रानी लक्ष्मी बाई की मूर्ति पर मुस्लिमों को क्यों ऐतराज ?

अब बात करते हैं दिल्ली में रानी लक्ष्मीबाई की मूर्ति लगाने को लेकर हो रहे विवाद की रानी लक्ष्मीबाई की मूर्ति लगाना भी कम्यून इशू हो गया इसके कारण दिल्ली के सदर बाजार इलाके में टेंशन भी हो गई सदर बाजार की शाही ईदगाह के सामने एक डीडीए का पार्क है इस पार्क में रानी लक्ष्मीबाई की मूर्ति लगाई जा रही है रानी लक्ष्मीबाई के साथ-साथ उनके तोपची गुलाम और सेनापति खुदा बख की मूर्तियां भी लगनी है सारी तैयारियां पूरी हो चुकी है दो दिन से एमसीडी के अफसर प्रशासन का ग्रीन सिग्नल मिलने का इंतजार कर रहे हैं।

लेकिन ईदगाह कमेटी इसका पुरजोर विरोध कर आज शुक्रवार का दिन है जुमे की नमाज होनी थी भारी संख्या में लोगों से ईदगाह मस्जिद पहुंचने की अपील की गई थी पर मैसेजेस सर्कुलेट किए गए थे माहौल खराब होने की आशंका थी इसलिए प्रशासन ने एहतियात भर्ती भारी तादाद में पुलिस फोर्स तैनात की गई बैरिकेड लगा दिए गए लेकिन मूर्तियां लगाने का काम फिलहाल टाल दिया गया क्योंकि पुलिस ने साफ-साफ कहा था कि नमाज पर कोई रोक नहीं है लेकिन गड़बड़ी करने वालों के साथ सख्ती की जाएगी पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्सेस के जवान तैनात कर दिए गए थे इसका असर दिखा।

नमाज के वक्त लोग बड़ी संख्या में पहुंचे में नमाज के दौरान मौलवी ने भी लोगों से अपील की कि वह नमाज के बाद सीधे अपने घर जाए किसी तरह का प्रोटेस्ट किसी तरह के नारेबाजी ना करें वरना पुलिस लाठी चार्ज करेगी बेवजह माहौल खराब [संगीत] होगा ब भी हमारी शान के खिलाफ नहीं है हम ना कर और इस अपील का असर हुआ लोग नमाज पढ़कर चले गए लेकिन उनके मन में नाराजगी तो थी लोगों का कहना था कि रानी लक्ष्मीबाई की मूर्ति दिल्ली में कहीं भी लग सकती है।

इसे ईदगाह के सामने ही क्यों लगाया जा रहा है असल में झांसी की रानी की जिस मूर्ति को ईदगाह के सामने लगाया जाना है वह मूर्ति फिलहाल झंडेवालान मंदिर के पास झांसी रानी रोड के गोल चक्कर पर लगी हुई है इस रोड पर हर वक्त जाम लगता है इसलिए ट्रैफिक कंजेशन को खत्म करने के लिए अथॉरिटी ने इस चौराहे और मूर्ति को हटाने का फैसला किया किया है तय यह हुआ कि स्टैचू को सदर बाजार की शाही ईदगाह के सामने डीडीए पार्क में शिफ्ट कर दिया जाए मूर्ति लगाने के लिए बेस तैयार करने का काम शुरू हुआ लेकिन ईदगाह कमेटी ने यह कहते हुए उस पर ऐतराज जताया कि यह जमीन वक्फ की है जमीन पर मालिका नाहक ईदगाह का है हालांकि वक बोर्ड ने इस बात से इंकार किया कि यह जमीन उनकी है।

