समय रहना और रणवीर इलाहाबाद दिया के इंडियाज गट लेटेंट वाले मामले के बाद सरकार ने एक बार फिर से ओटीटी प्लेटफॉर्म के कान खींचे हैं हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से अब केंद्र सरकार ने भी प्लेटफॉर्म के लिए नई गाइडलाइन जारी की है मिनिस्ट्री ऑफ इंफॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग ने कहा है कि वह आईटी एक्ट 2021 का पालन करें सरकार की तरफ से यह आदेश तब आया जब पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने रणवीर इलाहाबाद का केस सुनते हुए यह कहा था कि इस मामले में कुछ किया जाना बहुत जरूरी है.
अब सरकार ने एडवाइजरी जारी कर यह कहा है कि सारे ही मीडिया प्लेटफॉर्म्स आईटी एक्ट को फॉलो करें जिससे आपत्तिजनक या कंटेंट को फैलने से रोका जा सके सरकार ने इस तरह के आपत्तिजनक कंटेंट को रोकने के लिए अश्लील कंटेंट पर काबू पाने के लिए कई तरीके बताए हैं सरकार का मानना है कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को अपने ऐप पर एज बेस्ड कंटेंट क्लासिफिकेशन करना चाहिए ताकि कम उम्र के लोगों तक किसी भी तरह का कंटेंट पहुंचने से रोका जा सके.
साथ ही उन्हें रेगुलेटरी बॉडी बनाने के लिए भी कहा है सरकार ने यह भी कहा है कि प्लेटफॉर्म्स कोड ऑफ एथिक्स का पालन करें ये सारे निर्देश तब आ रहे हैं जब रणवीर इलाहाबाद के एक कमेंट को लेकर बवाल थम नहीं पाया है रणवीर ने इंडियाज गट लेटेंट में एक विवादास्पद बात कही थी जिसके बाद से ही यह सारा मामला शुरू हो गया इसके बाद ना सिर्फ देश में उनके खिलाफ कई रिपोर्ट्स दर्ज की गई बल्कि मंत्रालय में भी कई सांसदों विधाई संस्थाओं की शिकायत के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है सरकार ने यह साफ किया है कि किसी भी ओटीटी प्लेटफॉर्म को अपना कंटेंट दिखाते समय कानून का पालन करना ही होगा किसी भी तरह का गैर कानूनी कंटेंट दिखाने पर जरूरी एक्शन लिया जाएगा.
मिनिस्ट्री ऑफ इंफॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग की सीनियर एडवाइजर कंचन गुप्ता ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर इस एडवाइजरी की कॉपी शेयर की है जिसमें मोटा बाटी चार बातों पर जोर दिया गया है पहली बात तो यह कि सभी ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को आईटी एक्ट 2021 के नियमों को मानना होगा दूसरा यह कि सभी ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को सेल्फ रेगुलेटरी बॉडी बनानी होगी जो उनके कंटेंट पर विचार कर सके तीसरे पॉइंट में कहा गया है कि दी इनसेंट रिप्रेजेंटेशन ऑफ वमन प्रोहिबिशन एक्ट 1986 हिंदी में कहें तो महिलाओं का अश्लील प्रतिनिधित्व अधिनियम 1986 पॉक्सो एक्ट और आईटी 2000 के तहत अश्लील या आपत्तिजनक कंटेंट को दिखाना दंडनीय अपराध है.
आगे चौथे बिंदु में कहा जाता है कि ए यानी एडल्ट रेटेड कंटेंट को बच्चों से दूर रखने के लिए हर तरह के कंटेंट को उम्र के हिसाब से क्लासिफाई किया जाना चाहिए वैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर लगाम लगाने की बात शुरू से होती आई है कई मौकों पर कोर्ट की तरफ से इसे लेकर बात भी कही गई मगर लेटेंट वाले मसले के बाद इसने जिस तरह की तूल पकड़ी है वह शायद ही पहले दिखी हो.