहले यह सब पढ़ाई योगा की और माइंड की और कर्म योग और क्या क्या इतनी डीप पढ़ाया टॉप किया यहां मुंबई में आ वापस अब बंबई में मैं शॉक्ड मैं कहूं कि किसको सिखाऊ और क्या सिखाऊं कैसे सिखाऊं योग की किसी को भाषा तक नहीं पता और यहां जिस तरीके के लोग योगा सिखा रहे हैं किसी के वि रिस्पेक्ट ड्यू रिस्पेक्ट टू एवरी बडी मैं किसी के बारे में किसी को नीचा नहीं दिखा रही पर मेरे लिए मैं अपना सिर्फ अनुभव आपको बता रही हूं और मुझे य लगा कि मैं क्या करूं इनके साथ यहां किसके साथ शुरू करूं कहां से शुरू करूं कैसे शुरू करूं समझाना क्योंकि इनको य पता ही नहीं कि सपने सपन में रह रहे हैं ये सपना है जीवन य इनको पता ही नहीं कि माया क्या चीज होती है इनको क्या योग योग क्या होता है योग क्या होता है।

शारीरिक योग कि आप वेट लूज कर देंगे यह योगा है ऋषि मुनि मतलब अगर वह सुन रहे होंगे जो लोग चले गए हैं वह तो सोच के अपना माथा ठोक रहे होंगे कि आप लोग हैं कहां योग सबसे पहले आपके दिमाग योग इज अ स्टेट ऑफ माइंड इस तरीके से योगा की शुरुआत हुई है आज से मोर देन 10000 10000 वर्ष पहले भारतवर्ष इतना रिच नेशन है हम लोगों को इतना पता है पर हम कितनी चीजें भूल गए हैं तो धीरे-धीरे मेरा अनु फन योगा मैंने बनाया और उसी के लिए एज अ पिलर उसको और आगे बढ़ाने के लिए और गरीबों के साथ काम करने के लिए उनको सिखाने के लिए ऑलरेडी मैंने रिसर्च कर ली थी 2014 से 2000 तक काफी करीब डेढ़ लाख बच्चों को ऑलरेडी मैंने सिखा दिया था तब तक तो फिर मैंने कहा कि मैं एक फाउंडेशन बनाती हूं 2017 में मैं फाउंडेशन रजिस्टर कराई मुझे ऐसा लगता है कि जब मैंने अपने जीवन में यह देखा है और यह मैं सिर्फ लगता नहीं है मुझे मुझे पता है कि यह सच्चाई है कि आपके जो आपके कर्म है उसके हिसाब से आपके जीवन का निर्माण होता चला जाता है और आप कई दफा सोचते हैं कि कैसे हो गया कितनी चीजें आप नहीं करना चाहते थे या कितनी चीजें ऐसी थी जो आप करना चाहते थे वो नहीं हुई पर आप जो कई चीजें नहीं करना चाहते थे वो हो गई और आप सोचते हैं कि एक कभी और मुझे यह सोचने का समय बहुत मिला क्योंकि जब मैंने योगा की पढ़ाई शुरू करी और स्पेशली जब मैंने सन्यास लिया उसमें एक सबसे बड़ी चीज हमने क्या करी वो थी स्वाध्याय स्वाध्याय का मतलब होता है अपने को जांच अपने अपने जो तुम्हारे विचार चलते हैं सारा दिन क्योंकि वहां और तो कुछ करते नहीं थे।

बातचीत नहीं होती थी अकेले रहते थे एक बैग था मेरे पास दो कपड़े थे उसके अंदर कई साल और सर मुंडा हुआ था और कंघा भी नहीं होता था क्योंकि बाली नहीं थे तो उस समय मेन चीज ये थी कि स्वाध्याय करो जरा अपने को अपने को जांच कि तुम तुम हो कौन और वाकई में हम जो सोचते हैं अरे मैं यह नाम हूं यह मैं ब्यूटी हूं यह मेरी फैमिली है मैं अपर क्लास हूं मिडिल क्लास हूं मैं लोअर क्लास हूं मैं गरीब हूं यह सब यह सब ढुंग है एक तरीके का यह माया है यह माया का ढोंग है और इसके अंदर तुम जो हो तुम वाकई में एक एक जना आप मैं और एक एक जना उस बेहद खूबसूरत है अंदर और उसमें कोई इसमें लेना देना नहीं कि आपकी शरीर कैसा है और आपकी शक्ल कैसी और रंग क्या है आपका हर जना उससे प्रभावित है आजकल की लड़कियां क्या कर रही है कल मेरे पास फोन आया यूके से और वह कह रहे थे कि कोई कोई कंपनी है जो कि एनजीओस के साथ भी काम करती है और लड़कियों के साथ वो वो क आज बहुत बड़ी प्रॉब्लम हो रही है।

मैंने कहा क्या क्या प्रॉब्लम की बात कर रही है मुझे पता है प्रॉब्लम हो रही क्या प्रॉब्लम बोले लड़किया जो है एक इनफ्लुएंसर मार्केटिंग चली है उससे क्या हो रहा है कि इंसर मार्केटिंग से लड़कियां ज्यादा से ज्यादा लड़कियां 16 साल से कम की लड़कियां बोटॉक्स करा रही हैं और अपने जो है हर तरीके की जो है फिजिकल ब्यूटी के लिए चीजें कर रहे हैं तो हम आपको एंबेसडर बनाना चाहते हैं क्योंकि आप जो हैं आप सबके लिए एक जीती जागती अनुमान है कि आपने हादसे तो हो गया पहले तो कराया ही नहीं कभी और हादसे के बाद कितने लोगों थे तब लोगों ने कहा लोगों ने आपके हसा हंसे भी लोग और कईयों ने आपसे आके कहा और आप इस यह आपका प्रोफेशन है जिसमें आपकी शक्ल सब कुछ है और फिर भी आपने जो है कतई नहीं कराया आपने मना कर दिया नहीं कराऊंगा से लेकर आज यहां पहुंचे तो हम आपको एंबेसडर बनाना चाहते हैं मैंने कहा ठीक है तो उनसे मैंने कहा बहुत अच्छी बात है मैं यंग लड़कियों तक या किसी भी उम्र की लड़कियों तक फिजिकल ब्यूटी एक चीज है पर इन ब्यूटी आज को मैंने जो अनु फन योगा बनाया वो इन ब्यूटी को अपने किस तरीके से जो और किस तरीके से उसको फाइंड करो तुम्हारे अंदर जो सुंदरता तुम्हारे अंदर है।

तुम्हारे अंदर सारी दुनिया के जितने सवाल है उन सबका आंसर तुम्हारे अंदर है तुम्हारे अंदर सब कुछ है और तुम अपना जीवन का निर्माण खुद करते हो तुम एक तरीके से जैसे पेंटर बैठ के पेंटिंग बनाता है वैसे तुम अपने जीवन के चित्र एक एक मिनट बना रहे हो तो यह सब चीजें हैं जो है यह मैं अपनी फाउंडेशन के साथ आज सिखा रही हूं।

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