एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री लोगों का कई वर्षों से मनोरंजन करती आ रही है. लोगों के सामने अलग-अलग कहानी पर्दे पर परोसी जाती हैं जिन्हें लोग पसंद करते हैं और कई बार अलोचना भी होती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिनेमा की दुनिया में रील लाइफ के अलावा कई रियल लाइफ कहानियां जो किसी को भी झकझोर दें. ऐसी ही एक कहानी एक्ट्रेस नंदा कर्नाटकी की है जो बिल्कुल सच है. नंदा कर्नाटकी वो महिला थीं जिन्होंने कभी शादी नहीं की लेकिन अपनी जिंदगी एक विधवा बनकर गुजार दी..
नंदा कर्नाटकी का जन्म साल 1939 में हुआ था और कम उम्र में उनके पिता का निधन हो गया था. साल 1948 में फिल्म ‘मंदिर’ से चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर एक्टिंग की शुरुआत करने वाली नंदा कर्नाटकी ने सिनेमा में 30 साल से ज्यादा काम किया है.
नंदा कर्नाटकी ने साल 1956 में आई फिल्म ‘तूफान और दिया’ से लीड एक्ट्रेस के तौर पर काम किया है. इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया. नंदा कर्नाटकी ने राजेश खन्ना, शशि कपूर सहित तमाम स्टार्स के साथ स्क्रीन शेयर की है.
नंदा कर्नाटकी को फिल्मों में तो काफी सफलता मिली लेकिन निजी जिंदगी में काफी उतार-चढ़ाव रहे हैं. उन्हें जीवन भर कुंवारा रहना पड़ा लेकिन उन्होंने अपनी जिंदगी एक विधवा की तरह काटी.नंदा कर्नाटकी को डायरेक्टर मनमोहन देसाई से प्यार हो गया. बताया जाता है कि मनमोहन देसाई भी नंदा कर्नाटकी को प्यार करते थे लेकिन कभी अपने प्यार का इजहार नहीं कर पाए.
मनमोहन देसाई को लेकर कहा जाता है कि उन्होंने जीवन प्रभा से सिर्फ इसलिए शादी की थी कि क्योंकि वह नंदा कर्नाटकी जैसी दिखती थीं. जीवन प्रभा के निधन के बाद मनमोहन देसाई और नंदा कर्नाटकी के बीच नजदीकियां बढ़ने लगीं थीं.
मनमोहन देसाई की मौत ने नंदा कर्नाटकी को बुरी तरह तोड़ दिया था. उन्होंने बिना शादी के ही मनमोहन देसाई की विधवा बनकर रहने का फैसला किया. बताया जाता है कि नंदा कर्नाटकी जब भी कहीं जाती तो सफेद साड़ी में जाती थीं. साल 2014 में उनका निधन हो गया था.