देश का ऐसा भी सुपरस्टार रहा है जिसने एक साथ तकरीबन 70 फिल्में साइन की थी लेकिन मौजूदा समय में इस सुपरस्टार को कोई पूछने तक के लिए तैयार नहीं है हम बात कर रहे हैं बॉलीवुड के जानेमाने सुपरस्टार में से गोविंदा और गोविंदा की अगर मौजूदा दौर में हाल की अगर बात करें तो कोई भी निर्माता निर्देशक इन पर पैसा लगाने से कतरा रहा है।
गोविंदा वही है जिन्होंने 90 के दशक में ऐसा स्टार्टअप हासिल करके दिखाया है जिसकी आशा हर कोई सुपरस्टार रखता है गोविंदा 90 के दशक के ऐसे सुपरस्टार में से एक थे जिनके आज के खास भी फिसड्डी नजर आते थे गोविंदा मानो हिट होने की गारंटी हुआ करते थे और यही बड़ी वजह है कि तमाम निर्माता निर्देशक उन पर पैसा लगाने से बिल्कुल भी कतराते नहीं थे 90 के दशक में गोविंदा अपने करियर के दौरान कई सारी ऐसी हिट फिल्में दीी हैं जिन फिल्मों की हमारी आज भी तरोताजा है लेकिन मौजूदा समय में गोविंदा को कोई पूछने तक के लिए तैयार नहीं है आखिर चलिए जानने की कोशिश करते हैं कि एक साथ 70 फिल्में साइन करने वाले गोविंदा कैसे बर्बाद हुए और क्यों आज उन्हें फिल्में मिलना बंद हो गई ।
80 के मिनट में गोविंदा का आना बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में होता है क्योंकि उनके पिता अरुण कुमार अहुजा बॉलीवुड के जानेमाने निर्माता निर्देशक थे फिल्मों की मेकिंग के दौरान गोविंदा के पिता अरुण कुमार अहुजा को भारी नुकसान हुआ जिसके चलते उनका बगला तक बिक गया और गोविंदा की परवरिश काफी मजबूरी में हुई गोविंदा ने उसी दिन ठान लिया था कि वह आने वाले समय में जब भी उन्हें काम मिलेगा तो कभी भी आलस नहीं करेंगे और गोविंदा ने मेहनत करके भी दिखाया और गोविंदा की आर्थिक हालत बिल्कुल ठीक भी होगी 1985 में आई लव 86 के जरिए इन्होंने अपने अभिनय करियर की शुरुआत की और इस फिल्म के हिट हो जाने के बाद गोविंदा ने क भी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
वैसे देखा जाए गोविंदा बॉलीवड इंडस्ट्री के ऐसे सुपरस्टार रहे हैं जिन्होंने अपने करियर में कई सारी ब्लॉकबस्टर फिल्में देखकर बॉक्सेस पर तहलका मचा है और एक वक्त था जब सिर्फ और सिर्फ गोविंदा का ही राज बॉलीवुड इंडस्ट्री में देखने को मिला और उनके सामने कोई भी सुपरस्टार टिक नहीं सकता था बात अगर 90 के दशक की करें तो गोविंदा ने एक से बढ़कर एक ब्लॉकबस्टर फिल्में दी हैं उनकी हीरो नंबर वन कुली नंबर वन राजा बाबू बड़े मिया छोटे मिया जैसी कई सारी ऐसी फिल्में रही हैं जिन फिल्मों को हिट का दर्जा मिला और इन फिल्मों को करने के बाद गोविंदा हीरो नंबर वन के नाम से भी काफी ज्यादा फेमस हो गए थे।
हालांकि ब्लॉकबस्टर फिल्में देने के बाद गोविंदा चारों तरफ छा गए थे उनके आगे किसी और स्टार की फिल्में बॉक्स उस पर टिक भी नहीं पाती थी और यही वजह है कि उन्होंने एक साथ 70 फिल्में एक समय साइन की थी ये एक ऐसा रिकॉर्ड है जिस रिकॉर्ड को आज तक कोई भी छू नहीं पाया है और गोविंदा का यह रिकॉर्ड तोड़ने की तो बात ही छोड़ दीजिए लेकिन गोविंदा ने अपने एक शानदार फिल्मी सफर के दौरान जहां काफी नाम और शोहरत कमाया तो वहीं दूसरी और कई सारी उन्होंने गलतियां भी की मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो बॉक्स ऑफस पर राज करने के बाद गोविंदा का करियर 2000 के बाद ढलान पर आ गया और उन्हें फिल्मों में लीड के जगह सपोर्टिंग रोल मिलने लगे और फिल्में भी खास नहीं चल रही थी।
