कादर खान इंडस्ट्री का ऐसा कलाकार जो हर एक किरदार में पानी की तरह ठहर जाता था जो अपने किरदार में डलकर बड़े परदे पर अपनी बेहतरीन अदाकारी पेश करता था उस सभी लोग उसके दीवाने हो जाते थे आज भले ही कादर खान हमारे बीच में नहीं है लेकिन इंडस्ट्री के दोगलेपन के बारे में जो करारा तमाचा अवश्य कई साल पहले कादर खान ने मारा था उसकी खोज सदियों तक सुनाई देने वाली है कैसे कादर खान के रहमों करम पर कई बड़े सुपरस्टार बने लेकिन जब कादर खान कोई सभी अभिनेताओं की जरूरत थी।
तब किसी ने अपना मुंह तक नहीं दिखाया इन्हें सुपर स्टारों के बारे में आज हम बात करने वाले हैं खबर खान की बात करें तो 90 के दशक का हर वह बच्चा जो बॉलीवुड फिल्मों को देखता हुआ बड़ा हुआ वह कादर खान साहब के नाम से परिचित न हो यह संभव नहीं है क्योंकि वह ऐसा समय था जब कादर खान साहब हंसी का पर्याय बन चुके थे उनका फिर में होने का मतलब यही था कि फिल्म में 5 से 10 इंच और कॉमेडी के होंगे जबकि नकारात्मक किरदारों आधी कादर खान ने हमेशा नहीं किया है।
इस तरह से कादर खान ने बॉलीवुड की फिल्मों में विभिन्न छोटे-बड़े रोल निभाकर दर्शको में अपनी एक अलग पहचान बनाई है कादर खान साहब एक फेमस एक्टर होने के साथ-साथ कॉमेडियन स्क्रिप्ट राइटर फॉर डायलॉग राइटर भी रह चुके हैं लेकिन उनकी निजी जिंदगी काफी स्ट्रगल भरी रही है कादर खान साहब की बात करें तो इनका जन्म 11 दिसंबर 1945 को अफगानिस्तान के काबुल में हुआ था कादर खान साहब मुल्क पास स्थल के का कर जनजाति के थे अब्दुर रहमान और इकबाल बेगम के चार पुत्रों में से एक कादर खान थे जबकि उनके अंतिम भाइयों के नाम शमशेर रहमान फादर रहमान हबीबुर्रहमान थे वास्तव में एक साल की उम्र में कादर खान परिवार के साथ मुंबई आ गए थे और यह झुग्गी-झोपड़ियों में रहने लगे कादर खान साहब ने अजहर खान से शादी की थी और उनके परिवार में पत्नी के अलावा दो बेटे शाहनवाज और सरफराज भी हैं।
जिनमें से शाहनवाज ने दो फिल्में मिलेंगे मिलेंगे और वादा में निर्देशक सतीश कौशिक को असिस्ट किया है इसके अलावा उन्होंने राज्य के लिए हमको तुमसे प्यार है मैं राज कमर को असिस्ट किया था कादर खान साहब ने मुंबई की म्युनिसिपल स्कूल से अपनी प्रारंभिक शिक्षा ली है कादर खान साहब पढ़ाई में मेधावी छात्र थे इसी कारण उन्होंने आगे चलकर इस्माइल व कॉलेज जो कि मुंबई यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड था से अपनी इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन पूरी की उसके बाद कादर खान साहब ने 1970 से लेकर 1975 तक मुंबई यूनिवर्सिटी में पढ़ा है।
अभी था उन्होंने चम्मच साबुत सिद्ध की कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग बाइकुला के सिविल इंजीनियरिंग विभाग में बतौर प्रोफेसर के तौर पर भी पढ़ाया था कादर खान के अगर करियर की शुरुआत की बात करें तो कॉलेज के दिनों से ही वह वार्षिक तत्वों के फंक्शन में कादर खान ने भले ही में हिस्सा लिया था जिसकी सब ने बहुत प्रशंसा की अभिनेता दिलीप कुमार को 24 प्ले के बारे में पता चला तो उन्होंने भी इसे देखने की इच्छा जताई इसके लिए विशेष इंतजाम किए गए और कादर खान साहब ने उनके लिए ही प्ले में अभिनय भी किया प्ले को देखकर दिलीप कुमार कादर खान साहब से ना केवल प्रभावित हुए उबर क्यों रोने कादर खान साहब को अपने अगली दो फिल्मों के साइन भी कर लिया जिनके नाम सकीना महत्व और तैराक थे उस समय फिल्म इंडस्ट्री में कादर खान जैसे नए व्यक्ति के लिए बहुत सम्मान और गौरव की बात थी अब कादर खान का फिल्म में अभिनेता करीयर 1978 में शुरू हुआ था जब उन्होंने दाग फिल्म में काम किया था।
