70 से लेकर 80 के दशक के मशहूर खालसा एक रेड्डी की बात करें तो उनका आशा था की जब इनकी एंट्री बड़े पर्दे पर होती थी तो तालिया से इनका स्वागत हुआ करता था जितना विलन को तवज्जो फिल्म के माध्यम से मिलता था तो उतनी ही लाइव लाइट रामी रेड्डी के खाते में भी आएगा करती थी और यही बड़ी वजह थी की बहुत ही कम समय में रानी रेटिना है अपने अदाकारी से लोग का मन भी मोह लिया था।
80वां 90 के दशक मैं हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के कई सारे को इन्होंने मार दिया और यही बड़ी वजह थी की रमणरेती एक समय बॉलीवुड परमानेंट सेंट के सबसे कहते विलेंस में से एक थे जो 90 के दशक में हर दूसरी फिल्में नजर आ ही जाते थे। एक जनवरी साल 1959 को आंध्र प्रदेश के बाल में की पुरम गांव में इनका जन्म हुआ था और इन्होंने हैदराबाद की उसे माने यूनिवर्सिटी से पढ़ की और जर्मनी से की डिग्री मिली थी।
उन्होंने कई सालों तक मीडिया में कम करने के बाद फिल्मों में कम करना शुरू किया था आपको जानकर हैरानी होगी की 80 से लेकर 90 के दशक एक विलन के रोल के लिए रामी रेड्डी को काफी पसंद किया जाता था उनका बोलबाला हिंदी फिल्म इंडस्ट्री से साउथ की फिल्मों में खूब सुनने को मिलता था क्योंकि वो हिंदी के अलावा तमिल तेलुगू जैसे ही फिल्मों में भी बतौर विलन नजर आ चुके थे।
कैरियर की अगर शुरुआत की बात करें तो रामी रेड्डी ने साल 1989 में तेलुगू एक्शन फिल्म angushamb में पहली बार बात और लाइक नज़र आए द और ये पहली उनकी फिल्म थी फिल्म में नाम था स्पोर्ट नागा का और उन्होंने ये किरदार बड़े पर्दे पर ऐसे पेश किया क्योंकि दर की जमकर तारीफ में हुई कहने को तो ये तेलुगू सुपरस्टार राजशेखर की फिल्म थी लेकिन इस फिल्म में बताओ और विलन स्पोर्ट नागालैंड टीम ने काफी नाम और शोहरत कमाया और रवि रेड्डी के अभिनय को दर्शकों का मैन मोह लिया था उनकी डरावनी शकल और अदाकारी की वजह से लोग थिएटर तक खींचे चले आते और इस तरह इनके कैरियर का ग्राफ कभी भी नीचे नहीं आया।
इन्होंने अपने एक्टिंग कैरियर में करीब 250 से ज्यादा फिल्मों में कम किया जिम कई सारी बड़ी फिल्में शामिल होने सुनील शेट्टी और अक्षय कुमार की फिल्म वक्त हमारा में करना चिकारा की भूमिका निभाई थी।
और इस भूमिका ने रामी रेड्डी को काफी अच्छी खास पहचान भी दिलाई थी लेकिन फिल्मों में अच्छा खास नाम कमाने वाले रामी रेड्डी को आखिर में क्या हो गया था जिसके चलते का अंत में बहुत ज्यादा बुरा हाल भी हुआ बताना चाहिए की रामी रेड्डी आखिरी दिनों में लीवर की बीमारी के चलते काफी ज्यादा दर्दनाक दिनों से गुजरे थे।
और इस वजह से मौत के पहले वो सिर्फ और सिर्फ हड्डियों का एक ढांचा बनकर रह गए द बताए तो ये भी जाता है की आखिरी वक्त में उन्हें कैंसर में भी घर लिया था और अपने निधन से पहले एक बार तेलुगू अवार्ड फंक्शन में पहुंचे द तो उन्हें देख लो हैरान रह गए थे की ये वही रानी रेड्डी है जो अपने खूंखार अदाकारी के लिए काफी ज्यादा मशहूर थे लंबा चौड़ा कद काठी और आंखें रखने वाले रवि रेड्डी दुबले पतले और हड्डियों का ढांचा लग रहे थे।
उन दिनों काफी वो कमजोर दुबले पतले भी नजर ए रहे द और इसी वक्त के बाहर रानी फिर कभी घर से निकले ही नहीं धीरे-धीरे वो पब्लिक में जाने से भी लेकिन बीमारी ने राम ने को नहीं छोड़ा और 14 अप्रैल साल 2011 को खबर ईरानी रहती है अब इस दुनिया में नहीं रहे उनकी सिकंदराबाद के प्राइवेट अस्पताल में हो गई रामी भले ही अब हमारे बीच में नहीं है।
लेकिन उनके किए गए यादगार पर आज भीतर आ जाए और आज भी वो दर्शकों के दिलों पर राज करते हैं हिंदी के अलावा तमिल तेलुगू मलयालम जैसी कई सारी ऐसी फिल्में सिर्फ फिल्मों में उन्होंने अपनी बेहतरीन का नमूना पेश किया और उसे भी दोनों में उनकी खलनायक वाले किरदार को आज भी लोग जमकर पसंद करते हैं।