हिंदुओं के आस्था का प्रमाण इस वक्त आपको प्रयागराज के महाकुंभ में देखने को मिल रहा होगा जहां दुनिया की मोह माया त्याग कर एक से बड़े एक सन्यासी पहुंच रहे हैं वहीं सोशल मीडिया पर रुद्राक्ष माला बेचने वाली खूबसूरत लड़की से लेकर आईआईटी एन बाबा खूब छाए हुए हैं इन सबके अलावा इन दिनों सोशल मीडिया पर एक कबूतर वाले बाबा भी खूब छाए हुए हैं और जिन्हें कबूतर वाले बाबा या फिर कबूतर संत के नाम से जाना जा रहा है.
तो कबूतर वाले बाबा के सिर पर एक कबूतर को आप बैठे देखा जा सकता है बताया जा रहा है कि ये कबूतर बाबा के साथ पिछले 9 साल से है और इनके साथ हर वक्त रहता है खाते पीते सोते जगते हर वक्त यह बाबा के साथ ही रहता है कबूतर प्रेम को लेकर बाबा का कहना है कि कबूतर प्रेम और सदभाव का प्रतीक है जो सभी जीवित प्राणियों के प्रति करुणा और दया का भाव सिखाता है.
आपको बता दें कि ये कबूतर वाले बाबाज मशहूर जूना अखाड़े के महंत राजपुरी जी महाराज हैं और इनके कबूतर का नाम हरिपुरी है वहीं बाबा जी ने अपने कबूतर के प्रति प्रेम को लेकर बताया है कि उनका कबूतर उनके सिर पर पिछले आठ से नौ वर्षों से सवार है और उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता वहीं कबूतर वाले बाबा ने बताया है कि वह दिन भर में दो बार भोजन करता है इसके बाद बिसलेरी का पानी भी पीता है बाबा ने बताया कि कबूतर सादा पानी नहीं पीता उन्होंने कहा कि कबूतर केवल काजू बादाम और पिस्ता ही खाता है इसके लिए चीजें हमेशा तैयार रखी जाती है.
इसे बच्चे की तरह मुंह में खिलाना पड़ता है वहीं आपको बता दें कबूतर केवल स्नान और भोजन के लिए ही नीचे उतरता है रात में वह कंबल में उनके साथ ही सोता है वहीं कबूतर वाले बाबा का कहना है कि उनका एकमात्र लक्ष्य है जीवों की सेवा करना वहीं आपको बता दें कबूतर वाले बाबा राजस्थान के चित्तौड़गढ़ के रहने वाले हैं और आपने कई बार ऐसा देखा होगा कि सिर पर हमेशा बैठे कबूतर को कितना भी हिलाया जाए वह वहां से नहीं हटता है.
वहीं कुंभ पहुंचने वाले लोगों में से जो भी बाबा को और उनके सिर पर बैठे कबूतर को देखता है वह रुके बिना नहीं रह पाता है।