मरने के बाद फिर से कैसे जीवन में लौटी ये अदाकारा।

आज हम बात करेंगे फिल्मी जगत की एक ऐसी अदाकारा के बारे में जो किसी भी परिचय की मोहताज नहीं है बेहद खूबसूरत आंखों वाली इस अदाकारा ने बॉलीवुड में खूब काम किया है साउथ के सुपरस्टार से इनकी शादी हुई थी और दो खूबसूरत बेटियों को इन्होंने जन्म दिया नशा य कैसा बाबा मुझे हो गया बाबा नशा ये कैसा मुझे हो दो नेशनल अवार्ड जीतने वाली य अदाकारा जब सिर्फ 5 साल की थी तभी से फिल्मों में बतौर बाल कलाकार काम करने लगी थी और वह भी बी आर चोपड़ा कैंप में तुम कौन हो हम आप आं के है नहीं हम आंटी के आंता है इन्होंने खूब काम किया और खूब कमाया और आज भी यह वेब सीरीज और फिल्मों में व्यस्त हैं स्टारडम की बात करें तो बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट य उस समय भी निर्देशकों की पहली पसंद थी बतौर मुख्य अभिनेत्री भी एक बेहद खूबसूरत और बोल्ड एक्ट्रेस के तौर पर जानी गई और आज कैरेक्टर रोल्स में भी लोग इन्हें पसंद कर रहे हैं।

लेकिन साल 2020 में महामारी के दौरान इन्होंने आर्थिक तंगी का सामना किया खुद अपने ही इंटरव्यू में इन्होंने इस बात का खुलासा किया था कि किस तरह उस समय इनके पास पूरा महीना चलाने के लिए सिर्फ दो से 000 ही होते थे सवाल यहां यह उठता है कि अपने बचपन से 5 साल की उम्र से ही काम करने वाली य अदाकारा जिसने बतौर हीरोइन भी अपनी पारी खेली थी उन्हें ऐसी स्थिति का सामना क्यों करना पड़ा क्या उनकी फिल्मी दुनिया में काम कर रही बेटियों ने भी इन्हें उस समय सपोर्ट नहीं किया एक सुपरस्टार की बीवी रह चुकी।

इस अभिनेत्री को क्यों यह तकलीफ झेलनी पड़ी इस अधिकारा ने अपने जीवन में तकरीबन 100 से ज्यादा फिल्मों में काम किया और खूब पैसा भी कमाया इनके पैसों से मुंबई में पांच-पांच प्रॉपर्टीज भी खरीदी गई बावजूद इस के क्यों इन्हें अपनी मेहनत की कमाई से हाथ धोना पड़ा क्यों इन्हें इतने फ्लैट सोने के बाद भी किराए के घर की तलाश करनी पड़ी इनका फिल्मों में आना कैसे हुआ कैसे इनकी कमाई का पैसा दूसरे लोगों द्वारा उड़ा दिया गया कैसे अपनी ही कमाई के मात्र 00 खर्च करने पर इन्हें गया।

आज हम बात कर रहे हैं 70 के दशक की एक ऐसी अभिनेत्री के बारे में जिनकी सुंदरता फिल्मी जगत में नाम और शोहरत के सिवा किस्मत की कहानी कुछ ज्यादा ही भयानक रही अगर इनकी कहानी का विश्लेषण किया जाए तो यह कह सकते हैं कि हर तरफ इनके जीवन में लोग सिर्फ इनसे बदला लेने के लिए ही दाखिल हुए थे जो भी आया इन्हे एक तकलीफ देकर निकल गया और उस तकलीफ के परिणाम को समेटने के लिए इन्हे अकेला छोड़ गया लिए मैं [संगीत] हड़न एक छोटी सी शुरुआत के साथ इनकी कहानी शुरू करते हैं सारिका का जन्म 5 दिसंबर 1960 में एक मराठी राजपूत परिवार में दिल्ली में हुआ इनके माता-पिता में अक्सर लड़ाई झगड़े रहते जब वह मात्र साढ़े साल की थी उसी समय इनके पिता इन्हें और इनकी मां को छोड़कर चले गए और उन्होंने दूसरी शादी कर ली इस तरह ना पिता का प्यार और साथ हीने मिला और ना ही मां का क्योंकि इनकी मां ने बहुत ही खूबसूरत और भोली सी ने वाली इस बच्ची को सिर्फ अपने लिए पैसा कमाने का जरिया ही बनाया इनकी मां कमला ठाकुर दिल्ली से मुंबई आ गई थी।

