एक्टर मनोज कुमार ने इस फिल्म के लिए बेच दिया था खुद का बंगला।

बॉलीवुड के मशहूर एक्टर मनोज कुमार का नाम उन कलाकारों में लिया जाता है जिन्होंने सिनेमा में अपने अभिनय और छवि से एक अलग पहचान बनाई. 1960-70 के दशक में अपने करियर के शिखर पर पहुंचने वाले मनोज कुमार न सिर्फ एक प्रभावशाली अभिनेता थे, बल्कि उन्होंने भारतीय सिनेमा में भारत के किरदार के रूप में एक ऐसा आदर्श स्थापित किया जिसे आज भी याद किया जाता है. मनोज कुमार का पर्दे पर व्यक्तित्व बहुत खास था. उन्होंने अपने पात्रों में भारतीयता, देशप्रेम और सादगी को अहम जगह दी. उनके पात्र हमेशा ईमानदार, संघर्षशील और देश के लिए समर्पित होते थे. यही कारण था कि उन्होंने अपने जीवन के कई महत्वपूर्ण फैसलों में अपनी भारत की छवि को सर्वोपरि रखा.

इसीलिए मनोज कुमार ने किसी भी फिल्म में अपने किरदार में हीरोइनों के साथ एक दूरी बनाए रखते थे. आईएमडीबी के मुताबिक, इसका सबसे बड़ा उदाहरण तब देखने को मिला जब वह जीनत अमान के साथ फिल्म रोटी कपड़ा और मकान (1974) की शूटिंग के दौरान एक महत्वपूर्ण सीन की शूटिंग कर रहे थे. इसमें दोनों के बीच रोमांटिक सीन फिल्माया जाना था, लेकिन मनोज कुमार ने इस दृश्य को करने से साफ मना कर दिया. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि उनकी भारत की छवि के मुताबिक यह सीन करना ठीक नहीं होगा. वह चाहते थे कि उनका अभिनय समाज और देश की उन आदर्शों का प्रतीक बने, जो उन्होंने पर्दे पर दिखाए थे.

मनोज कुमार की ब्लॉकबस्टर फिल्म क्रांति 1981 में रिलीज हुई थी. क्रांति हिंदी सिनेमा की यादगार फिल्मों में से है और इसने कमाई के कई रिकॉर्ड कायम किए थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, क्रांति को फाइनेंस करने के लिए मनोज कुमार ने जुहू का अपना प्लॉट बेच डाला था. यही नहीं, मनोज कुमार ने दिल्ली का अपना बंगला तक बेच दिया था. मनोज कुमार ने क्रांति को जैसे-तैसे पूरा किया और लगभग तीन करोड़ की फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर लगभग 16 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया था.

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