ग्लैमर की दुनिया में एंट्री करने से पहले, कई बॉलीवुड स्टार्स ने खुद का और परिवार का खर्च उठाने के लिए कई तरह के अजीबो-गरीब काम किए है। सिर्फ हिंदी ही नहीं बल्कि साउथ फिल्म के सुपरस्टार रजनीकांत एक्टर बनने के पहले बस कंडक्टर थे। वहीं बात करें बॉलीवुड की तो अक्षय कुमार ने वेटर तो वहीं अरशद वारसी ने सेल्समैन का काम किया था। वहीं बहुत कम लोग जानते हैं कि फिल्म इंडस्ट्री में एंट्री करने से पहले 1974 में ‘अंकुर’ से डेब्यू करने वाली शबाना आजमी का जीवन भी काफी संघर्ष भरा रहा है। एक समय ऐसा था जब वह पेट्रोल पंप पर कॉफी बेचती थीं, लेकिन उनकी किस्मत में कुछ ओर ही लिखा था।
कॉफी बेचने से लेकर राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता बनने तक, शबाना आजमी ने बहुत ही लंबा सफर तय किया है। हैदराबाद में जन्मी शबाना आजमी मशहूर शायर कैफी आजमी और दिग्गज अभिनेत्री शौकत आजमी की बेटी हैं। उन्होंने मुंबई के क्वीन मैरी स्कूल से अपनी स्कूली की पढ़ाई पूरी की और सेंट जेवियर्स कॉलेज से साइकोलॉजी की। बाद में उन्होंने पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) में अभिनय सिखाने के लिए स्कूल में एडमिशन लिया। शबाना आजमी की मां शौकत का 2019 में निधन हो गया था। शबाना की मां ने अपनी ऑटोबायोग्राफी ‘कैफ एंड आई: ए मेमॉयर’ में इन बातों का खुलासा किया था कि कैसे उनकी बेटी एक संपन्न परिवार से होने के बावजूद 30 रुपए कमाने के लिए पेट्रोल पंप पर कॉफी बेचा करती थी। वह अपने कॉलेज के समय परिवार की आर्थिक मदद करना चाहती थी।
बचपन में शबाना आजमी ने दो बार करने की कोशिश की थी। उनकी मां शौकत ने अपनी ऑटोबायोग्राफी में इस घटना के बारे में भी खुलासा किया था कि शबाना आजमी ने एक बार स्कूल की लैब में कॉपर सल्फेट पी लिया था। उस वक्त उन्हें उनकी सहेली ने बचा लिया था। एक्ट्रेस ने इतना बड़ा कदम इसलिए उठाया था क्योंकि उन्हें लगा कि उनकी मां उनके छोटे भाई से ज्यादा प्यार करती हैं, इसलिए गुस्से में उन्होंने अपनी जान लेने की कोशिश की। दूसरी बार शबाना ने अपनी मां के डांटे जाने के बाद ट्रेन के सामने आकर करने की भी कोशिश की थी। हालांकि, भगवान की कृपा से उन्हें स्कूल के चौकीदार ने बचा लिया