सारिका एक बहुत ही प्यारी सी बच्ची थी इसीलिए उनकी मां को कुछ ज्यादा संघर्ष नहीं करना पड़ा 1967 में रिलीज फिल्म हमराज के लिए बी आर चोपड़ा को यह बच्ची बहुत ही अच्छी लगी और इस तरह सारिका ने फिल्म में अदाकारा विम्मी और सुनील दत्त के साथ काम किया काम तो मिल गया पर उससे मिलने वाले पैसे के लालच ने सारिका का बचपन भी छीन लिया ना तो उन्हें स्कूल भेजा गया और ना ही वह बाकी बच्चों की तरह अपने मां-बाप से खिलौनों की फरमाइश कर पाई क्योंकि वे खुद उनकी मां के सपने पूरे करने का साधन बन गई थी इसके बाद सारिका ने बतौर बाल कलाकार बहुत सी फिल्मों में काम किया जैसे मंझली दीदी बेटी देवी छोटी बहू सत्यकाम और आशीर्वाद इन सभी फिल्मों में कभी वे शर्मिला टैगोर की तो कभी मीना कुमारी की बेटी बनती।

अशोक कुमार धर्मेंद्र नंदा और नूतन जैसे सभी बड़े कलाकारों के साथ नन्नी बच्ची सारिका ने काम किया था उनका चेहरा इतना मासूम था कि कभी फिल्म में उन्हें लड़की तो कभी लड़का बना दिया जाता अब मुझसे कोई भूल ना हो होगी इतना स्कूल तो सारी का नहीं जा सकी लेकिन अंग्रेजी भाषा को सिखाने के लिए घर पर एक पारसी टीचर का इंतजाम किया गया और वह भी इसलिए ताकि फिल्मों में जरूरत पड़े तो सारिका इंग्लिश में बात करना सीख जाए 1975 में जब सारिका मात्र 15 साल की थी तो उनकी बतौर मुख्य हीरोइन फिल्म कागज की नाव और गीत गाता चल फिल्में रिलीज हुई हुई गीत काथा चल राजश्री प्रोडक्शन के बैनर तले बनी थी और इसमें सारिका के नायक थे सचिन फिल्म जबरदस्त सुपरहिट रही और साथ ही दर्शकों ने सारिका और सचिन की जोड़ी को भी खूब पसंद किया।

उसके बाद तो दोनों ने बहुत सी फिल्मों में साथ में काम किया जैसे फिल्म जिद जाने बहार अंजाम मधु मालती रक्षाबंधन और मराठी फिल्म परात फिल्मों में साथ में काम करते-करते प्यार से वंचित सारिका को सचिन से प्यार हो गया और सचिन भी सारिका से प्यार करते थे दोनों शादी भी करना चाहते थे पर यहां भी सारिका की मां ने अपना क्रूर किरदार निभाया वह जानती थी कि एक बार शादी हो गई तो उनके लिए कमाने वाली उनकी बेटी उनके हाथ से निकल जाएगी इसीलिए लाक चाहने पर भी सचिन और सारिका की शादी नहीं हो पाई सारिका पैसा तो कमा रही थी।

लेकिन उन्हें किसी भी बात के लिए इजाजत नहीं थी जहां बचपन में जब वह थक कर शूटिंग पर रो पड़ती थी तो सारिका की मां उन्हें शूट पर ही लोगों के सामने पीट दिया करती थी वहीं बड़े होने पर सारिका ने एक बार अपनी ही कमाई से 00 खर्च कर लिए तो उस समय भी उन्हें पिटाई के साथ-साथ सख्त हिदायत दी गई कि पसा सीधा मां के हाथ पर रखो दरअसल उस दिन किसी वजह से मां सारिका के सेट पर नहीं जा सकी थी और प्रोड्यूसर ने पेमेंट का लिफाफा सारिका के हाथ में दे दिया वह पहली बार था जब सारिका को पैसे मिले थे सारी का कमाती रही और मां ने उनकी कमाई से मुंबई में पांच प्रॉपर्टीज खरीद ली पर अफसोस की बात थी कि कोई भी प्रॉपर्टी सारिका के नाम नहीं थी।

