सनी देओल की फिल्म घातक में कात्या का किरदार निभाने वाले डैनी तो आपको याद ही होंगे इन्होंने अपनी दमदार अदाकारी से दर्शकों का अपना मुरीद बनाया हुआ है। आज भले ही ये बहुत ही कम फिल्मों में दिखाई देते हो लेकिन सबके बावजूद ये आज भी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के जानेमाने खलनायकों में से एक माने जाते हैं। सनी देओल और कातिया की घातक फिल्म में जब भिड़त हुईतो सनी देओल भी डैनी डेन्जोंगपा के सामने बोने नजर आए थे लेकिन इन सबसे हटकर डैनी डेन्जोंगपा बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री के सबसे बड़े खनायकों में से एक है साथ ही इन्होंने एक्टिंग की दुनिया से हटकर बिजनेस में भी महारत हासिल की है उनकी संपत्ति के सामने सनी देओल कुछ भी नहीं है। सनी देओल संपत्ति के मामले में डैनी डेन्जोंगपा के आसपास भी नहीं भटकते।
आइए चलिए जानते हैं कि डैनी डेन्जोंगपाने इतनी संपत्ति कैसे हासिल कर ली। साथ ही एक्टिंग की दुनिया से हटकर उनका कौन सा ऐसा बिजनेस है जिस बिजनेस से वह सालाना करोड़ों रुपए की कमाई करते हैं। हिंदी सिनेमा में कई सारे विलन आए और चले गए और उन्होंने अपनी धाक भी जमाई लेकिन दोस्तों एक ऐसा भी विलन है जो मौजूदा समय में आज भी अपनी धाक हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में बरकरार किए हुए हैं। यह कोई और नहीं बल्कि डैनी डेन्जोंगपा है जिनके फिल्म में मात्र 10 से 15 मिनट का सीन ही फिल्म को सुपर डुपर हिट बना दिया करता था। यही बड़ी वजह है कि डैनी के सामने बड़े से बड़े सुपरस्टार की भी बोलती बंद हो जाया करती थी।
जिक्र करना चाहेंगे 90 के दौर में कांचा चीना और कात्या जैसे किरदारों को यादगार बनाने वाले डैनी डेन्जोंगपा की जिन्होंने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में रहते हुए अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दिया और इन्होंने एक्टिंग की दुनिया से हटकर बिजनेस में भी भी अपना अच्छा खासा दांव खेला और इसमें भी इन्होने महारत हासिल की। जानकारी के लिए बताना चाहेंगे कि डैनी डेन्जोंगपा का फिल्मी सफर काफी शानदार रहा हालांकि इनिशियली डेज में इनके लुक्स को देखकर इनका मजाक भी बनाया गया लेकिन सबके बावजूद इन्होंने अपने जबरदस्त डायलॉग डिलीवरी की वजह से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अपनी अलग व खास पहचान भी बनाई। यही बड़ी वजह है कि इनके किए गए यादगार पल को आज भी लोग याद करते हैं। डैनी डेन्जोंगपा का जन्म 25 फरवरी 1948 को सिक्किम के यग सोम में हुआ था उनका पूरा नाम शेरिंग फिंस डेन्जोंगपा है। डैनी भूटिया जाति से संबंध रखते हैं और भूटिया ही उनकी मातृभाषा भी है और उन्होंने अपनी पढ़ाई नैनीताल के स्कूल से की थी जबकि दार्जिलिंग के सेंट जोसेफ कॉलेज से से ग्रेजुएशन की है। सन 1964 में कॉलेज की पढ़ाई खत्म करने के बाद उनका सिलेक्शन इंडियन आर्मी में हो गया था लेकिन अपनी मां के मना करने के बाद उन्होंनेआर्मी में जाने की इच्छा ही छोड़ दी। बताया जाता है कि बचपन में इनके लुक्स का इनके दोस्त मजाक बनाया करते थे।
