आखिर क्यों आज तक छुपाया गया राज कपूर की मौत का असली कारण?

तीन नेशनल अवार्ड दो फिल्मफेयर ट्रॉफी पदम भूषण और दादा साहब फालके अवार्ड ये आंकड़े बताने के लिए काफी है की हम फिल्म इंडस्ट्री के किसी लीजेंड के बड़े में बात करने वाले हैं जी हां दोस्तों हम बात कर रहे हैं फिल्म इंडस्ट्री के पहले बेताज बादशाह ह्यूमन राज कपूर साहब की [संगीत] दोस्तों राज कपूर को सफलता के नगरों में बांध नहीं जा सकता उन्हें याद करने के लिए किसी एक फिल्म का जिक्र नहीं किया जा सकता उनकी हर फिल्में एक से बढ़कर एक थी हर दिल जो प्यार करेगा वो गाना गाएगा।

डायरेक्टर थे की वह फिल्म बनाने में चीजों के साथ समझौता नहीं करते थे इसके पीछे का करण जानकर आप शायद चौक जाएंगे और वो है गरीबी और भूख इसका करण हम आपको इस वीडियो में बताएंगे इसके अलावा आज के इस वीडियो में हम आपको बताएंगे की कैसे शादीशुदा होते हुए राज साहब को कैसे उसे वक्त में हुसैन की मल्लिका नरगिस से बेहद प्यार हो गया था।

छुट्टी धोने बात ये की मेरे पास ₹100 का नोट है और हमारे काका के पास ₹100 का कभी छुट्टा ही नहीं होता है इतना ही नहीं यहां तक की वो नरगिस की शादी के बाद खुद को सिगरेट से भी जलन लगे थे साथ ही हम आपको बताएंगे की क्यों सक्षम परिवार से आने के बाद भी राज कपूर को मजदूरी करनी पड़ी थी मैं तू आसमान का तारा हूं आवारा हूं साथ ही बताएंगे की कैसे उनकी मौत हुई थी क्यों आखिर एक प्रोटोकॉल ने उनकी ले ली तो हिंदी फिल्म सिनेमा में यह नजरिया जिसके पास था वो आज इस दुनिया में भले ही ना हो लेकिन उनकी यादें हर हिंदुस्तानी के दिल में आज भी बस्ती है।

जी हां दोस्तों हम बात कर रहे हैं डी ग्रेटेस्ट शोमैन राज कपूर की मेरा जूता है जापानी ये पतलू हिंदुस्तानी सर पे लाल टोपी ऋषि फिर 11 साल की उम्र में इंकलाब से फिल्मी दुनिया पर राज करने वाले राज कपूर ने अपने फिल्मी करियर में कामयाबी की बुलंदियों को छुआ था लेकिन वह फिल्मों में कम करने से पहले एक मजदूर का कम किया करते थे।

मैं इलाहाबाद से घर चल कर आया हूं क्यों भाई तुम्हारे शहर में पेट भरने के लिए क्या करना चाहिए दरअसल राज कपूर के पिता पृथ्वीराज कपूर चाहते थे की उनका बेटा जीरो से शुरुआत करें इसलिए उन्होंने राज साहब को पहले कुछ पैसे कंकर लाने को कहा था राज कपूर का जन्म 14 दिसंबर 1924 को नई दिल्ली में हुआ था राज कपूर के पिता का नाम पृथ्वीराज कपूर था और उनकी मां का नाम रामशिनी देवी कपूर था राज कपूर ने हिंदी सिनेमा के कपूर परिवार में जन्म लिया था।

राज कपूर के कर भाई थे जिनका नाम शशि कपूर शम्मी कपूर नदी कपूर और देवी कपूर था राजकीय एक बहन भी थी जिनका नाम उर्मिला सियोल कपूर था ब्रिगेड राज कपूर को बचपन से ही अभिनय करने का बहुत शौक था यही वजह थी की कक्षा छह में फेल होने के बाद उन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़ने का फैसला कर लिया था।

इसके बाद बहुत कम उम्र में ही उन्होंने अभिनय करना शुरू किया [संगीत] चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में की थी उसे फिल्म का नाम इंकलाब था इसके बाद राज कपूर ने बहुत साड़ी फिल्मों में हीरो की किरदार को बड़ी बखूबी के साथ निभाया और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा सुने दिलवाले सीधी सी बात एन मिर्च मसाला का के तहेगा खाने वाला हद राज कपूर हिंदी फिल्म जगत के नेक वाले एक बेहतरीन अभिनेता थे बल्कि उन्होंने अपना नाम एक निर्देशक निर्माता एडिटर और एक राइटर के रूप में भी सर्वश्रेष्ठ दज पर रखा था।