सब के सब मां ने अपने ही नाम रखी यहां तक कि सारिका को इस बात के बारे में कोई जानकारी भी नहीं थी छोटी सारिका तो मां के आंचल को अपना मानकर स्टूडियो में जाकर काम करती रही पर धीरे-धीरे बड़े होने के साथ कहीं ना कहीं सारिका को अपनी मां की फितरत और लालच समझ आने लगा था सारिका को अच्छा काम मिल रहा था एक बार एक निर्देशक वासु भट्टाचार्य ने उनकी मां से कहा कि वह सारिका को अपनी फिल्म में लेना चाहते हैं और वे डायरेक्ट एक्ट्रेस से बात करना चाहते हैं।

तब उनकी मां ने जवाब दिया कि आपको जो बात करनी है मुझसे कीजिए सारिका से बात करने की कोई जरूरत नहीं है उनकी मां का इस तरह का रवैया अक्सर फिल्मी दुनिया से जुड़े लोगों को झेलना पड़ता बड़े होने पर भी पैसे खर्च करने पर पिटाई और हर बात में बेहद सख्त रवैया रखने वाली मां के साथ सारिका की घटन कुछ इस इस कदर बढ़ चुकी थी कि एक दिन वे खाली हाथ उस घर से बाहर निकल आई कुछ दिनों तक तो उनके दोस्तों ने उनकी मदद की उनके साथ रहते हुए वह अपने शूट्स पर जाती थी और फिर सारिका अपने लिए किराय का मकान ढूंढने लगी सारिका के पैसों से उनकी मां ने पांच फ्लैट्स खरीदे थे फिर भी उन्हें रहने के लिए किराए की छत ढूंढनी पड़ी।

अब सारिका ने एक नए सिरे से काम करना शुरू किया पहली बार काम करते हुए उन्होंने अपने खुद के लिए अंधेरी सेवन बंगलों में अपना एक फ्लैट खरीदा और यही वह वक्त था जब सारिका की मुलाकात हुई कमल हसन से और दोनों साथ में उसी फ्लैट में लिवन रिलेशनशिप में रहने लगे दरअसल उस समय कमल हसन अपनी पहली पत्नी से लगभग कानूनी तौर पर अलग हो चुके थे लेवन में रहते हुए ही सारिका ने अपनी पहली बेटी श्रुति को जन्म दिया 1988 में इन दोनों ने शादी कर ली और 1991 में सारिका ने अपनी दूसरी बेटी अक्षरा हसन को जन्म दिया सारिका जिसे अपने जीवन में ना मां का प्यार मिला और ना पिता का अब अपनी शादी के बाद खुश थी।

मुंबई छोड़कर अब वे चेन्नई में रहने लगी यहां खुद सारिका के शब्दों के अनुसार व इस बात से खुश थी कि चेन्नई में उन्हें कोई नहीं पहचानता था तो सब्जी लाने से लेकर घूमने फिरने तक वह हर बात में अपने जीवन में पहली बार बहुत अच्छा महसूस कर रही थी यह व समय था जब सारी का फिल्मों में तो नहीं पर बैक स्टेज पे काम कर रही थी अपने ही पति की फिल्म चाची 420 और हेराम के लिए उन्होंने कॉस्ट्यूम डिजाइनर के तौर पर काम किया और फिल्म हे राम के लिए तो उन्हें बेस्ट कॉस्ट्यूम डिजाइनर के लिए नेशनल अवार्ड भी मिला अब उनकी लाइफ एक अच्छे मोड़ पर दिखाई दे रही थी सुपरस्टार पति दो प्यारी सी बेटियां और साथ में उनका काम सब कुछ अच्छा जा रहा था लेकिन शादी के करीब 13 साल बाद कमल हसन का फिर से अफेयर शुरू हो गया अपनी ही फिल्मों की को एक्टर गौतमी के साथ यहां तक कि वे गौतमी के साथ लिवन में रहने लगे सारिका जिस प्यार को पाकर खुश थी।