इसके बाद कमेटी ने दिल्ली हाई कोर्ट में अपील की हाई कोर्ट ने फैसला डीडी के पक्ष में सुनाया ईदगा कमेटी ने इसे हाई कोर्ट की डबल बेंच में चैलेंज किया डबल बच की पिटीशन को याचिका को खारिज कर दिया और ईदगा कमेटी को फटकार भी लगाई कोर्ट ने कहा कि स्वतंत्रता सेना की मूर्ति लगाने को मजहबी रंग देना गलत है ईदगा कमेटी कोर्ट के जरिए कम्युनल पॉलिटिक्स करने की कोशिश कर रही है इसलिए उसे माफी नामा दाखिल करना होगा ईदगा कमेटी ने कल माफीनामा दाखिल कर दिया लेकिन इसके बाद सोशल मीडिया के जरिए जुमे के नमाज से पहले शाही ईदगाह में लोगों से इकट्ठा होने की अपील की गई मैसेज सर्कुलेट किए गए कि मुसलमानों जाग जाओ इकट्ठे हो जाओ आज बड़ी तादाद में जमा हो और लोग आए भी लेकिन पुलिस ने हालात संभाल लिए नमाज के बाद जो लोग ईदगाह से निकले उन्होंने कहा कि बीजेपी बूझकर ईदगाह की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रही है कुछ ने कहा कि आज लक्ष्मीबाई की मूर्ति लगा रहे हैं कल भगवान की मूर्ति लगाएंगे फिर अयोध्या की तरह ईदगाह को भी मंदिर बताकर इस पर कब्जा कर लिया जाएगा।

जहां पर प्रतिमा वही रहने दो ना क्यों उनको यहां से वहां शिफ्ट कर रहे होत इगा की जमीन है अब वहां से आज वो फोटो लगाएंगे कल को अचानक वहां पर मूर्ति मिल जाएगी फिर मंदिर बना देंगे बाबरी मस्जिद में भी तो यही हुआ था और भी तो जगह है पारक है दूसरी जगह वहां प शिफ्ट करो यहां पे उस चीज की डिमांड नहीं है मांग नहीं है तो क्यों कर रहे हो पब्लिक को जो रह र है उससे तो पूछो राय तो लो अचानक ही उसको हर चीज थोप देना हम इबादत करते हैं यहां पे इतनी सारी फोर्स लगा रखे हैं ये थोड़ी ना हम किसी भी नमाज पढ़ने आया कोई प्रदर्शन कोई कुछ नहीं हुआ है सब आराम से नमाज पढ़ने आया है नमाज पढ़ के जा रहा है उसको समझना चाहिए कि यह सब नहीं होना चाहिए मुस्लिम समाज के लोगों ने बीजेपी पर निशाना साधा सवाल पूछे तो इसलिए बीजेपी की तरफ से रिएक्शन आया गिरिराज सिंह ने ट्वीट किया और कहा कि भारत में लक्ष्मीबाई मूर्ति नहीं लगेगी तो क्या औरंगजेब की मूर्ति लगेगी विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता विनोद शर्मा ने इस विवाद के जरिए वक अमेंडमेंट बिल की हिमायत कर दी।

आम आदमी पार्टी भी इस मामले में बीजेपी को घिरने में लग गई संजय सिंह ने कहा कि झंडेवालान में आरएसएस का दफ्तर है ट्रैफिक के चक्कर में आरएसएस के नेता को दिक्कत होती है इसलिए रानी लक्ष्मीबाई की मूर्ति को शिफ्ट करने की प्लानिंग हुई है और इसके बाद दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेव ने कहा ईदगाह के सामने डीडीए पार्क में रानी लक्ष्मी आई की मूर्ति लगाने का फैसला दिल्ली सरकार का है और यह फैसला उस वक्त हुआ जब अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री थे वेर सचदेवा ने कहा डीडीए के पार्क में सिर्फ रानी लक्ष्मी भाई नहीं उनके दो सिपल सालार खुदा बख और गौस मोहम्मद की मूर्तियां भी लगाई जाएगी।

