अब जैसे कि सभी जानते हैं कि मौजूदा दौर में भी कई सारे ऐसे भी कलाकार है जो पिछले करीब 50 साल से ज्यादा समय से इंडस्ट्री से जुड़े रहें उन्हें अभिनेताओं की तरह नजर डालें तो अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र का नाम सबसे ऊपर आता है अमिताभ बच्चन धर्मेंद्र आज भी बॉलीवुड की कई सारी बड़ी फिल्मों का हिस्सा भी बन रहे हैं और उन फिल्मों को लोग काफी ज्यादा पसंद भी कर रहे हैं।
इतना समय हो जाने के बावजूद भी यह दोनों कलाकारों के बीच में अभिनय की कोई भी कमी नहीं देखने को मिली है और यही बड़ी दीवानगी उनके फैंस के बीच में हमें रोजाना देखने को मिलती है एक तरफ अमिताभ बच्चन को जहां सभी कब आना है कहा जाता वहीं दूसरी और धर्मेंद्र को ही मैन के नाम से पुकारा जाता है और लग गई इन दोनों अभिनेताओं ने अपने शानदार फिल्मी सफर के दौरान इंडस्ट्री के लिए काफी बड़ा योगदान भी दिया है।
लेकिन दोस्तों जैसे कि आप सब जानते हैं कि अमिताभ बच्चन धर्मेंद्र ने जो कामयाबी हासिल कर ली है उसके सामने हर एक सितारा फीका नजर आता है आज मौजूदा दौर में इन दोनों नेताओं का नाम बड़े आदर से लिया जाता है लेकिन यहां आपको इस बात की जानकारी देना चाहेंगे यह अपनी स्ट्रगल के दिनों में ही रोने भी काफी ज्यादा संघर्ष किया कि अमिताभ से पहले इंडस्ट्री में धर्मेंद्र आए थे और धर्मेद्र ने बाद में चलकर ऐसा सिक्का जमाया जो आज भी बरकरार है वहीं धर्मेंद्र ने कई बार अमिताभ बच्चन के करियर को उड़ान देने की कोशिश की और इन दोनों के बीच में काफी गहरी दोस्ती थी अपने आप भी समझ सकते हैं कि दोनों की बिल्डिंग ऐसी थी जिसके सामने हर कोई फीका नजर आता था।
लेकिन लस्सी में एक ऐसा भी सकता है जिसके सामने दोनों कलाकारों की भी नहीं चलती थी हम बात कर रहे हैं बॉलीवुड के जाने-माने डायरेक्टर ऋषिकेश मुखर्जी ऋषिकेश मुखर्जी की बात करें तो उन्होंने इंडस्ट्री में अपना बेहतरीन योगदान दिया है जिनका जन्म तिथि सितंबर 1920 को हुआ था वह कोलकाता से थे उदय कलकत्ता यूनिवर्सिटी से रसायन विज्ञान में डिग्री हासिल किया था पांडे मुस्तैद रहते पढ़ाई पूरी करने के बाद कुछ दिनों तक वह क्षेत्र में ही गणित और विज्ञान पढ़ाते रहे लेकिन पढ़ने-पढ़ाने से ज्यादा वोट है खैर अपनी ओर खींचता था और यही वजह थी कि आने वाले समय में इंडस्ट्री से ऐसे जोड़े उन्होंने एक अपनी अमिट छाप छोड़ अफेयर की रिपोर्ट के अनुसार बताया जाता है कि ऋषिकेश मुखर्जी कोलकाता से मुंबई आए और जवाब में शामिल हो गए थे जिसमें बिमल रॉय समय तक अभी सारे लोग अपनी सिनेमाई जमीन तलाशने वहां से आए थे ।
लेकिन रोजी-रोटी के लिए ऋषिकेश मुखर्जी ने मुंबई में नेट बतौर कैमरामैन शुरू कर दिया बताया जाता है कि उनकी इसी जद्दोजहद से उनकी मुलाकात फिल्मेडिटर सुबोध मित्र शिव की फिल्मों में जाने की ललक में उन्होंने सुबह से सीकर फिल्म एडिटिंग की अच्छी समझ बना ली इसके बाद उन्होंने फिर से विमल राय का साथ हम आप और तब बन रही दो फिल्में दो बीघा जमीन देवदास में असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर वह इन दोनों फिल्मों से जुड़ गए।