अब वह भी खोकला निकला घर को यूं बिखरता देख मायू सारिका ने अपने ही घर के चौथे माले से छलांग लगा दी जाहिर था कि वह क्या करना चाहती थी वह इस कदर हुई थी कि चेन्नई के हॉस्पिटल से उन्हें मुंबई के लीलावती हॉस्पिटल लाया गया जहां उनकी काफी हुई और तीन महीने तक वे हॉस्पिटल में रही सारिका इस समय किस कदर टूटी होंगी इस बात का अंदाजा इस हादसे से लगाया जा सकता है लेकिन ठीक होने के बाद वे चुपचाप कमल हसन की जिंदगी से बाहर निकल गई।

2002 में उन्होंने डिवोर्स के लिए अप्लाई कर दिया और 2004 में उन्हें डिवोर्स मिल गया उस समय श्रुति हसन 18 साल की थी और अक्षरा 13 साल की कोर्ट के प्रोसीडिंग के दौरान जब दोनों लड़कियों से पूछा गया कि वे मा के साथ रहना चाहती हैं या पिता के साथ तो ऐशो आराम में पली बड़ी दोनों लड़कियों ने अपने पिता के साथ रहना पसंद किया एक बार फिर से सारिका खाली हाथ बिना किसी रिश्ते के मुंबई में अकेले रह गई अकेली बिल्कुल अकेली हं दुनिया में कोई भी तो नहीं जिसे अपना कह सक अपना गुजारा करने के लिए अब फिर से उन्होंने काम तलाश करना शुरू कर दिया।

उन्हें काम मिला और 2005 में उनकी एक फिल्म रिलीज हुई फिल्म का नाम था पर्जानिया जिसका मतलब था हेल एंड हेवन ऑन अर्थ फिल्म को अंग्रेजी भाषा में बनाया गया था हाय बेटे यूर जस्ट इन टाइम बेटे प्लीज गो टू शीला आंटी एंड टेल हर ममा वांट्स लेमन एंड गेट इट प्लीज इस फिल्म में उनके काम को बेहद पसंद किया गया और फिर से एक बार उन्हें फिल्म के लिए ल अवार्ड मिला इसके बाद सारिका ने भेजा फ्राई बाबुल जब तक है जान और अभी हाल ही में रिलीज राष्ट्रीय प्रोडक्शन की फिल्म ऊंचाइयां में भी एक अहम किरदार निभाया 2020 में महामारी के लंबे समय में जब उनके पास पैसे धीरे-धीरे खत्म हो गए तो एक समय यह आ गया था कि उनके पास राशन तक के लिए पैसा नहीं बचता था सारिका ने किस तरह के रिश्ते जिए हैं इस बात से यह अंदाजा लगाना आसान है कि वे अपनी समस्याओं के लिए किसी से कोई उम्मीद नहीं रखती हैं उन्होंने अपनी मां की मृत्यु के बाद एक बार अपनी मेहनत के पैसों से खरीदी गई प्रॉपर्टीज को पाने की कोशिश भी की लेकिन वह भी संभव नहीं हो सका क्योंकि वह सभी प्रॉपर्टीज सारिका की मां ने उस इंसान को दे दी जो बुढ़ापे के दिनों में उनकी देखभाल कर रहा था।

साफ जाहिर था कि मरते वक्त भी सारिका की मां उनके लिए किस कदर कड़वाहट रखती थी कि जाते हुए भी अपनी बेटी का हक उन्होंने उसे नहीं दिया आज सारिका अच्छा काम कर रही हैं और अब कभी कभार उनकी बेटियां उनके साथ नजर भी आ जाती हैं कहना गलत ना होगा कि अगर इस अभिनेत्री की जिंदगी पर एक फिल्म बनाई जाए तो दर्शकों की आंखें नम हो जाएंगी।

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