कादर खान साहब हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के जानेमाने व दिग्गज अभिनेताओं में से एक थे जिन्होंने अपने शानदार फिल्मी सफर के दौरान हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अपना बेहतरीन योगदान दिया एक अच्छे अभिनेता होने के साथ-साथ कॉमेडियन स्क्रीन राइटर और बतौर प्रोड्यूसर बॉलीवुड इंडस्ट्री में वो जुड़े रहे व 70 के दशक से लगातार उनकी कई सारी ऐसी फिल्में रही जिन फिल्मों में उनकी डायलॉग डिलीवरी समेत उनके किरदार की जमकर तारीफें हुई यही बड़ी वजह है कि कादर खान साहब आज भले ही हमारे बीच में नहीं है लेकिन उनके दिए गए यादगार पल आज भी तरोताजा है ।
कादर खान साहब वही हैं जो अच्छे डायलॉग डिलीवरी के लिए भी काफी ज्यादा पसंद किए गए हैं साथ ही उनके लिखे हुए डायलॉग अमिताभ बच्चन जैसे स्टार्स बोलकर सुपरस्टार का दर्जा भी हासिल करवाए ऐसे में आप भी समझ सकते हैं कि कादर खान साहब का हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में कितना बड़ा रुतबा था हर कोई छोटा बड़ा कलाकार उनका नाम अदब से लिया करता था लेकिन दोस्तों यहां हम आपको ये भी बताना चाहेंगे कि कादर खान साहब के साथ गोविंदा ने एक समय दगाबाजी की थी और यह हम नहीं बल्कि कादर खान साहब के बेटे सरफराज का कहना था कि कैसे अंतिम दिनों में मेरे पिता के पास कोई भी नहीं आया चाहे अमिताभ बच्चन हो चाहे गोविंदा मेरे पिता की किसी ने भी सुध नहीं ली थी ।
जिक्र करना चाहेंगे गोविंदा और कादर खान साहब के रिश्ते को लेकर कादर खान साहब ने यूं तो अमिताभ बच्चन से लेकर दिलीप कुमार जैसे नाम चिन्ह कलाकारों के साथ काम किया लेकिन गोविंदा ऐसे कलाकार थे जिनके साथ कादर खान साहब ने 30 से 40 फिल्मों में काम किया इनकी और गोविंदा की जोड़ी हमेशा से ही काफी ज्यादा पसंद की जाती थी चाहे वो कॉमेडी से लवरेज फिल्मों या फिर एक्शन हमेशा से ही गोविंदा का भरपूर साथ कादर खान साह दिया था लेकिन अंतिम दिनों में कादर खान साहब की शुद्ध लेने के लिए गोविंदा नहीं पहुंचे थे और इस बात को लेकर सरफराज ने मीडिया के सामने आकर कई सारी बड़ी बातों का खुलासा भी किया था ।
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो कादर खान साहब ने अंतिम सांस 31 दिसंबर 2018 को ली थी उनकी निधन की खबर ने पूरे बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में शौक की लहर दौड़ा डाली थी और बॉलीवुड के नाम चिनवा दिग्गज कलाकारों ने उनके निधन पर अपना शौक भी व्यक्त किया था और यही काम गोविंदा ने भी किया लेकिन गोविंदा ने जब कादर खान साहब को श्रद्धांजलि दी तो बेटे सरफराज का खोल देखा और उन्होंने गोविंदा को आड़े हाथ लेते हुए खरी खोटी सुना डाली बेटे सरफराज का कहना था कि जब मेरे पिता जिंदा थे तब कोई भी उनकी सुद लेने नहीं आए और यही गम सरफराज को खाया जा रहा था और ऐसे में गोविंदा के बयान पर उनका गुस्सा भी देखने को मिला।
