अपने समय के मशहूर और विख्यात सुपरस्टार उनका स्टारडम इतना था कि बच्चे उनका ही नाम लेते थे बेइज्जत भी कर देते थे तो ये चीजों को सलीम और जावेद नहीं सह सकते थे अपने जमाने के एक ऐसे सुपरस्टार जिनका नाम बच्चा सोने के जस्ट बाद अपनी मम्मी पापा से पहले लिया करता था ऐसा कहते हैं अपने समय के मशहूर और विख्यात लिरिसिस्ट और कहानीकार जावेद अख्तर।
जावेद अख्तर ने यह किस्सा साझा किया उन्होंने कहा कि किस तरह से एक समय में उन्होंने जब हाथी मेरे साथी या अंदाज जैसी फिल्में 70 के दशक में राजेश खन्ना के साथ सलीम और जावेद की जोड़ी ने मिलकर उनके लिए हिट फिल्म की कहानी लिखी तो फिर राजेश खन्ना उस समय बहुत बड़े स्टार हुआ करते थे सुपरस्टार उनका स्टारडम इतना था कि बच्चे उनका ही नाम लेते थे और वह कहते हैं कि उस दौर में सफलता और कामयाबी ने उन्हें बहुत ज्यादा एगोइस्ट बना दिया वह ऐसे पागलों से घिरे रहते थे जो लोग बिल्कुल अजीब तरह के थे।
इसलिए हम लोगों को लगने लगा कुछ ही समय बाद कि उनके साथ काम करना बहुत मुश्किल है इसलिए धीरे-धीरे वहां से किनारा काट लिया गया वैसे तो जावेद अख्तर और सलीम की जोड़ी ने सन 1985 में जमाना नाम की फिल्म भी राजेश खन्ना के साथ किया था और यह उनकी अंतिम फिल्म थी यह कहते हैं सलीम जावेद कहते हैं कि भले हम लोग साथ काम ना कर सके लेकिन हमारी दोस्ती अच्छी थी अब सोचिए आप कि यह व्यथा थी कि वह इतने अजीब लोगों के संगत में रहते थे या उनके यहां दरबार लगता था पार्टियां होती थी जश्न होता था कई लोगों को ऐसे अथॉरिटी थी जो लोग बीच में बोलते थे टोका टोकी करते थे डिस्टर्ब करते थे बेइज्जत भी कर देते थे तो ये चीजों को सलीम और जावेद नहीं सह सकते थे।
सलीम और जावेद की जोड़ी ने इतनी सारी सुपरहिट फिल्में दी है इंडस्ट्री को कि उसकी गिनती कम पड़ जाएगी आप लोगों को बताना जरूरी है कि वह कहते हैं कि अमिताभ बच्चन उस समय सुपरस्टार नहीं थे लेकिन वो एक शानदार एक्टर थे उनकी एक्टिंग को देखकर हम लोगों ने तय किया कि हमें हमारा कैरेक्टर जो विजय नाम का है वो मिल गया और आपको बता दें कि शोले या फिर काला पत्थर दीवार जंजीर शक्ति ऐसी फिल्मों को सुपर डुपर हिट फिल्मों को सलीम और जावेद की जोड़ी ने अमिताभ बच्चन के लिए लिखा था और अमिताभ बच्चन के आने के बाद से ही राजेश खन्ना का स्टारडम फीका पड़ने लगा और धीरे-धीरे अमिताभ बच्चन पटल पर छा गए यह बात जावेद अपनी उस इंटरव्यू में कहते हैं अब आप लोग सोच सकते हैं कि किसी के भी जीवन में इस तरह के जो वाकए होते हैं सफलताएं होती हैं व्यक्ति जब सफलता अर्जित करता है तो कई बार उसके अंदर बहुत ज्यादा घमंड या गुरूर हो जाता है उसको लत लग जाती है ऐसा लगता है कि यह जो दौर है वह कभी बीतेगा नहीं।
लेकिन वह कहते हैं ना कि यह समय ही है जो हर हाल में बीत जाएगा चाहे वो दुख का है चाहे व सुख का है यह समय रुकने वाला नहीं है यह चल रहा है समय का पहिया और यह चलता रहेगा आज जो बहुत खुशहाल है बहुत जो तरक्की पर है कल वो ढल जाएगा आज जो बहुत परेशान है वह कब उछल जाएगा कब उसके गर्दिश से सितारे बाहर निकल के चमकने लगेंगे बोल नहीं सकते।