बताया जाता है कि बाद में दोनों ही फिल्म कल्ट क्लासिक साबित हुई इन फिल्मों ने ऋषिकेश मुखर्जी के लिए काम के दरवाजे खोलने बताया जाता है कि इसके बाद ऋषिकेश ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा उनके जरिए से निकली सिनेमा की नई धार आनंद गोलमाल जैसी कई साल ऐसी फिल्में रही जिन फिल्मों को करने के बाद वह काफी हद तक लाइमलाइट में आ गए थे अब हिंदी सिनेमा अपने बेहतरीन योगदान के लिए साथ 1999 में उन्हें दादा साहब फाल्के अवार्ड से नवाजा भी गया।
भारत सरकार ने उन्हें देश का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से भी नवाजा था उन्होंने खेल प्रमाण बोर्ड यानी सेंसर बोर्ड के चेयरमैन पद कोशिश व्याख्या अलग ऋषिकेश मुखर्जी की एक और बात काफी अध्यापक ली थी फिल्म जगत में उन्हें शूटिंग से पहले सीना बताने वाले कड़क और सुपर स्टारों की कट मार झेलने वाले निर्देशकों में से एक माना जाता था कि उन्हें अमिताभ बच्चन जया बच्चन धर्मेंद्र अमोल पालेकर सरीखे कलाकारों को इंडस्ट्री में स्थापित करने के लिए पहचाना जाता है उन्हें सुपर स्टारों के अंदर से कलाकार कुछ निकालने के लिए पहचाना जाता है हालांकि एक पुराने इंटरव्यू के दौरान ऋषिकेश मुखर्जी को याद करते हुए एक बार धर्मेंद्र ने बताया था कि अपने काम को लेकर बहुत सचेत रहते थे और किसी को इसमें दखल अंदाजी का मौका नहीं देते थे।
ऐसे ही छोटा सा वाक्य चुपके चुपके के सेट पर – था एक सीन की शूटिंग थी आसानी फिल्म ड्राइवर की भूमिका में थे और आमतौर पर ड्राइवर की ड्रेस में रहते हैं लेकिन उद्योग सूट-बूट टाइम में खड़े थे धर्मेंद्र अपसेट पर पहुंचे तो है ड्राइवर का कॉस्ट्यूम पहने को दिया गया इस पर धर्मेंद्र असरानी से सवाल कर बैठे कि क्या चल रहा है तभी सेट पर्चेस सजाकर बैठे ऋषिकेश मुखर्जी ने आवाज लगाई धर्म कहानी काम मेरा है तो एक्टिंग पर ध्यान दें इसके आगे धर्मेंद्र कुछ न बोल पाए और ऐसी ही एक वाकया अमिताभ बच्चन के साथ भी फटाफट बताओ कि कुछ वक्त सेट पर अमिताभ बच्चन भी पहुंचे और यही सवाल उन्होंने विधान किया और बताया जाता है कि ऋषिकेश मुखर्जी बहुत ज्यादा चढ़ गए थे और धर्मेंद्र अमिताभ को समझाने को कहा उन्होंने फिर दोहराया अगर कहानी तुम्हें पता हो कि तो फ्रेंड ट्रैक नहीं कर रहे होते।
इसके बाद बताया कि धर्मेंद्र और अमिताभ दोनों शांत होकर अपने सीने के लिए तैयार हुए थे तो इस तरह समझ सकते हैं कि ऋषिकेश मुखर्जी के सामने अमिताभ बच्चन और ही मैन धर्मेंद्र की भी नहीं चलती थी ताकि एक ऐसा ही वाकया बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना के साथ भी जुड़ा है।
फिल्म जानकारों का कहना है कि आनंद फिल्म में आनंद किरदार सबसे पहले अमिताभ को मिलने वाला था जबकि बाबू मोशा के किरदार में राजेश खन्ना नजर आने करते लेकिन किसी तरह राजेश खन्ना को इसका अंदाजा हो गया कि फिल्म में उनके किरदार ज्यादा महत्वपूर्ण है इसके बाद मैं आपको किरदार करने पर अड़ गए और बाद में ऋषिकेश मुखर्जी कोई बात माननी पड़ी।
लेकिन जब आप कोई बात पता चली तो अब आपको बिना बताए ऋषिकेश में इतना बड़ा फैसला ले लिया है तो उसे नाराज भी होंगे लेकिन ऋषिकेश मुखर्जी की अमिताभ बच्चन बहुत ज्यादा इज्जत करते थे इसलिए उन्होंने इस फिल्म में काम करने के लिए हामी भर दी है।