चलिए जानते हैं हिंदी सिनेमा का एक ऐसा सितारा जो अपने अलग अंदाज और अपनी कमाल की एक्टिंग के चलते ना सिर्फ भारत में बल्कि विश्व के कई देशों में फेमस हुआ जिस अभिनेता का जिक्र होते ही या उनका चेहरा सामने आते ही कई रोमांटिक नगम का एक खूबसूरत सा एहसास होने लगता है अभिनय के क्षेत्र के अलवा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जैसी शख्सियत के सामने लाखों लोगों की बात को लेकर खड़ा हो जाने वाला स्टार कोई और नहीं द ग्रेट देव साहब यानी देवानंद देवानंद थे।
झुकझुक कर संवाद अदायगी का खास अंदाज हो या फिर फीमेल फैंस की बात देवानंद अपने समकालीन एक्टरों से हमेशा अलग थे बॉलीवुड में कितने ही हीरो आए और चले गए लेकिन ऐसे कुछ एक ही हैं जिनके किस्सों का जिक्र किए बिना हिंदी फिल्मों का इतिहास अधूरा रह जाएगा देवानंद भी ऐसे ही सितारों में से एक थे 26 सितंबर को देवानंद की बर्थ एनिवर्सरी है आज ही के दिन 1923 में उनका जन्म पंजाब के गुरदासपुर में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था।
अपने दौर में रूमानियत और फैशन आइकन रहे देवानंद को लेकर यूं तो कई किस्से मशहूर हैं लेकिन इन सबसे खास उनके काले कोट पहनने से जुड़े किस्से हैं देवानंद ने एक दौर में वाइट शर्ट और ब्लैक कोट को इतना पॉपुलर कर दिया था कि लोग उन्हें कॉपी करने लगे फिर एक दौर वह भी आया जब देव आनंद पर पब्लिक प्लेसेस पर काला कोट पहनने पर बैन लगा दिया गया।
हिंदी सिनेमा में तकरीबन छह दशक तक दर्शकों पर अपने हुनर अदाकारी और रूमानियत का जादू बिखेरने वाले सदाबहार अभिनेता देवानंद को एक्टर बनने के लिए कई पापड़ बेलने पड़े दिलचस्प बात यह है कि जब देवानंद मुंबई पहुंचे तब उनके पास मात्र ₹ थे देवानंद के काले कोट का जादू अपने दौर के सबसे सफल एक्टर रहे देवानंद अपने काले कोट की वजह से बहुत सुर्खियों में रहे देवानंद अपने अलग अंदाज और बोलने के तरीके के लिए काफी मशहूर थे सफेद कमीज और काले कोट के फैशन को देवानंद ने पॉपुलर बना दिया इसी दौरान एक वाक्य ऐसा भी देखने को मिला जब कोर्ट ने उनके काले कोट को पहनकर घूमने पर पाबंदी लगा दी।
इसकी वजह बेहद दिलचस्प और थोड़ी अजीब भी थी दरअसल कुछ लड़कियों के उनके काले कोट पहनने के दौरान की घटनाएं सामने आई ऐसा शायद ही कोई एक्ट हो जिसके लिए इस हद तक दीवानगी देखी गई और कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा लोकसभा चुनाव के तहत पांच चरणों के मतदान के बाद अब हर किसी की नजरें छठे चरण में होने वाली वोटिंग पर टंगी हुई है इस चरण में आठ राज्यों की 58 सीटों पर मतदान को लेकर चुनावी मैदान में घमासान तेज हो चुका है।
देश की राजनीति से हम हमारी फिल्मी सितारों का गहरा कनेक्शन रहा है सिनेमा और राजनीति का पुराना कनेक्शन रहा है यूं तो आज कई बॉलीवुड सितारे फिल्मों के साथ-साथ पॉलिटिक्स का भी हिस्सा है लेकिन यह कहानी है उस दौर की जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थी और उनके खिलाफ बॉलीवुड सितारों ने खड़ी की थी अपनी अलग पार्टी सिनेमा के सितारों का राजनीति से पुराना नाता है इस बार भी लोकसभा चुनाव में कंगना रनौत अरुण गोविल हेमा मालिनी राज बबब मनोज तिवारी रवि किशन और पवन सिंह जैसे सितारे अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
अभिनेता से राजनेता बने सितारों की फेहरिस्त में अमिताभ बच्चन और जया बच्चन से लेकर गोविंदा तक शामिल है लेकिन क्या आपको पता है कि एक वक्त ऐसा भी था जब सरकार से तंग आकर फिल्मी सितारों ने खुद अपनी ही राजनीतिक पार्टी का ऐलान कर दिया था यह 1979 की बात है इमरजेंसी के बाद यह सितारे इंदिरा गांधी के खिलाफ मोर्चा खोल चुके थे लेकिन फिर इसका अंत भी रत हो गया यह शद काफी कम लोग जानते होंगे कि बॉलीवुड के एक दिग एकटर ने साल 199 में अपनी खुद की राजनीति पार्टी लच की थी।