1981 में कादर खान ने नसीब फिल्म में काम किया था जिसमें उनके साथ अमिताभ बच्चन हिमालय ऋषि कपूर व शत्रुघ्न सिन्हा भी साथ थे और यहां पहुंचकर कादर खान साहब ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा या यूं कहें कि उन्हें एक ऐसा प्लेटफॉर्म मिल गया कि वो अपनी काबिलियत को निखार सकते हैं अब यहां आने के बाद वह फिल्मों में अभिनय तो करते थे।
साथ ही वह एसिड डायलॉग लिखे थे जिन्हें सुनने व देखने के बाद हर कोई हक्का-बक्का रहता था और इन्हें डायलॉग्स को बड़े पर्दे पर बोलकर कई बड़े सुपरस्टार भी बने सबसे पहले हम जिक्र करना चाहेंगे अमिताभ बच्चन का अमिताभ बच्चन और कादर खान साहब को लेकर एक ऐसा माहौल बन गया था कि दोनों की जोड़ी बड़े पर्दे पर सुपर डुपर हिट मानी जाती थी लेकिन कादर खान साहब को जब अपने बच्चों की जरूरत पड़ी तो उन्होंने कभी भी उनकी मदद नहीं की उल्टा उन्हें फिल्मों से निकलवाना भी शुरू कर दिया था और इसके बारे में कादर खान साहब ने खुद जिक्र करते हुए कई सारे खुलासे भी किए थे ।
दरअसल सोशल मीडिया पर आंसू कुछ साल पहले एक वीडियो वायरल हुआ था और यह वीडियो था कादर खान साहब का कादर खान साहब का एक पुराना वीडियो वायरल होने के बाद कई सारे खुलासे हुए थे जिसमें उन्होंने अमिताभ बच्चन को लेकर कई ऐसी बातें कहीं जिसे सुनकर उनके फैंस को शायद ज्यादा अच्छा ना लगा हो वीडियो में कादर खान साहब बता रहे थे कि कैसे अमिताभ बच्चन के सांसद बनने के बाद लोग उन्हें सर जी कहने लगे थे और कैसे कादर खान को अमिताभ को सर जी ना कहने पर सदन से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था कादर खान साहब कहते हैं कि एक साउथ इंडियन निर्माता ने उन्हें अमिताभ बच्चन को सर जी कहने की सलाह दी थी लेकिन वह इस बात के लिए तैयार नहीं हुए कि हमेशा उन्हें प्यार से अमित कहकर बुलाया करते थे जो उन्हें सलाह नहीं मानी तो उन्हें उस फिल्म से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया और इसी कारण उन्हें खुदा गवाह फिल्म में भी जगह नहीं मिल पाई और इसी के चलते उनके अमिताभ से थोड़े रिश्ते भी खराब हो गए थे कादर खान साहब का कहना था कि जब से अमिताब बच्चन राजनीति में अपना कदम रखा तब से मेरा रिश्ता उनसे लगभग खत्म हो गया।
उन्होंने कहा कि जब वे एमपी बनकर दिल्ली गए तो मैं खुश नहीं था क्योंकि सियासत की दुनिया इंसान को बदलकर वापस भेजती है और वह वापस आए तो वह मेरे अमिताभ बच्चन नहीं थे मुझे इस बात का बहुत दुख पास इसके बाद अगर दूसरे बड़ा कलाकार की तरह नजर डालें तो यह है गोविंदा गोविंदा और कादर खान की जोड़ी तो आपने बड़े पर्दे पर जरूर देखी होगी न कि देश में कई सारी ऐसी फिल्में आई जहां पर गोविंदा और कादर खान साहब की जोड़ी को लोगों ने बहुत ज्यादा पसंद किया।
