दिवाली के डिब्बों में भरे जा रहे नकली काजू, शरीर में बीमारी भर देंगे ऐसे काजू, 4 तरीकों से करें असली काजू की पहचान।

दिवाली का पर्व नजदीक है और उसके बाद भाई दूज और छठ पर्व भी आ रहे हैं। भारत में कोई भी पर्व बिना मिठाई, पकवान और उपहार के बिना के अधूरा है। दिवाली पर मिठाई और गिफ्ट देने की परंपरा है। इस दिन लोग ड्राई फ्रूट्स, नट्स के डिब्बे और विभिन्न तरह की मिठाई उपहार के रूप में देते हैं।

अगर बात करें काजू की तो काजू का गिफ्ट, पकवान और मिठाई में काजू का खूब इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि फेस्टिव सीजन में डिमांड पूरी करने के लिए कारोबारी नकली और पुराने काजू का भी खूब इस्तेमाल करने लगते हैं?काजू को हेल्दी स्नैक माना जाता है। लेकिन इन दिनों बाजार में नकली काजू भी बहुत मिलते हैं। असली और नकली काजू में फर्क करना मुश्किल हो सकता है। नकली और पुराने काजू खाने से पाचन समस्याएं, एलर्जी, फूड पॉइजनिंग और इम्यूनिटी कमजोर होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

ऐसे में असली और नकली काजू की पहचान कैसे कर सकते हैं आइए जानते है।नकली काजू में इस्तेमाल किए जाने वाले रसायन ट्रैक्ट में जलन पैदा कर सकते हैं, जिससे मतली, उल्टी और दस्त जैसे लक्षण हो सकते हैं। ऐसे काजू पेट में ऐंठन का कारण बन सकते हैं। इससे भी हो सकती है।

नकली काजू में इस्तेमाल किए जाने वाले रसायन से एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है, जिससे त्वचा पर चकत्ते, लालिमा और खुजली हो सकती।

नकली काजू में हानिकारक रसायन या भारी धातुओं का लंबे समय तक सेवन करने से शरीर में विषाक्त पदार्थों का संचय हो सकता है, जिससे और को नुकसान पहुंच सकता है।

नकली काजू को बनाने के लिए इस्तेमाल किये गए कुछ कृत्रिम रसायन और रंग कैंसर का कारण बन सकते हैं। इनके सेवन से हार्मोनल असंतुलन भी हो सकता है। इतना ही नहीं, इससे आपका इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है जिससे शरीर की और बीमारियों से की ताकत कम हो सकती है।

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