जब म्यूजिक डायरेक्टर ने कहा ‘ये क्या तुम सफेद चादर ओढ़ कर चली आती हो?

रविवार की सुबह एक बुरी खबर आती है यह खबर मैं यह बताया जाता है कि बांधों में साल की उम्र में लता मंगेशकर अब इस दुनिया में नहीं रही और इस तरह भारत ने एक अपना रतन खो दिया है उनके निधन की खबर पाकर हर तरफ मायूसी में देखने को मिली बॉलीवुड प्रेस्टीज पूरी तरह शोक में डूबे वहीं आम जनता से लेकर दिग्गजों ने भी उन्हें अपनी श्रद्धांजलि भेंट की।

हालांकि कई दिनों से लता मंगेशकर काफी ज्यादा बीमार थी और कमिटमेंट पॉजिटिव होने के बाद उन्हें आईसीयू में भर्ती कराना पड़ा था लेकिन यह हर कोई जानता था यह वह अधिक देर हमारे बीच में नहीं रह पाएंगी पर्व को लेकर ऐसा भी बहुत ही कोई भी इसे मानने के लिए तैयार नहीं था और वह दिन भी आ गया 92 साल की उम्र में भी गायन के प्रति उनका समर्पण ही बताता है कि जितना चाहने वाले उनके जाने से दुखी हैं उससे कहीं ज्यादा लता मंगेशकर कोई संसार को छोड़ते हुए दुखी होंगे और हो भी क्यों न अपने गाय के दम पर लता मंगेशकर ने जो भारतीयों का सर इतना ज्यादा ऊंचा किया।

वह आज हमारे बीच में नहीं है इस बात को लेकर हर तरफ मायुसी देखने को मिली क्योंकि उन्होंने एक ऐसा रिकॉर्ड काम करके रखा हुआ था जो शायद ही कोई तोड़ सकता है दुनिया भर के करीब 36 भाषाओं में करीब 30 हजार से ज्यादा उन्होंने गाने गाए और इस बात से आप उनकी शख्सियत का अंदाजा लगा सकते हैं निजी जीवन की बात करें तो लता मंगेशकर को हमेशा से ही सादा जीवन ही पसंद था वह पांच भाई बहनों में सबसे बड़ी थी 28 सितंबर 1929 को मध्य प्रदेश के इंदौर में उनका जन्म हुआ था और उनका हमेशा सही साथ ही के प्रति लगाव था।

तभी तो उन्होंने इतना ज्यादा मुकाम हासिल करने के बावजूद भी कभी भी घमंड नहीं किया और फिर इतना ज्यादा नाम और शोहरत कमाने के बावजूद भी लता मंगेशकर के अंदर कोई भी तब्दीली नहीं देखने को मिली उन्होंने हमेशा से ही सादा जीवन जीना ही बेहतर समझा आपने भी कई सारी तस्वीरों में लता मंगेशकर को सफेद साड़ी में जरूर देखा होगा और के शादी जीवन को दर्शाता भी हैं लेकिन जब इस बारे में सवाल पूछा गया कि आप सफेद साड़ी क्यों पहनती हैं तो इसके जवाब में उन्होंने कहा था रूचि है सफेद बचपन से पसंद है मैं जब छोटी थी तब मैं घाघरा चोली पहनती थी वह भी सफेद ही पहना करती थी पर इस बीच में एक ऐसा भी समय आया था कि कलर साड़ियां पहनना शुरू की थी।

हर रंग की साड़ी में पहनती थी पर 12 साल के बाद ऐसे बैठे-बैठे मुझे ख़याल है कि इस बात का तो कोई अंत ही नहीं है यार मुझे बिल्कुल भी पसंद आया तो कल पीली तो परसों नीली और इसका कोई अंत ही नहीं है इसलिए मैंने एक इधर फैसला किया कि आज से मैं सफेद के सिवा कुछ भी नहीं पहनूंगी हालांकि अपने इसकी पहनावे के कारण एक बार एक बड़े म्यूजिक डायरेक्टर ने और पर ताव न भी मारा था बताया जाता है कि जाने-माने म्यूजिक डायरेक्टर जी एम दुर्रानी यानि गुलाम मुस्तफा दुर्रानी ने लता मंगेशकर के सफेद कपड़ों के ऊपर ताना मारते हुए कहा था कि लता तुम रंगीन कपड़े क्यों नहीं पहनती थी यह क्या तुम सफेद चादर ओढ़ कर चली आती हो।

इस घटना के बाद लता मंगेशकर ने कभी भी जिम दूर आने के साथ काम न करने का फैसला लिया था उस वक्त लता मंगेशकर का फैसला काफी रिस्की था क्योंकि हम दुर्रानी उस वक्त के बड़े सिंगर में से एक थे और लता मंगेश कि उनके साथ कभी भी काम ना करने का फैसला किया था क्योंकि उन्होंने अभी हाल ही में अपने करियर की शुरुआत की थी लेकिन फिर भी लता मंगेशकर अपने फैसले पर अड़ी रहीं और हजारों ऐसे गाने दिए जो आज भी दुनिया अपने सीने से लगाए बैठी है।

आज भले ही हमारे बीच में नहीं है लेकिन उनकी गायकी को सुनने के बाद आज भी उन्हें लोग याद करते हैं अपनी मधुर आवाज के दम पर उन्होंने कई सारे पुरस्कार भी जीते पदम भूषण से लेकर दादा साहब फाल्के पुरस्कार और पद्म विभूषण समय तक भारत रत्न से भी उन्हें सम्मानित किया गया था ।

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