आपकी जानकारी के लिए बताना चाहेंगे कि गोविंदा कादर खान के साथ लगभग 41 फिल्मों में काम किया है दोनों की जुगलबंदी दर्शकों को खूब रास आती थी कादर खान साहब कभी गोविंदा के पिता तो कभी ससुर के किरदार में नजर आया करते थे दोनों की जोड़ी हमेशा नंबर वन रही कादर खान के निधन के बाद जब अपनी संवेदना व्यक्त की थी तब इस बात का खुलासा हुआ था कि उनके आंसू भी घड़ियां ली है कादर खान के निधन के बाद गोविंदा ने ट्वीट किया था उन्होंने कहा था अपने ट्वीट में क्यों मेरे साथ नहीं बल्कि पिता समान थे उनके जाने से में दुखी हों और फिल्म इंडस्ट्री का हर शख्स दुखी है लेकिन गोविंदा की इस्पात पर तंज कसते हुए कादर खान साहब के बेटे सरफराज ने कहा था कि कृपया गोविंदा से पूछे कि उन्होंने कितनी बार अपने पिता समान मेरे पिता का हाल पूछा था उन्होंने मेरे पिता के निधन के बाद कभी एक बार भी फोन किया था सरफराज के इस खुलासे के बाद हर कोई हक्का-बक्का रह गया जहां गोविंदा और कादर खान के रिश्ते को लेकर हमेशा से चर्चा की जाती थी वहां पर गोविंदा का ऐसा रवैया कादर खान के साथ का यह कभी किसी ने सोचा नहीं था लेकिन सरफराज के इन लगाए गए आरोपों पर गोविंदा ने भी चुप्पी तोड़ते हुए इसका जवाब दिया था उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि सरफराज सभी बच्चे हैं।
इसलिए मन की बात पर कोई भी टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं जो बच्चे हैं वह बच्चे हैं यहां हम आपको इस बात की जानकारी देना चाहेंगे कि कादर खान सा इसकी वजह से गोविंदा को कई सारे बेहतरीन डायलॉग भी विलेज एंड रिलैक्स को बड़े पर्दे पर बोलकर गोविंदा और रातों-रात स्टार बने इसके साथ ही कादर खान साहब सच बोलने वाले इंसानों में से थे जो हमेशा से खरी-खरी कहा करते थे और एक बार तो उन्होंने सलमान खान और शाहरूख खान को लेकर ऐसा कमेंट किया था कि बॉलीवुड के गलियारे में कयामत आ गई थी।
दरअसल 2015 में एक इंटरव्यू के दौरान कादर खान साहब ने कहा था कि आजकल लोगों को फिल्मों में सिर्फ शाहरुख खान सलमान खान ने चाहिए होते हैं उन्हें कंटेंट से कोई लेना-देना नहीं है इस वजह से कई अच्छी फिल्मों को नुकसान होता है कादर खान के डायलॉग उसमें कॉमिडी और इमोशन की बेहतरीन मिश्रण होता था उन्होंने सिनेमा के बदलते मोह और उनके गिरते स्वास्थ्य की वजह से उन्हें कुछ सालों से लिखना बंद कर दिया था आजकल की फिल्मों की बात करते हुए उन्होंने 2015 एक इंटरव्यू के दौरान कहा था आज लोग फिल्मों में स्थिरता और आदर्श नहीं देखना चाहते हैं उन्हें फिर मैं सिर्फ शाहरुख खान सलमान खान जैसे स्टार चाहिए कई अच्छी फिल्में इस वजह से नहीं चल पाती हैं तो इस तरह कादर खान साहब हमेशा से ही सच्चाई का साथ देते थे और कि जिस कलाकार के अंदर टैलेंट होता था।
उसे निखारने के लिए वह मदद भी करते थे लेकिन कादर खान साहब का जब बुरा दौर शुरू हुआ तो किसी ने भी उनकी शुद्ध नाली चाहे उनके करीबी अमिताभ बच्चन हो या फिर गोविंदा या इंडस्ट्री का कोई भी बड़ा कलाकार है इसी ने भी कादर खान साहब की मदद ना कि आज भले ही कादर खान साहब हमारे बीच में ना हो लेकिन उनके की गई अदाकारी हमेशा से जीवित रहेगी अब आपको इस पूरी खबर पर क्या प्रतिक्रिया देनी है।