सुपरस्टार चिरंजीवी का पोते वाला बयान हुआ वायरल, लोगो ने कहा दी ऐसी बात।

तेलुगु सुपरस्टार चिरंजीवी विवादों में फंस गए हैं सुपरस्टार ने अपने घर में एक पोता होने की इच्छा जता दी है अब आप सोच रहे होंगे कि पोते की इच्छा का विवादों से क्या लेना देना तो दिक्कत पोते की इच्छा में नहीं है दिक्कत उनके उस बयान में है जिसमें वह घर में एक पोते से विरासत को आगे बढ़ाने की बात कह रहे हैं .

इतना ही नहीं वह यहां तक यह कह रहे हैं कि पोतियो के बीच उन्हें घर गर्ल्स हॉस्टल जैसा लगता है और वो वहां के वर्डन बन गए हैं चिरंजीवी के इस बयान पर सोशल मीडिया पर खूब बवाल मचा है मंगलवार यानी 11 फरवरी को चिरंजीवी हैदराबाद में ब्रह्म आनंदम के प्री रिलीज कार्यक्रम में पहुंचे थे यहां वह स्पेशल गेस्ट बनकर आए थे इसी कार्यक्रम में उन्होंने यह विवादित कमेंट दिया वह बोले जब मैं घर पर होता हूं तो ऐसा नहीं लगता कि मैं अपनी पोतियो से घिरा हुआ हूं ऐसा लगता है कि मैं महिलाओं के हॉस्टल का वर्डन हूं जो चारों ओर महिलाओं से घिरा हुआ है मैं रामचरण से यही कामना करता हूं और कहता हूं कि कम से कम इस बार तो बेटा ही हो ताकि हमारी विरासत आगे बढ़े लेकिन उनकी बेटी उनकी आंखों का ता है मुझे डर है कहीं उन्हें फिर से लड़की ना हो जाए चिरंजीवी ने ऐसा क्यों कहा अब आपको यह बताते हैं चिरंजीवी के तीन बच्चे हैं.

एक बेटे रामचरण और दो बेटियां श्रीजा कोनिडेला और सुष्मिता कोनिडेला इन दोनों बेटियों के पास बेटी है और रामचरण के पास भी बेटी है बस इसीलिए चिरंजीवी ने एक पोते की इच्छा जाहिर कर दी हालांकि पहले दादा बनने पर चिरंजीवी ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर करके अपनी पोती का स्वागत करते हुए कहा था स्वागत है.

छोटी मेघा राजकुमारी लेकिन फिर भी पोते की इच्छा जताते हुए यह बयान देना उनके लिए मुश्किलें खड़ी कर रहा है सोशल मीडिया पर कई लोग उनकी खूब आलोचना कर रहे हैं और कह रहे हैं कि यह बयान लैंगिक भेदभाव पूर्ण यानी है और साथ में यह भी कहा जा रहा है कि चिरंजीवी को ऐसा क्यों लगता है कि सिर्फ एक पुरुष उत्तराधिकारी ही उनके परिवार की विरासत को आगे बढ़ा सकता है चिरंजीवी की यह पुरानी और खराब मानसिकता है बेटियां भी परिवार के नाम और उपलब्धियों को बनाए रखने में उतनी ही सक्षम है आपको लोगों के गुस्से भरे अपोज दिखाते हैं एक यूजर ने लिखा भारत में महिलाओं को देवी के रूप में पूजा जाता है और बेटी का जन्म एक दैवीय आशीर्वाद माना जाता है .

हालांकि चिरंजीवी केवल पुरुष उत्तराधिकारी को प्राथमिकता देते हैं और महिलाओं के प्रति उनकी उपेक्षा इन मूल्यों का अपमान करती है कितनी निराश जनक मानसिकता है एक और यूजर ने लिखा पोते की कामना करना पूरी तरह से स्वीकार्य है लेकिन यह मानना कि पोता परिवार की विरासत को आगे बढ़ाएगा लेकिन पोती नहीं चिरंजीवी की महिला अवमानना वाले विचार को दिखाती है एक यूजर ने चिरंजीवी से तुरंत पद्मभूषण और विभूषण अवार्ड्स लेने की बात कर दी उन्होंने लिखा उन्होंने कहा कि मैं एक और लड़की नहीं चाहता यह महिलाओं के प्रति बहुत अपमानजनक है मैं नरेंद्र मोदी से अनुरोध कर रहा हूं कि हमारी भारतीय संस्कृति और नारीत्व को बचाने के लिए सर प्लीज चिरंजीवी के पद्मभूषण और विभूषण पुरस्कार पर तुरंत बैन लगा दीजिए सोशल मीडिया पर तो इस बयान पर खूब बहस हो रही ह.

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