हालांकि गोविंदा की आखिरी सोलो हिट फिल्म की अगर बात करें तो आज से करीब 25 साल पहले उनकी फिल्म दूल्हे राजा आई थी और इसके बाद गोविंदा पिछले 25 सालों से एक भी सोलो हिट नहीं दे पाए हैं उन्होंने ज्यादातर मल्टीस्टार फिल्में ही की हैं जिन फिल्मों में ज्यादातर गोविंदा को ऐसे सपोर्टिंग एक्टर के तौर पर ही फिल्में मिली अब ऐसा नहीं कि गोविंदा को फिल्में मौजूदा समय में मिलना बंद होगी गोविंदा अभी भी फिल्मों में काम कर रहे हैं और 2010 के बाद उन्होंने रावण किल दिल और कुछ अन्य फिल्में की उनकी आखिरी रिलीज 2019 में रंगीला राजा आई थी जो कि सुपर डुपर फ्लॉप साबित हुई।
माना जा रहा था कि गोविंदा कॉमेडी के ऐसे बादशाह हैं जो कभी भी कॉमेडी में बिल्कुल भी फ्लॉप नहीं हो सकते हैं हालांकि यह फिल्म इतनी बड़ी डिजास्टर साबित हुई जिसके बाद गोविंदा की कोई भी फिल्म सिनेमा घरों में नहीं रिलीज हो पाई है अब गोविंदा को लेकर आप भी समझ सकते हैं कि गोविंदा वही सुपरस्टार थे जिन्होंने 90 के दशक में कई सारी ऐसी हिट फिल्में दी जिन फिल्मों को करने के बाद गोविंदा चारों तरफ छा गए थे।
लेकिन गोविंदा अपने ही किए पर आज शर्मिंदा है मालूम हो तो बताना चाहे गोविंदा की बर्बादी के पीछे कई सारे कारण हैं जिनमें सबसे पहला कारण उनका लेड लतीफी होना था पिछली डेस में जब गोविंदा अपने करियर के पीक पर थे तो उनके पास ढेरों सारी फिल्मों के ऑफर थे और वो किसी भी निर्माता निर्देशक को बिल्कुल भी निराश नहीं करते थे एक दिन में वो एक साथ तकरीबन सात से आठ फिल्मों की शूटिंग किया करते थे।
ऐसे में सुबह की शिफ्ट को शाम को पूरा किया करते थे जिससे तमाम निर्माता निर्देशकों को बहुत ज्यादा दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता था लेकिन सबके बावजूद गोविंदा ने किसी की भी नहीं सुनी ऐसे में उन्हीं निर्माता निर्देशकों ने गोविंदा पर पैसा लगाने से पीछे हट ग गई इसके साथ ही गोविंदा के बर्बादी का दूसरा बड़ा कारण था उनका पॉलिटिक्स जॉइन करना आपकी जानकारी के लिए बताना चाहेंगे कि फिल्मों में अच्छा खासा कर रहे गोविंदा एक समय कांग्रेस की टिकट पर चुनावी मैदान में भी कूदे थे जिस मैदान में उन्हें जीत भी हासिल हुई।
लेकिन राजनीति का स्वाद चखने के बाद उन्हें भी एहसास हुआ कि मेरे लिए राजनीति नहीं बनी है ऐसे में उन्होंने राजनीति से इस्तीफा दिया और दोबारा से बॉलीवुड इंडस्ट्री में कमबैक करने की कोशिश की लेकिन तब तक बहुत ज्यादा देर हो चुकी थी गोविंदा का कमबैक तो हुआ लेकिन उन्हें फिल्में उस हिसाब से नहीं मिल पाए जिसकी वो चाह रखते थे मौजूदा समय में गोविंदा खाली हाथ घर पर बैठे हुए हैं और उन्हें कोई भी फिल्मों का ऑफर नहीं मिल रहा है।