हिंदी सिनेमा में एक समय तीन पुरी भाइयों का दूर हुआ करता था अमरीश पुरी मदन पुरी और चमन पुरी अमरीश पुरी और मदन पुरी को जहां फिल्मी विलन बन्ना पसंद आया वहीं सबसे बड़े भाई चवन पुरी चरित्र अभिनेता के तोर पर मशहूर हो गए थे और आज हम आपको तीनों पे जोड़ एक्टरों की मौत की वजह बताने जा रहे हैं।
सबसे पहले बात करते हैं अमरीश पुरी की जो की बॉलीवुड में मो के नाम से मशहूर थे गेम को खुश हुआ 22 जून 1932 को नवासहर पंजाब में पैदा हुए अमरीश पहले दोनों कंपनी में क्लर्क हुआ करते थे उनका सपना सिनेमा में कम करने का था बड़ा भाई फिल्मों में था उसकी मदद से अमरीश भी बॉलीवुड पहुंच गए 1971 में एक फिल्म आई रेशमा और शेर इस फिल्म में रहमत खान के किरदार में उन्होंने वो कमल किया की अमरीश को लोगों ने के तोर पर पसंद करना शुरू कर दिया अपने दूर में वो अकेले ऐसे विलन हुआ करते थे जिनकी फीस एक करोड़ रुपया हुआ करती थी फिल्म नगीना का हो या मिस्टर इंडिया का मोबाइल उनकी अदाकारी का कोई जोर नहीं था इतने महान अभिनेता का अंत बहुत खराब हुआ अमरीश सन या 65 के करीब रहे होंगे उनको सांस लेने में परेशानी होने लगी और थकान रहने लगी पहले तो उन्होंने ध्यान नहीं दिया मगर धीरे-धीरे हालात और बिगड़ना लगे तो डॉक्टर के पास पहुंचे जहां रिपोर्ट आएगी।
अमरीश को बहुत ही की बीमारी ने जा कर लिया है ये एक प्रकार था जिसको कहते हैं इस की वजह से उनके हालात बिगड़ी जा रही थी इलाज भी असर नहीं कर रहा था और बढ़ाना ही जा रहा था इस बीमारी में उनको दो बार मलेरिया हो गया और उसके बाद उनके हालात ऐसी हो गई की वो बेड से ही नहीं उठ पाते थे जनवरी 2005 की बात है वो बाथरूम जान के लिए बेड से उठने लगे अगर यह दायक उनको चक्कर आ गया और वो सर के बाल गिर पड़े जिससे उनके सर में अंदरुनी चोट ग गई फौरन अमरीश को अस्पताल ले जय गया और रिपोर्ट में पता चला की उनके दिमाग में क्लोटिंग हो गई है इमरजेंसी ऑपरेशन का फैसला लिया गया।
अमरीश का ऑपरेशन कामयाब नहीं हुआ और वो कॉम में चले गए 12 जनवरी 2005 कांग्रेस पुरी की दर्दनाक मौत हो गई अब बात करते हैं दूसरे भाई मदन पुरी की 60 और 70 के दशक में मदन पुरी का बॉलीवुड में राज हुआ करता था दीवार फिल्म के विलन सामंत को आज भी याद करते हैं लोग दोस्तों मदन पुरी की मौत भी बहुत ही दर्दनाक हुई 1984 के बाद है उनकी तबीयत बहुत खराब रहने लगे अस्पताल पहुंचे और चेकअप हुआ तो पता चला की ये मदन पुरी को तो की बीमारी हो गई है और इसके बाद तो उनका जीवन नरक बन गया।
8 मीना तक अस्पताल और घर के बीच उनकी जिंदगी चलती रहेगी इलाज के बाद भी कैंसर फैलता जा रहा था और इसी बीच मदन पुरी की दोनों किडनी अभी खराब हो गई थी अब तो वो बेड से उठने लायक तक नहीं बजे थे अंतिम दोनों में अभिनेता का दिमाग ही संतुलन भी खराब हो गया था और 13 जनवरी 1985 के दिन कैंसर और की वजह से उनके दिल की धड़कनें भी बैंड हो गई और महान अदाकार के हो गई और अब आपको पुरी भाइयों में सबसे बड़े भाई चमन पुरी के बड़े में बताते हैं 2 अक्टूबर 1914 को पैदा हुए चमन पुरी परिवार में सबसे पहले फिल्मों में आए थे।
1948 में सीट सिंगर नाम की फिल्म से चमन ने अपना फिल्मी करियर शुरू किया था जहां दोनों भाई खलनायक के रूप में मशहूर हुए थे वही चमन पुरी चरित्र अभिनेता के तोर पर पहचाना गए भले ही अमरीश और मदन के बराबर मशहूर नहीं हुए मगर चमन के चने वाले कम नहीं थे चमन ने कई बी फिल्मों में कहां और अपनी अलग पहचान बनाई उन्होंने हावड़ा ब्रिज प्यार किया ट्रेन और विक्टोरिया नंबर 2003 फिल्मों से वो मशहूर हुए वहीं रात की रानी संग्राम मस्ताना अफसाना और पेन के जैसी फिल्मों के जारी भी उन्होंने खूब नाम कमाया चमन ने अपने भाई मदन के साथ भी फकीर आज चोर मचाए शोर और आप बीती जैसी नाम चीन फिल्मों में अभिनय किया। 26 जून 1998 को इस महान अभिनेता की मुंबई में हो गई ।