राज कपूर ने साल 1946 में अपनी परिवार की मर्जी के साथ उनकी पसंद की गई लड़की के साथ शादी की थी राज कपूर की पत्नी का नाम कृष्णा मल्होत्रा था कृष्णा और राज कपूर के तीन बेटे और दो बेटियां हैं उनके बेटों का नाम रणधीर कपूर ऋषि कपूर और राजीव कपूर है और बेटियों का नाम रितु नंदा और रीमा जैन है फादर और डी ग्रेट एक्टर फिल्म राज साहब के बड़े में जन समझना के लिए 24 साल के उसे लड़के के पास जाना होगा जो इसी उम्र में एक बड़ा फिल्म डायरेक्टर बन गया था वो लड़का जिसने खुद को फिल्म मेकिंग का एक ऐसा स्कूल बना लिया जहां पढ़ने के लिए एडमिशन लेने की जरूर नहीं थी।

नाम दोस्तों बताया जाता है की राज कपूर शुरुआत में म्यूजिक डायरेक्टर बन्ना चाहते थे लेकिन फिर सब कुछ बन गए प्रोड्यूसर डायरेक्टर और एक्टर शुरुआत हुई 24 साल की उम्र से फिल्म आज के निर्देशन से वो सबसे युवा फिल्म निर्देशक बनकर सामने आए।

1948 में उन्होंने आर के फिल्म के नाम से फिल्म स्टूडियो बनाया इस स्टूडियो की पहले हिट फिल्म थी बरसात इस फिल्म में उनका और नरगिस का एक सीन इतना पसंद किया गया की बाद में वही आर के फिल्म का लोगो भी बना राज कपूर का असली नाम रणबीर था जो की अब उनके पोट का नाम है उसे दूर में किसी के लिए भी अंतरराष्ट्रीय स्टार पर प्रसिद्ध पन मुश्किल था लेकिन राज कपूर उसे वक्त भी सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में मशहूर थे वो रोज अफ्रीका मिडिल ईस्ट चीन तुर्की तक पहचाना जाते थे [संगीत] जिसमें दो इंटरवल थे यह फिल्म साढे कर घंटे लंबी थी ये आज भी हिंदी सिनेमा की सबसे मशहूर फिल्म है जान कहां हो गए वो दिन कहते थे तेरी राज कपूर एक शादीशुदा व्यक्ति होने के बाद भी हिंदी फिल्म की अभिनेत्री के साथ अक्सर चर्चा में रहते थे।

राज कपूर और अभिनेत्री नरगिस के बीच बहुत गहरा प्यार था हालांकि राज ने नरगिस के साथ के रिश्ते को ना तो कभी किसी के सामने स्वीकार किया था और ना ही कभी झुठलाया था 1948 में अपने डायरेक्टोरियल देबू आज की शूटिंग के लिए एक अच्छी लोकेशन के बड़े में जानकारी हासिल करने राज कपूर अपने जमाने के मशहूर एक्ट्रेस जाडन भाई के घर तक पहुंच गई वहां उनकी मुलाकात जद्दन भाई की बेटी नरगिस से हुई जो जल्दबाजी में अपने माथे पर लगे बेसन को मिटाना ही भूल गई थी राज कपूर उसे लड़की की खूबसूरती और सादगी से इतना इंप्रेस हुए की उन्होंने फिल्म के राइटर को इसी तरह का सीन फिल्म में शामिल करने को कहा बस वहीं से शुरू हुई।

राज कपूर के जो स्क्रीन और ऑफ स्क्रीन रोमांस की शुरुआत [संगीत] श्री 420 और बरसात जैसे करीब 16 फिल्मों में साथ कम किया इतना ही नहीं राज कपूर के साथ नरगिस भी होने चने लगी थी मधु जैन ने अपनी किताब फर्स्ट फैमिली ऑफ इंडियन सिनेमा डी कपूर में लिखा है नरगिस ने अपना दिल अपनी आत्मा और यहां तक के अपना पैसा भी राज कपूर की फिल्मों में लगाना शुरू कर दिया।

चांदनी मैं हम तुम मिले और आंधी में भी ए जाएगी बाहर की स्टूडियो के पास पैसों की कमी हुई तो नरगिस ने अपने सोनी के कड़े तक बीच डेल राज कपूर के साथ 9 साल लंबे समय तक रिश्ते के बाद नरगिस को जब ये लगे लगा की अब राज उनकी तरफ ध्यान नहीं दे रहे और राज कपूर ना तो अपनी शादी तोड़ सकते हैं और ना ही अपने पिता से बगावत कर सकते थे ऐसे में नरगिस ने उनके साथ अपने रिश्ते खत्म कर लिए हैं।

जब सुनील डेट के साथ नरगिस की शादी की खबर राज कपूर तक पहुंची तो उन्होंने अपने आप को सिगरेट बाटो से जल लिया वो ये देख रहे थे की कहानी यह कोई बड़ा सपना तो नहीं नरगिस की जीवन लिखने वाले डीजे एस जॉर्ज के मुताबिक नरगिस की शादी के बाद से ही राज कपूर ने बेइंतहा शराब पीनी शुरू कर दी थी।

