बोनी कपूर से पहले श्रीदेवी ने चुपके से इस हीरो से की थी शादी!

श्रीदेवी आज इस दुनिया में नहीं है पर हम आज भी उनके भारतीय सिनेमा में अभूतपूर्व योगदान के लिए जानते हैं श्रीदेवी महज 54 साल की उम्र में ही इस दुनिया से चली गई नहीं तो शायद आज भी हमें उनकी शानदार अदाकारी से रूबरू होने के मौके मिलते रहते हैं श्रीदेवी ने अपने छोटे से सफर में इस दुनिया को वर्षों वर्षों तक एंटरटेन होने के लिए ना जाने कितनी ही शानदार फिल्में देकर गई हैं भारतीय सिनेमा के चाहने वालों में एक बड़ा तबका है जो आज भी श्रीदेवी की फिल्मों उनकी अदाकारी और उनके नृत्य कला का दीवाना है लोग आज श्रीदेवी की फिल्में जैसे मिस्टर इंडिया चालबाज चांदनी सदमा नगीना लमहे खुदा गवाह लाडला जुदाई और मॉम, को ढूंढ ढूंढ कर देखते हैं।

श्रीदेवी के शानदार फिल्मी करियर से जुड़े ना जाने कितने ही ऐसे किस्से होंगे जिनके बारे में सुनना पढ़ना या जानना लोगों को अच्छा लगता होगा पर आज हम उनके वास्तविक जीवन के एक ऐसे रहस्यमय किस्से के बारे में बात करने जा रहे हैं जिसके बारे में बहुत ही कम लोगों को पता होगा दोस्तों वैसे तो श्रीदेवी का विवाह फिल्म प्रोड्यूसर और निर्देशक बोनी कपूर से हुआ था और उनके साथ ही श्रीदेवी ने अपने जीवन के आखिरी दिन भी बिताए थे पर फिल्मी दुनिया के जब पुराने दिनों के पन्ने खंगाले जाए तो पता चलता है कि श्रीदेवी बोनी कपूर से शादी करने के पहले किसी और हीरो के प्यार में थी और खबर तो यह भी है कि श्रीदवी और उस हीरो ने चुपके-चुपके विवाह भी कर लिया था और कुछ सालों तक दोनों एक गुप्त वैवाहिक जीवन में भी रहे थे श्रीदेवी के उस हीरो पति का नाम है मिथुन चक्रवर्ती जी हां दोस्तों श्रीदेवी और मिथुन चक्रवर्ती साल 1984 में फिल्म जाग उठा इंसान में एक साथ नजर आए थे यहीं से इन दोनों की प्रेम कहानी की न्यू पड़ी धीरे-धीरे यह दोनों एक दूसरे के प्यार में इतने खो गए कि पहले से शादीशुदा मिथुन श्रीदेवी के दीवाने हो गए और कहा जाता है कि इन दोनों ने साल 1985 में चुपके से शादी भी कर ली थी।

यह गुप्त शादी धीरे-धीरे 3 साल तक गुप्त रही थी पर जब मिथुन चक्रवर्ती की पत्नी योगिता बाली को मिथुन के दूसरे शादी के बारे में पता चला तो वह आग बबूला हो उठी और उन्होंने आत्महत्या करने की कोशिश भी की अंतत मिथुन अपनी पत्नी के आगे हार मान ली और श्रीदेवी को छोड़ अपनी पत्नी योगिता बाली का साथ पकड़ लिया इधर श्रीदेवी अकेली पड़ गई और उन दिनों श्रीदेवी मिथुन के अच्छे दोस्त बोनी कपूर के घर पर ही रहती थी क्योंकि बोनी कपूर की पहली पत्नी मोना कपूर और श्रीदेवी दोनों एक दूसरे के अच्छे दोस्त थे मिथुन का साथ छूटने के बाद बोनी कपूर और श्रीदेवी धीरे-धीरे एक दूसरे के खास बनते गए और अंततः श्रीदेवी 1996 में बोनी कपूर के साथ विवाह के बंधन में बंद गई ।

हालांकि इस विवाह के बाद मोना कपूर और उनकी मां ने बहुत विवाद किया था पर श्रीदेवी बोनी कपूर को लेकर अलग रहने लगी और अपने जीवन के आखिरी दिन तक वो बोनी कपूर के साथ उनकी अर्धांगिनी बनकर रही फिलहाल श्रीदेवी के जीवन के इस किस्से के बारे में हर कोई रूबरू तो नहीं है पर क्या आपने यह कहानी पहले कभी सुनी है या नहीं कमेंट कर हमें जरूर बताएं

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