भोपाल से चोरी का एक बहुत ही शॉकिंग कारनामा आया है एक शख्स ने भोपाल म्यूजियम में रखे ऐतिहासिक कॉइंस ऑना मेंट की चोरी की यह चोरी ₹ करोड़ की बताई जा रही है अब सवाल यह उठता है कि एक म्यूजियम जहां पर सीसीटीवी होती है सिक्योरिटी होती है वहां पर यह चोरी हुई भोपाल पुलिस को मंगलवार सुबह कॉल आता है और बताया जाता है कि म्यूजियम में चोरी हुई है म्यूजियम में रखे ऑन मेंस और सिक्के गायब है और इनकी कीमत ₹1 करोड़ है पुलिस की एक टीम म्यूजियम पहुंचती है और सभी तरफ देखती है पूरे म्यूजियम को सील करवाती है।
म्यूजियम के आसपास के एरिया और चौराहों को सील करवाती है वहां पर चेकिंग करवाती है कि कहीं चोर निकल ना पाए लेकिन पुलिस को कुछ हाथ नहीं लगता है म्यूजियम के इर्दगिर्द म्यूजियम में बहुत गहरी जांच की जाती है।
लेकिन वहां पर भी चोरों का कोई सुराख नहीं मिलता है इस बीच म्यूजियम की बाउंड्री के बाहर पुलिस को एक आदमी बेहोशी की हालत में मिलता है इस आदमी के शरीर पर चोटें आई हुई थी और इस आदमी के पास एक बैग मिला पुलिस ने जब वह बैग खोला तो उसके अंदर वह सभी चुराए हुए कॉइंस और गहने थे जिससे यह प पता चलता है कि चोर तो यही आदमी था लेकिन यह समझ नहीं आता है कि चोर आखिर वहां पर बेहोश कैसे हुआ चोरी की इस घटना ने हर किसी का दिमाग हिला दिया है।
चोरी करने वाला यह आदमी विनोद यादव है विनोद यादव बिहार के गया का रहने वाला है विनोद यादव ने ही इस म्यूजियम में चोरी की विनोद यादव को पुलिस पहले होश में लेकर आई वो बोलने की स्थिति में आया फिर पुलिस ने उससे पूरी कहानी जाननी चाहि तो विनोद यादव ने बताया कि 6 महीने पहले वो दो लड़कों के साथ भोपाल आया था ये दो लड़के एग्जाम देने आए थे और विनोद यादव उनके लिए काम करता था।
लड़के जिस वक्त एग्जाम देने आए तो विनोद यादव शहर घूमने निकल गया तो यह भोपाल के म्यूजियम में पहुंचा इसने भोपाल का म्यूजियम देखा और पाया कि म्यूजियम में बहुत ही बेशकीमती सामान रखा हुआ है लेकिन वहां पर सिक्योरिटी बहुत कम है ना सीसीटीवी है और जो पर्सनल सिक्योरिटी गार्ड्स है वो भी बहुत कम लगे हुए हैं बस यही बात उसके दिमाग में घर कर गई 6 महीने में यादव ने चोरी की प्लानिंग की और इस चोरी को एग्जीक्यूट करने के लिए वह शनिवार को भोपाल पहुंचा।
रात रेलवे स्टेशन पर बिताई और संडे सुबह जब म्यूजियम मोस्टली क्राउडेड होता है तब विनोद यादव ने म्यूजियम की एक टिकट खरीदी और वह म्यूजियम के अंदर एंटर हो गया पूरा दिन उसने म्यूजियम में ही बिताया और बस इंतजार कर रहा था कि कब म्यूजियम बंद हो जैसे जैसे ही म्यूजियम के बंद होने का टाइम हुआ तो सभी पब्लिक को सिक्योरिटी वाले बाहर निकालना शुरू हो गए लेकिन विनोद यादव सीडीओ के नीचे एक जगह देखकर छुप गया और बस म्यूजियम बंद होने का इंतजार करता रहा म्यूजियम बंद होता है विनोद यादव चोरी करना शुरू करता है क्योंकि विनोद यादव ने रैकी की हुई है उसे पता है कि म्यूजियम के अंदर सीसीटीवी कैमरा नहीं है तो उसने आराम से चोरी की और उसके बाद वह भागने की कोशिश करता है क्योंकि मंडे को म्यूजियम बंद रहता है तो ट्यूजडे मॉर्निंग को वो भागने की कोशिश करता है।
लेकिन देखता है कि बाहर सिक्योरिटी पर्सनल है जो उसे देख सकते हैं इसीलिए बाहर निकलना आसान नहीं था तब विनोद यादव ने डिसाइड किया कि वो जो म्यूजियम की बाउंड्री वॉल है जो कि 25 फीट की है उससे कूद के ही बाहर निकलेगा विनोद यादव 25 फीट की इस बाउंड्री वॉल पर चढ़ जाता है और वहां से जिस वक्त वो जंप करता है तभी वो गिर जाता है और उसे चोटें लगती है और वह बेहोश हो जाता है बस इसी बेहोश आदमी को पुलिस ने बाउंड्री वॉल के पास पाया और उसके पास से बैग वहीं मिल गया छह महीना विनोद यादव ने इस चोरी की प्लानिंग की यह चोरी धूम टू की तरह की ही चोरी है।
लेकिन चोर इस तरह से पकड़ा गया चोरी की इस घटना को जिस किसी ने सुना वह हैरान रह गया यह घटना दो चीजें सिखाती है एक तो यह कि चोर की नजर से अगर अथॉरिटीज उस म्यूजियम को देखती तो शायद सिक्योरिटी इतनी हल्की नहीं होती भारी सिक्योरिटी इस म्यूजियम में रखी जाती और दूसरी चीज यह कि चोर ने होशियारी तो बहुत की लेकिन उसकी प्लानिंग उल्टी पड़ गई।