डैनी डेन्जोंगपा को बचपन में सिंगिंग और एक्टिंग में काफी दिलचस्पी हुआ करती थी इसीलिए उन्होंने एक्टिंग के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए पुणे के मशहूर फिल्म और टेलीविजन इंस्टिट्यूट में एडमिशन लिया था। पुणे में पढ़ाई करने के दौरान दोस्त अक्सर उनके लुक्स और नाम को लेकर उनका मजाक उड़ाते थे। जिसकी वजह से वह काफी परेशान भी रहा करते थे इसी वजह से ही उनकी मुलाकात जया बहादुरी यानी जया बच्चन से हुई और दोनों अच्छे दोस्त बन गए एक रोज जया ने उनसे कहा कि तुम अपना नाम शेरिंग फिंस डेंजो की जगह डैनी डेन्जोंगपा रख लो इसके बाद शेरिंग फिंस डेन्जोंगपा हमेशा के लिए डैनी डेन्जोंगपा बन गए।
फिल्मों में अगर डेब्यू की बात करें तो इनका डेब्यू इतना भी आसान नहीं था। डैनी डेन्जोंगपा ने साल 1971 में बीआर इशारा की फिल्म जरूरत में बॉलीवुड में अपना पहला कदम रखा मगर यह फिल्म इन्हें इतनी आसानी से नहीं मिली थी। इस फिल्म में इन्होंने हीरो हीरोइन के दोस्त डेनी का किरदार निभाया था। इसके बाद उन्हें गुलजार की फिल्म मेरे अपने जो कि साल 1971 में आई थी इस फिल्म में इन्हें बड़ा ब्रेक मिला लेकिन बीआर चोपड़ा की फिल्म धुन में अहम भूमिका निभाकर उन्हें असली पहचान मिली। 70 के दशक में डैनी कई सारी फिल्मों में बतौर सेकंड पॉजिटिव रोल में दिखाई दिए।
इस दौरान इन्होंने कई सारी ऐसी फिल्मों में काम किया जिस फिल्म में उन्होंने सकारात्मक किरदार निभाए थे, लेकिन असल पहचान इन्हें बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में रहते हुए नकारात्मक किरदार निभाकर मिली जिक्र करना चाहेंगे रमेश सिप्पी की मास्टर फिल्म शोले की जो कि साल 1975 में रिलीज हुई थी। बहुत ही कम लोगों को पता होगा कि फिल्म शोले में गब्बर सिंह का किरदार सबसे पहले डैनी को ऑफर हुआ था लेकिन डेट्स नहीं होने की वजह से यह रोल नहीं कर पाए। फिर अमजद खान ने गब्बर सिंह के किरदार को हिंदी सिनेमा इतिहास में अमर कर दिया। इसके बाद उन्हें बड़े बजट की फिल्में मै आशिक बहारों का पापी बंदिश, द बर्निंग ट्रेन और चुनौती में नेगेटिव रोल्स निभाने के लिए मिले और डैनी खलनायक के तौर पर मशहूर हो गए। इस दौरान उन्होंने बतौर विलन कई सारी सुपरहिट फिल्म में काम किया और डैनी के विलन के रोल भी यादगार बन गए थे फिर वो कातिया और बकतावर हो या फिर अग्निपथ का असली कांचा चीना।
हर एक किरदार को उन्होंने अमर कर दिया और यही बड़ी वजह है कि उनके किरदार की बहुत ज्यादा तारीफें हुई। वैसे देखा जाए डैनी अब तक तकरीबन 200 से अधिक फिल्म में काम कर चुके हैं और कई सारी फिल्मों में उन्होंने पॉजिटिव रोल निभाकर भी काफी वाह वाही लूटी है लेकिन एक्टिंग की दुनिया से हटकर उन्होंने बिजनेस में भी महारत हासिल की है। वे सिक्किम में स्थित बियर कंपनी यसम ब्रेवरीज के मालिक है। डनी की कंपनी हर साल बियर के 30 लाख कैश बेचती है जिससे डैनी तकरीबन 223 करोड़ की संपत्ति के मालिक बने है।