यह सुपर स्टार कोई और नहीं बल्कि देवानंद थे जब देवानंद पॉलिटिक्स दुनिया क़ने की तैयारी कर रहे थे तब वह बॉलीवुड के सफल और टॉप स्टॉस की लिस्ट में भी शामिल थे यह किस्सा शुरू होता साल 1975 से जब भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की थी और उस समय बॉलीवुड एक्टर्स को फोर्स किया जा रहा था कि वे कांग्रेस की तारीफ करें देवानंद के साथ-साथ किशोर कुमार मनोज कुमार और अन्य सितारों ने भी कांग्रेस के इस ऑर्डर को फॉलो करने से इंकार कर दिया।
था बस इन सितारों की यह अकड़ कांग्रेस को जैसे सीने में चुप गई नतीजा यह हुआ कि उनके गानों और फिल्मों को ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन पर बैन कर दिया गया और उनकी फिल्मों की शूटिंग में लगातार कुछ ना कुछ बाधा खड़ी कर दी जाती इसके बाद आपातकाल हटने और चुनावी घोषणा होने के बाद बॉलीवुड ने मोरारजी देसाई की जनता पार्टी को अपना समर्थन देने का फैसला किया जो स में आई भी बताते हैं कि विपक्षी पार्टियों की यह जुगाड़ काम आए और 77 में जनता पार्टी की सरकार भी बन गई।
लेकिन अगस्त 1979 में गिर भी गई जैसा कि अक्सर पॉलिटिकल पार्टियों में देखा जाता है आपसी कलह किसी भी मजबूत पार्टी को हिला देती है इसी कलह के कारण कुछ ही साल बाद मुरारजी देसाई को पीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा इस वजह से देवान काफी परेशान और निराश हो गए थे ₹ रप लेकर पहुंचे थे मुंबई देवानंद का असली नाम धर्मदेव पिशोरी मल आनंद था उन्होंने अंग्रेजी साहित्य में अपनी स्नातक की शिक्षा 1942 में लाहौर में पूरी की देवानंद आगे भी पढ़ना चाहते थे।
लेकिन उनके पिता ने दो टूक शब्दों में कह दिया कि उनके पास उन्हें पढ़ाने के लिए पैसे नहीं है अगर वह आगे पढ़ना चाहते हैं तो नौकरी कर ले यहीं से उनका और बॉलीवुड का सफर भी शुरू हो गया 1943 में अपने सपनों को साकार करने के लिए जब वह मुंबई पहुंचे तब उनके पास मात्र ₹ थे और रहने के लिए कोई ठिकाना नहीं था देवानंद ने मुंबई पहुंचकर रेलवे स्टेशन के समीप ही एक सस्ते से होटल में कमरा किराए पर लिया उस कमरे में उनके साथ तीन अन्य लोग भी रहते थे जो उनकी तरह ही ही फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे वास्तव में रील हीरो और रियल हीरो के बीच क्या अंतर होता है उस समय यह बात देव साहब ने बखूबी समझाई आज के हमारे युवाओं को पसंद आने वाले अभिनेताओं में कई ऐसे स्टार हैं जो गुड लुकिंग होने के साथ-साथ अपनी बॉडी को अट्रैक्टिव बनाकर लोगों के बीच फेमस है।
भले ही अभिनय के मामले में उनका हाथ थोड़ा तंग क्यों ना हो लेकिन अपने बैकअप लिंक और अट्रैक्टिव पर्सनालिटी के चलते वह कई फिल्मों में अभिनय करते नजर आते हैं खैर इस बारे में फिर कभी बात करेंगे इसी गाने के बाद देव साहब सुरैया को अपना दिल दे बैठे थे जिसके बाद उन्होंने सुरैया से शादी करने का फैसला कर लिया था बताया यह भी जाता है कि देवानंद ने उस वक्त फिल्म के सेट पर सुरैया को 000 की एक अंगूठी देकर प्रपोज भी किया था लेकिन सुरया की नानी इस शादी के खिलाफ थी जिसके बाद हालात ऐसे बने जिसने दोनों को फिर कभी एक नहीं होने दिया देव आनंद से शादी ना होने के बाद सुरैया ने फिर कभी किसी के साथ रिश्ता नहीं जोड़ा और वह ताउम कुवारी रही देवानंद ने सुरैया के साथ फिल्म विद्या 1948 में कमाए पैसों से अपनी गाड़ी लमन मिंस लमन मिंक्स खरीदी थी।
इसके बाद देवानंद की जिंदगी में कल्पना का कल्पना कार्तिक की एंट्री हुई गुरु दत्त की पहली फिल्म बाजी बाजी में देव आनंद और कल्पना कार्तिक की जोड़ी को दर्शकों ने खूब पसंद किया था इसके बाद दोनों कई सफल फिल्मों में साथ नजर आए जिसमें टैक्सी ड्राइवर 921 और आंधियां जैसी फिल्में शामिल थी इन फिल्मों को करने के बाद दोनों की नजदीकियां बढ़ने लगी।