नरगिस से अफेयर खत्म होने के बाद उनका झुकाव वैजयंती माला की तरफ हो गया था मेरी मंजिले मासूम राज का नाम 1960 के दशक में अभिनेत्री वैजयंती माला के साथ भी जुड़ा था इन दोनों के रिश्ते का खुलासा खुद राज कपूर ने किया था जबकि वैजयंती माला ने खबरे को हमेशा झूठ कहा बुद्ध मिल गया ओ बुद्ध मिल गया हो बुद्ध मिल गया खबर सुनकर राज कपूर की पत्नी कृष्णा बच्चों के साथ घर छोड़कर होटल में रहने चली गई थी हिंदी सिनेमा के खूबसूरत अभिनेत्री वैजयंती माला जितनी उलझी हुई अदाकारा थी उनकी पर्सनल लाइफ उतनी ही विवादों से भारी थी [संगीत] माला ने 13 साल की बच्ची उम्र में फिल्मों में कम करना शुरू कर दिया था।

इतना ही नहीं पूरे 2 दशकों तक उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री पर राज भी किया था फिल्मों की शूटिंग के दौरान वैजयंती माला की नजदीकियां दिलीप कुमार और राज कपूर से रही 1961 में आई फिल्म गंगा जमुना के सेट पर दिलीप कुमार और वैजयंती माला काफी और शुरू हुआ वहीं दिलीप कुमार के बाद वैजयंती माला की लाइफ में राज कपूर की एंट्री हुई ठंडक ये दे रहा है ये सदा तुम्हारे हो चुकी हूं 1964 में आई फिल्म संगम की शूटिंग के दौरान राज कपूर और वैजयंती माला एक दूसरे के इतने करीब ए गई थी की बात इनकी शादी तक पहुंच गई थी हालांकि राज कपूर पहले से ही शादीशुदा और बाल बच्चे वाले आदमी थे।

दरअसल संगम फिल्म की शूटिंग के दौरान राज कपूर और वैजयंती माला दोनों ज्यादा से ज्यादा वक्त साथ में बिताने लगे थे यह बात राज कपूर की पत्नी कृष्णा को खटक गई थी फिर जब दोनों की नजदिकों की खबरें राज कपूर की पत्नी कृष्णा कपूर को पता चली तो वो घर छोड़कर चली गई और करीब 4:30 महीने मुंबई के नटराज होटल में रही राज कपूर के काफी मनाने के बाद कृष्णा कपूर इस शर्ट परमैन की वो फिर कभी वैजयंती माला के साथ कम नहीं करेंगे पत्नी की शर्ट के आगे राज कपूर को झुकना पड़ा और इस तरह वैजयंती माला और राज कपूर को एक दूसरे से अलग होना पड़ा कहा जाता है की वैजयंती माला से अफेयर के बाद राज कपूर ने अभिनेत्री पद्मिनी को भी डेट किया था।

जिसका खुलासा राज बेटे ऋषि कपूर ने साल 2017 में किया था हम छोटी एक और शानदार फैक्ट्री जुड़ा हुआ है राज कपूर अपने हर फिल्में हीरोइन को सफेद साड़ी जरूर पहना थे कहा जाता है की एक बार उन्होंने अपनी पत्नी को सफेद साड़ी तोहफे में दी ये साड़ी उन्हें इतनी पसंद आई की इसके बाद उनकी सभी हीरोइंस ने सफेद साड़ी पहनी दोस्तों बताया जाता है की ऋषिकेश मुखर्जी को फिल्म आनंद बनाने का आइडिया उनकी और अपनी दोस्ती की वजह से ही आया था जब राज कपूर की तबीयत खराब रहने लगी थी तब उन्हें कोन का डर मुखर्जी को बहुत परेशान करता था।

इसी डर को बाद में उन्होंने आनंद फिल्म में दिखाए फिल्म काफी पसंद की गई दोस्तों अब आपको राज कपूर की मौत के बड़े में बताते हैं की आखिर क्यों एक प्रोटोकॉल की वजह से राज कपूर की जान चली गई दरअसल राज कपूर की तबीयत काफी खराब थी फिर भी जब दादा साहब फालके अवार्ड के लिए उन्हें दिल्ली आने का नहीं होता मिला तो वो मां गए यह अवार्ड सेरेमनी दिल्ली के सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम में हनी थी सुरक्षा कर्म से इसी इवेंट में राज कपूर को ऑक्सीजन सिलेंडर ले जान की परमिशन नहीं मिली जब उनके नाम की घोषणा हुई तभी उन्हें साइन में तेज दर्द हुआ ये देखकर तत्कालीन राष्ट्रपति आर वेंकटरमन प्रोटोकॉल तोड़कर स्टेज से नीचे उनके पास गई तब राज कपूर को एम्स में ले जय गया एक महीने तक अस्पताल में रहने के बाद आखिरकार राज कपूर ने दम तोड़ दिया।

राज कपूर अपने आखिरी समय में फिल्म हिना की शूटिंग से जुड़े थे इस फिल्म को बाद में राज कपूर के बेटे रणधीर कपूर और ऋषि कपूर ने पूरा किया था जिसके बाद फिल्म को 1991 में रिलीज किया गया था दोस्तों उनके बड़े में मशहूर कई दिलचस्प बटन में एक ये भी थी की वो आरके स्टूडियो में अपना मेकअप रूम किसी और को इस्तेमाल नहीं करने देते थे लेकिन सिर्फ देव साहब को इसकी इजाजत थी।

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