होता यूं कि कादर खान साहब की निधन पर शोक व्यक्त करते हुए गोविंदा ने इस दुख को शब्दों में बयान नहीं कर सकते गोविंदा के इसी ट्वीट को देखकर सरफराज गोविंदा पर बेफर पड़े थे और उन्हें सुनाते हुए न्यूज़ एजेंसी आईए से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा था कि गोविंदा ने अपने इसी पिता की सेहत के बारे में जानने तक के लिए फोन कभी नहीं किया सरफराज का आगे कहना था कि प्लीज गोविंदा से पूछे कि आखिर उन्होंने अपने पिता समान कादर खान की सेहत के बारे में जानने के लिए कितनी बार फोन किया क्या उन्होंने मेरे पिता के निधन के बाद मुझे या मेरे परिवार को एक फोन करने तक की कोशिश नहीं की हमारी फिल्म इंडस्ट्री ही कुछ ऐसी होगी है जिन लोगों ने भारतीय सिनेमा अपना योगदान दिया है।
उन उनके रिटायर होने पर लोगों के अंदर उनके लिए कोई भी भावना या सम्मान नहीं रहा जाता है यह प्यार सिर्फ तस्वीरों तक ही सीमित रहती है।
हालांकि इस बारे में जब मीडिया ने गोविंदा से पूछा कि सरफराज ने आप पर कई सारे गंभीर इल्जा मात लगाए हैं तो गोविंदा ने इस पर जवाब भी दिया था उन्होंने जवाब देते हुए कहा था कि सरफराज अभी बच्चे हैं उनकी बात पर वो कोई भी टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं इतना कहकर गोविंदा आगे बढ़ गए वैसे देखा जाए कादर खान साहब जितने अच्छे अभिनेता थे उतने ही अच्छे इंसान भी थे हर किसी को अच्छी सलाह ही दिया करते थे।
एक कई बार तो गोविंदा को उन्होंने समय की कीमत तक सिखा दी थी एक किस्सा भी रहा है गोविंदा और कादर खान साहब से जुड़ा जहां पर कादर खान साहब ने गोविंदा को समय की कदर करना सिखाया कादर खान साहब ने समय के पाबंद अमिताभ बच्चन के साथ तो काम किया था।
साथ ही देर से आने के लिए मशहूर गोविंदा के साथ भी उन्होंने ढेर सारी फिल्मों में काम किया एक दौर था कि कॉमेडी फिल्मों में गोविंदा और कादर खान साहब की जोड़ी हिट मानी जाती थी और इन दोनों की जोड़ी ने कई सारी सुपरहिट फिल्मों में काम भी किया लेकिन एक बार की बात है कि गोविंदा ने अपनी कलाई पर बंधी घड़ी कादर खान साहब को दिखाई थी और गोविंदा ने कहा था कि कि कादर साहब देखिए ये घड़ी 40 लाख की है।
फिर कादर खान साहब ने गोविंदा से कहा कि अगर तुम समय का सही उपयोग नहीं कर पाओगे तो इस 40 लाख की घड़ी का क्या फायदा और गोविंदा के साथ कुछ ऐसे ही हुआ गोविंदा वक्त के पाबंद नहीं थे क्योंकि उनके पास ढेरों सारी फिल्मों के ऑफर रहा करते थे वो सुबह की शिफ्ट को शाम को पूरा किया करते थे जिससे तमाम निर्माता निर्देशक उनसे काफी नाराज भी रहा करते थे यही बड़ी वजह है।
जब गोविंदा पर दुखों का पहाड़ टूटा और कोई भी उन्हें फिल्म देने के लिए तैयार नहीं था तो गोविंदा अपनी इसी गलती के चलते बर्बाद हो गए और मौजूदा हाल की अगर बात करें तो गोविंदा को आज पूछने तक के लिए कोई तैयार नहीं है 2019 में आई रंगीला राजा को करने के बाद गोविंदा आज खाली हाथ घर पर बैठे हुए हैं और कोई भी निर्माता निर्देशक उन पैसा लगाने के लिए कतरा रहा है।