अब इंडस्ट्री में रहते हुए कई सारे ऐसे भी कलाकार रहे जिन्होंने नेगेटिव केदार निभा कर अपनी अमित छाप छोड़ी और उन्ही कलाकारों की तरफ डालें तो प्राण एक ऐसे शख्स माने जाते हैं जिनके नेगेटिव किरदारों की हमेशा से ही तारीफ ही की जाती थी साल 1940 में इनकी पहली पंजाबी फिल्म आती है।
जिस फिल्म का नाम आता है यमला जट्ट और इस फिल्म को करने के बाद आने वाले समय में वो तमाम बड़ी फिल्मों का हिस्सा बने लेकिन बात करें बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री की तो इस इंडस्ट्री से जुड़ते ही प्राण को एक नई पहचान मिल गई थी 1940 से लेकर सैन 2000 तक इनका इंडस्ट्री में एक अलग ही रुतबा देखने को मिला और इनकी बेहतरीन अदायेगी हमेशा से ही दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित नहीं कहने को तो प्राण नेगेटिव किरदार निभाते द लेकिन उनकी रोवेली आवाज़ उसे समय के तमाम बड़े सुपरस्टार पर भी भारी पड़ती थी इतने नहीं इनकी दीवानगी का असर आप इस कदर भी लगा सकते हैं की उसे जमाने में कई सारे सुपरस्टार से ये अधिक फीस लेते द भले ही उन सभी फिल्मों में ये नेगेटिव किरदार निभाते थे।
लेकिन की डिमांड इतनी ज्यादा हुआ करती थी की ये हीरो से भी ज्यादा फीस लिया करते द कैरियर की अगर पीक की बात करें तो एक ऐसा भी समय मैं जब खलनायकी का दूसरा नाम प्राण को कहा जाता था उनकी का इतना था की लोग अपने बच्चों का नाम प्राण रखना छोड़ दिए द फिल्मों के आखिरी में सभी कलाकारों के बाद एंड प्राण लिखा हुआ था जो फिल्म में उनकी दमदार मौजूदगी और दर्शकों के क्रेज़ को बताता था।
पर्सनल लाइफ की बात करें तो प्राण का जन्म 12 फरवरी 1920 को दिल्ली में हुआ था उनके पिता केवल क्रिश्चियन सिकंदर सिविल इंजीनियर हुआ करते द प्राण के तीन भाइयों तीन बहाने द जमाने के दिनों में फोटोग्राफी का शौक रखने वाले प्राण है बंटवारे से पहले कुछ पंजाबी और हिंदी फिल्म लीड एक्टर कम किया था लाहौर में भी उन्होंने साल्वी विश्वविद्यालय से 46 तक 22 किलो में कम किया और बंटवारे के बाद वो पाकिस्तान से अपनी पत्नी और बेटे भारत ए गए द अपरान के अगर असली नाम की बात करें तो उनका नाम किशन सिंह था और बताया जाता है की प्राण असल में एक फोटोग्राफर बन्ना चाहते द लेकिन उनकी किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।
पुराने साल 1942 में फिल्म खानदान से अपने शरीर की शुरुआत की थी उन्होंने 22 फिल्मों में बता और मिलन की भूमिका निभाई थी फिल्मों में नेगेटिव रोल्स कर ब्रांड ने खौफनाक विलन का टाइगर अपने नाम हासिल कर प्राण वो कलाकार द जिन्होंने हीरो बनकर ही लोकप्रियता होने की गलतफहमी को लोगों के दिलों से उतार था और उसे जमाने में इन कितने ज्यादा डिमांड हुआ करती थी की किसी बड़े सुपरस्टार से भी ज्यादा ही फीस लिया करते।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक तरफ जहां फिल्म डॉन में अमिताभ बच्चन ने जहां 2.5 लाख की फीस ली थी तो वही दूसरी और परार ने इस फिल्म में कम करने के लिए उसे जमाने में ₹500000 लिए द तो इसका आप भी अंदाजा लगा सकते हैं की अमिताभ बच्चन से भी ज्यादा इनकी फीस हुआ करती थी और प्रोड्यूसर भी उनको पैसे देने में कोई भी वो राइस नहीं करते द क्योंकि उसे जमाने में इनकी बहुत ज्यादा डिमांड हुआ करती थी वही दूसरी और अगर प्राण की अगर फिर भी सफर की बात करें तो अपने शानदार फिल्मी सफर के दौरान इन्होंने अपनी अमित छाप छोड़ी और प्राण को इस दौरान तीन बार फिर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का पुरस्कार भी मिला।
साल 1997 में उन्हे फिल्मफेयर लाइव टाइम अचीवमेंट खिताब से भी नवाज गया प्राण को हिंदी सिनेमा में उनके योगदान के लिए सैन 2001 में भारत सरकार के पद्म भूषण से भी नवाज गया साथी ने दादा साहब फाल्के अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था अब अपने कैरियर के दौरान 350 अधिक फिल्मों में कम किया और साल 2013 में प्राण 93 साल की उम्र में अंतिम सांस ली बताया जाता है की हार्ट अटैक की वजह से इनका देहांत हो गया था।