मोहम्मद युसूफ खान दिलीप कुमार का पूरा इतिहास।

हिंदी सिनेमा के इतिहास में कई बेहतरीन कलाकार आए और चले गए पर एक कलाकार SBI जिसने फिल्म इंडस्ट्री का चेहरा बदल दिया उनके अदाकारी से एक्टिंग की नई परिभाषा का जन्म हुआ उस महान शख्स ने यह साबित कर दिया कि सुपरस्टार किसी को कहा जा सकता है आपके अपने चैनल सुहाने दिन मैं अपूर्वा श्रीवास्तव सुनाने जा रही हूं दास्तां दिलीप साह दिलीप कुमार वह महान शीघ्र इंट्रोडक्शन कि बिलकुल जरुरत नहीं मैं आपको बताऊंगी शायद आप नहीं जानते दिलीप कुमार और 11 दिसंबर 1945 को पेशावर पाकिस्तान का हिस्सा जानकर आपको हैरानी होगी।

हिंदी सिनेमा के शोमैन राज कपूर और दिलीप साहब बचपन दोस्त थे दोनों ने एक ही स्कूल में पढ़ाई भी की थी 17 साल में पिताजी के साथ लड़ाई हुई और वह पुणे गए उन्हें आने के बाद उन्होंने एक कैंटीन के बाहर सैंडविच स्टॉल लगाया और कमाना शुरू कर दिया काम शुरू किया तब उसने किसी को बताया कि उनके पिता जी का व्यापार केंद्र पेशावर और लाली हुआ करता था ।

उस वक्त महान और बॉम्बे टॉकीज की रानी की नजर उस पर पड़ी उनकी उर्दू और इंग्लिश की समझ कर कराने के तौर पर रख कर रानी के कहने पर 1994 की फिल्म ज्वार भाटा में पहली बार साथ ही उन्होंने अपना नाम बदलकर दिलीप कुमार का नाम बदलने की सलाह मुन्नी देवी अपने ही दी थी शायद यह गलती हो सकती पर एक वक्त ऐसा भी आया था जब उन्हें हॉलीवुड की फिल्म ऑफर हुई थी और दिलीप साहब ने इस फिल्म में काम करने से मना कर दिया फिल्म का नाम था लॉर्ड आफ और इसी फिल्म को 1963 में सबसे ज्यादा वोट मिले थे और के लिए डायरेक्टर ने दिलीप कुमार को कम किया था उस कैरेक्टर के लिए बेस्ट सपोर्टिंग नॉमिनेशन की शुरुआत कुमार पहले सबसे पहली बार फिल्म फेयर अवार्ड दिया गया।

यह अवार्ड उन्हें श्योर दाग के लिए मिला था ए फीयर फेक्टर अवार्ड 75 इसमें हासिल किया वहीं दिलीप कुमार ही यह रिकॉर्ड महानायक अमिताभ बच्चन और शाहरुख खान से भी नहीं टूटा है दिलीप कुमार अखिलेश एक्ट्रेस थी जो सबसे ज्यादा फीस देते थे बताया जाता है कि करीब करीब एक लाख लेते थे अगर इन आज की जाए तो 50 करोड़ लेने वाले व्यक्ति के गधे की तुलना में उन्हें राइटिंग कहा जाने लगा और दिलीप साहब के डिप्रेशन के पीछे भी यही वजह थी कि कि दिलीप कुमार अशोक कुमार को अपना गुरु मानते थे एक इंटरव्यू में दिलीप साहब ने कहा था कि तुम नाच रिलेटिव किया करो।

जब ऑल इंडिया सुपरस्टार राजेश खन्ना की एंट्री हुई तब स्किन फिल्में फ्लॉप होने लगी इसलिए उन्होंने पांच साल तक कोई काम नहीं किया पर उनकी कहानी यहीं खत्म नहीं हुई जब 991 में उन्होंने एंट्री लिए तो एक बार फिर से अपना जादू पेश कर दिया पर टिप्स पार दिलीप साहब स्केरिस्ट रोल निभाने शुरू किए थे क्रांति शक्ति मशाल धर्म अधिकारी कानून अपना अपना सौदागर अकेला यह फिर मैं है जिनमें दिलीप साहब ने कैरेक्टर रोल निभाया और आज भी यह फिल्में टीवी पर चलाई जाती है तो लोग बड़े ही प्यार से देखते हैं कि ऐतिहासिक फिल्म मुगले आजम दिलीप कुमार की आज तक की सबसे ज्यादा आने वाली फिल्म है आप हैरान हो जाएंगे पर दिलीप साहब ने एक इंडियन एक्ट्रेस के रूप में सबसे ज्यादा अवार्ड ने कहा कि मिस वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया हालांकि रिकॉर्ड आशा भोसले कुमार सानू समीर अंजान ऋतिक रोशन सुनील दत्त जगदीश राज ने बनाया राम और श्याम डबल रोल कैरेक्टर का इतिहास बदल दिया।

इस फिल्म में अपने रोल निभाया कहानी यह राम और श्याम नाम जुड़वा भाई बचपन में अलग हो जाते हैं और बड़े होने के बाद मिल जाते हैं हिंदी सिनेमा में यह प्लेट आज भी यूज किया जाता की बात की जाए तो सबको पता ही होगा कि उनका पहला प्यार मधुबाला इन दोनों की लव स्टोरी साल तक दौर भी आया तु एक साथ सेट पर होते हुए भी दोनों एक दूसरे से बात किया करते थे मुग़ल-ए-आज़म कि शूटिंग के वक्त डायरेक्टर के आसिफ इन दोनों को बहुत समझाते थे पर दोनों ने एक साथ न रहने का फैसला लिया था इस फिल्म में दूं सबसे रोमांटिक सीन है।

वह इस हालात में शूट हुआ था अ कि मधुबाला से अलग होने के बाद फ्लिप साहब की जिंदगी में सायरा बानो आई और 96 में उन्होंने शादी कर ली उस वक्त घर वालों की उम्र बाइस साल की थी और क्लिप्स आफ वाले इस साल के थे कहा जाता है कि 1981 में उन्होंने इसलिए दूसरी शादी कर ली क्योंकि उन्हें सायरा से बच्चा नसीब नहीं हुआ पर दूसरी शादी करने के बाद भी उन्हें बच्चे का सुख प्राप्त न हो सका फिर सॉल्व वापस बालों के पास लिप्स आप यह गलती पर सायरा बानो ने माफ कर दिया और आज भी दोनों एक साथ जिंदगी गुजार रहे हैं कि फिल्म इंडस्ट्री को महत्वपूर्ण योगदान देने वाले टिप साहब को भारत सरकार ने 1981 में पद्मश्री से सम्मानित किया।

2015 मिक्स पद्म विभूषण से भी नवाजा गया 8 बार फिल्म फेयर बेस्ट ऐक्टर अवॉर्ड जीतने वाले दिलीप साहु द्वारा नौकरी में लाइफ टाइम अचीवमेंट उसके बाद 1994 में दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड में चार चांद लगा फिल्म इंडस्ट्री का सबसे बड़ा अवार्ड माना जाता और उसी साल पाकिस्तान ने अपने देश का सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार निशान-ए-इम्तियाज से सम्मानित किया 2006 में 2006 के बीच मेंबर ऑफ पार्लियामेंट दिलीप कुमार की पत्नी सायरा बानो के साथ मुंबई में चैन की जिंदगी जी रहे एक्टिंग की दुनिया में कदम 9 4 फीत में ज्वार-भाटा से रखने वाले दिलीप साहब की आखिरी फिल्म किला साबित हुई 1998 में रिलीज हुई थी।

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