उन कंटर पंथिया को व सच दिखाना चाहता हूं जिनका अंदाजा उनको है नहीं जिन लोगों ने रानी लक्ष्मीबाई की लड़ाई में स्वतंत्रता की लड़ाई में देश की लड़ाई में अपने प्राण शवर किए वह सब इस्लाम धर्म के लोग थे ऐसे ही दो योद्धा गौस खा और खुदा बख अब जहा लक्ष्मीबाई की प्रतिमा लग रही है वहा इन दोनों सेनापतियों की प्रतिमा भी साथ लग रही है गुलाम गोस खा और खुदा बख जिस विभाग ने इस प्रोजेक्ट को स्वीकृति दी अरविंद केजरीवाल सरकार के शासन में दी र सचदेव ने जो तीर छोड़ा वह सीधा निशाने पर लगा जुम के नमाज के लिए आए कई मुसलमानों ने कहा इस सारे मसले के पीछे आम आदमी पार्टी है बीजेपी को तो जबरदस्ती टारगेट किया जा रहा है लोगों ने कहा वह किसी तरह का प्रोटेस्ट नहीं करेंगे हाई कोर्ट ने जो फैसला किया है व उसे मानेंगे लेकिन सरकार को भी सबकी भावनाओं की कदर करनी चाहिए रानी झांसी की मूर्ति लगानी चाहिए और हम उसका समर्थन करते हैं।

मगर एक लोगों की आस्था है कि यहां ईद की नमाज और जो नमाज होती है उससे थोड़ा सा आगे पीछे और बुते चौक है वहां लग जाए केजरीवाल को साहब को देखना चाहिए लोगों को केजरीवाल साहब क्या कर रहे हैं वक बोर्ड नेहा कहा है कि ये जमीन हमारी नहीं है तो इसमें वक बोर्ड से हमारी लड़ाई है उसके खिलाफ हमें बैठना चाहिए उसके खिलाफ हमें प्रदर्शन भी करना चाहिए एमसीडी के अंदर बताओ कौन है डेढ़ साल से आम पार्टी है बीजेपी है कांग्रेस है कोई है बदनाम करते हैं य बीजेपी को बीजेपी जो है सांप्रदायिक फैलाती है सत्ता जो है माहौल बिगाड़ है अब सरकार बताओ एमसीडी की किस एमसीडी में किसकी है दिल्ली सरकार किसकी है आज ईदगाह में नमाज के दौरान मौलवी साहब ने लोगों को समझाया शांति कायम रखी इसके लिए उनकी तारीफ होनी चाहिए पुलिस ने भी संयम से काम लिया किसी तरह का झगड़ा नहीं होने दिया तनाव नहीं होने दिया और यह काम मुश्किल था क्योंकि मूर्ति को लेकर लोग की भावना को भड़काने की भरपूर कोशिश की गई थी मोबाइल पर जो मैसेजेस वायरल कराए गए थे।

उसमें कहा गया था कि यह जमीन ईदगाह की है किसी ने कहा यह वक्फ की है मुसलमानों की है लेकिन फैक्ट यह है कि यह जमीन ईदगाह कमेटी की नहीं है वक बोर्ड की भी नहीं है जमीन डीडीए की है सरकारी है और केजरीवाल की सरकार ने रानी लक्ष्मीबाई की मूर्ति को डीडीए पार्क में सरकारी जमीन पर लगाने का फैसला किया यह भी कानूनी तौर पर बिल्कुल सही है लेकिन ऐसे मामलों में सिर्फ कानूनी बातों से काम नहीं चलता लोगों की भावनाओं का ख्याल रखना पड़ता है अगर मुस्लिम भाइयों को मस्जिद के सामने मूर्ति पर ऐतराज है इससे उनकी इबादत में खलल पड़ता है उन्हें यह मजहबी मान्यताओं के के खिलाफ लगता है और इसका कोई हिस्टोरिकल सिग्निफिकेंट भी नहीं है तो सरकार को उनकी मांग पर सहानुभूति पूर्वक विचार करना चाहिए रानी लक्ष्मीबाई देश का गौरव है वीरांगना है।

उनकी मूर्ति जहां भी लगेगी लोगों को प्रेरणा देगी मूर्ति कहीं और लगने से रानी लक्ष्मीबाई गुलाम गौस खां या खुदा पक्ष की गौरव गाथा में कोई कमी नहीं आएगी लेकिन सामाजिक सौहार्द बना रहे का इसकी कोशिश सबको मिलकर करनी चाहिए।

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