नहीं रहे मशहूर उद्योगपति रतन टाटा, वर्ली श्मसान घाट में होगा अंतिम संस्कार।

देश के दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा अब हमारे बीच नहीं रहे बीती रात मुंबई के ब्रीज कैंडी हॉस्पिटल में रतन टाटा का निधन हो गया रतन टाटा 86 साल के थे और काफी समय से बीमार चल रहे थे रतन टाटा के निधन के बाद देश भर में शो की रहर रतन टाटा का पार्थिव शरीर उनके कोलाब स्थित घर पर पहुंच गया है शाम 4 बजे रतन टाटा का पार्थिव शरीर नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स में आम लोगों के लिए दर्शनों के लिए रखा जाएगा।

उस उसके बाद उनका पार्थिव शरीर वर्ली शमशान ले जाया जाएगा जहां पर अंतिम संस्कार किया जाएगा रतन टाटा देश के रत्न अब नहीं रहे रतन टाटा का निधन हो गया है यू तो बीमार चल रहे थे 86 साल की उनकी उम्र थी और मानव चेयर पर्सन अब नहीं रहे टाटा एंड सनस टाटा कंपनीज का देश में कितना बड़ा योगदान है वो किसी से छुपा नहीं और सबके समक्ष है 86 साल के उम्र में अब उनका निधन हो गया है और एक बहुत बड़ी क्षति देश के लिए बहुत बड़ी क्षति बहुत बड़े उद्योगपति एक विजनरी उद्योगपति और जिनकी वजह से हम इकॉनमी की भारत की बात करते हैं कि हम आगे बढ़ रहे हैं।

ट्रिलियन इकॉनमी का हमारा लक्ष्य उसम एक बहुत महत्त्वपूर्ण पिलर उनकी कंपनी और आज से नहीं [संगीत] 18680 भारत के विकास में योगदान देता आता यह परिवार ये कंपनी ये उद्योगपति उनकी फैमिली और रतन टाटा नहीं रहे 28 दिसंबर 1937 से लेकर अब तक का उनका सफर अद्भुत रहा है उद्योगपति रतन टाटा नहीं रहे और उनके स्वास्थ्य को लेकर इससे पहले काफी खबरें चल रही थी कि उनकी तबीयत ठीक नहीं है।

तब यह कहा गया था कि चेकअप के लिए उनको अस्पताल ले जाया गया है लेकिन अब ज वो नहीं रहे आई विश यू वेल एंड आई एम वेरी एनस ऑफ यू कमिंग आउट टू इंडिया ऑ टुडे एंड टुमारो च इ गो टू बी ग्रेट कंट्री दुनिया के बड़े उद्योगपतियों में से एक लेकिन देश प्रथम की सोच रखने वाले अकूत दौलतमंद होने के बावजूद अपनी साधारण जीवन शैली की पहचान रखने वाले नामुमकिन को मुमकिन करने का माददा रखने वाले जिनकी सफलता की कहानियां पीढ़ियों के लिए प्रेरणादाई हैं खामोशी से कामयाबी हासिल करने का मंत्र जानने वाले देश के अनमोल रतन रतन टाटा सबको अलविदा कह गए [संगीत] रतन टाटा को दुनिया के एक बड़े उद्योगपति से ज्यादा एक सच्चे देशभक्त समाजसेवी एक दरिया दिल इंसान के तौर पर जानती रही एक ऐसी अजीम शख्सियत जिसने भारत के आज और कल को सुरक्षित करने के लिए अपनी पूरी जिंदगी खपा दी यही वजह है कि जो सम्मान और प्यार रतन टाटा को हासिल हुआ।

वह दूसरे उद्योगपतियों के लिए सपना हो सकता [संगीत] है रोजगार के मौके पैदा करना हो या फिर भारत को शक्तिशाली करना प्रदूषण से बचाने के लिए कदम उठाने हो या फिर भारत के हजारों गांव में साफ पानी पहुंचाना भारतीय कारोबार की रीड टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन को हमेशा एक ऐसे उद्योगपति के तौर पर पहचाना गया जिन्होंने अपने कर्मचारियों का साथ दिया कोरोना काल में जब कंपनियां बड़े पैमाने पर क कर्मचारियों की छटनी करती रही तो रतन टाटा ने इसका विरोध करते हुए नैतिकता के खिलाफ बताया यही नहीं उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान सबसे बड़ी मदद देकर मिसाल पेश की नमक से लेकर सॉफ्टवेयर बनाने वाली दिग्गज कंपनी टाटा समूह का 21 सालों तक तत्व करने वाले रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ वह टाटा ग्रुप के संस्थापक जमशेद जी टाटा के पर पोते थे हावर्ड बिजनेस स्कूल से मैनेजमेंट की पढ़ाई की रतन टाटा साल 1990 से 2012 तक ग्रुप के चेयरमैन रहे और अक्टूबर 2016 से फरवरी 2017 तक अंतरिम चेयरमैन टाटा ग्रुप के चैरिटेबल ट्रस्ट की जिम्मेदारी भी उनके पास रही टाटा ग्रुप के छोटे से छोटे कर्मचारी का सम्मान करने वाले रतन टाटा भले ही आज दुनिया से दूर चले गए लेकिन 140 करोड़ भारतीयों के दिल में वह हमेशा देश का अनमोल रतन बनकर रहेंगे।

रतन टाटा ने अपनी विरासत को एक नए मुकाम पर पहुंचाया है उन्होंने एयर इंडिया को अपने एंपायर में शामिल किया विदेशी कंपनी फड के लग्जरी कार ब्रांड लैंडरोवर और जगुआर को भी अपने पोर्टफोलियो में जोड़ा 1991 में टाटा समूह के मुखिया बने तब उदारीकरण का दौर शुरू हो रहा था और रतन टाटा ने दुनिया भर में पांव पसारने शुरू किए टाटा समूह ने टेटली टी और जगुआर समेत कई अधिग्रहण कर सुर्खियां बटोरी यह रतन टाटा ही थे जिनके नेतृत्व में टाटा का कारोबार हर जगह फैला चाय से लेकर सूचना तकनीक तक टाटा भारत का सबसे बड़ा कारोबारी समूह बना लेकिन इसके बावजूद रतन टाटा हमेशा लो प्रोफाइल रहे उन्हें साल 2000 में पद्मभूषण और साल 2008 में पद्म विभूषण सम्मान दिया गया।

साल 2000 में रतन टाटा ने मध्यम वर्ग के लिए एक लाख रप से कम कीमत में ननो कार लच की जिसकी प्रेरणा उन्हें मुंबई की तेज बारिश में दुपहिया वाहन पर चार लोगों के एक परिवार को भीगते हुए देखने पर मिली लख रतन टाटा की जिंदगी हमें सिखाती है कि अगर कोई अपने जीवन में इतना बड़ा होकर भी छोटे और बड़ों का सम्मान करना शुरू कर दे तो यकीनन सफलता दूर नहीं रहती रतन टाटा भले ही अब दुनिया से विदा हो गए लेकिन 140 करोड़ भारतीयों के दिल में वह हमेशा प्रेरणा देते रहेंगे।

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