रतन टाटा की जिंदगी का यह पहलू काफी दिलचस्प है जिसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे रतन टाटा जो अपनी सादगी और शांति के लिए जाने जाते हैं उन्होंने कभी शादी नहीं की पर क्या आप जानते हैं कि उनके जीवन में चार बार प्यार ने दस्तक दी थी रतन टाटा ने खुद एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें चार बार मोहब्बत हुई लेकिन हालात ऐसे बने कि वह किसी भी रिश्ते को शादी तक नहीं ले जा सके।
इन चार अफेयर्स में से एक तो खास तौर पर चर्चा में रहा जब उनका नाम बॉलीवुड की एक खूबसूरत अदाकारा के साथ जोड़ा गया वह हसीना रतन टाटा को जेंटलमैन कहती थी और उनके इस रिश्ते का किस्सा आज भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल होता है रतन टाटा ने अपने बिजनेस और टाटा ग्रुप को आगे बढ़ाने पर इतना ध्यान लगाया कि उन्होंने फिर कभी शादी के बारे में सोचा ही नहीं उनकी जवानी की तस्वीरें आज भी इंटरनेट पर खूब वायरल होती हैं जो बताती हैं कि वह कितने हैंडसम और चार्मिंग थे यह कहानी रतन टाटा की जिंदगी के उस निजी हिस्से को दिखाती है जहां उन्होंने प्यार तो किया लेकिन कभी भी शादी नहीं की पर उनकी मोहब्बत की कहानियों ने उनकी जिंदगी पर कोई नकारात्मक असर नहीं डाला।
उन्होंने टाटा ग्रुप को दुनिया में एक नई ऊंचाई तक पहुंचाया रतन टाटा की जिंदगी का यह पहलू बेहद दिलचस्प है उन्होंने खुद एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें चार बार प्यार हुआ था लेकिन उनकी प्रेम कहानियां कभी शादी तक नहीं पहुंच सकी रतन टाटा का कहना था कि शादी ना करने का फैसला उनके लिए सही साबित हुआ क्योंकि अगर उन्होंने शादी की होती तो उनकी जिंदगी और भी उलझनों से भर जाती रतन टाटा ने अपनी लव लाइफ के बारे में कहा कि चार बार वे शादी के लिए पूरी तरह तैयार थे।
लेकिन हर बार किसी ना किसी डर या परिस्थिति की वजह से पीछे हट गए सबसे ज्यादा सीरियस रिलेशनशिप उनकी तब थी जब वे अमेरिका में काम कर रहे थे उस वक्त उन्होंने शादी के बारे में गंभीरता से सोचा लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया उनकी प्रेमिका भारत आने के लिए तैयार नहीं थी और उसी दौरान भारत चीन का युद्ध भी छिड़ा हुआ था आखिरकार उनकी प्रेमिका ने अमेरिका में ही किसी और से शादी कर ली इस घटना के बाद रतन टाटा ने फिर कभी शादी के बारे में नहीं सोचा और अपनी पूरी ताकत टाटा ग्रुप को आगे बढ़ाने में लगा दी उनका मानना था कि अगर उन्होंने शादी की होती तो शायद वे अपने करियर पर इतना ध्यान नहीं दे पाते रतन टाटा का नाम एक बॉलीवुड हसीना के साथ भी जुड़ा जिसे लेकर आज भी सोशल मीडिया पर बातें होती हैं उस अदाकारा ने रतन टाटा को जेंटलमैन कहा था और यह किस्सा आज भी वायरल होता है।
रतन टाटा की यह कहानी बताती है कि कैसे उन्होंने अपने दिल की बात सुनने के बजाय अपने करियर को चुना और टाटा ग्रुप को एक नई ऊंचाई तक पहुंचाया रतन टाटा और सिमी ग्रेवाल की प्रेम कहानी मीडिया में काफी चर्चित रही है कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक रतन टाटा और सिमी ग्रेवाल ने एक दूसरे को कई सालों तक डेट किया सिमी ग्रेवाल ने खुद एक इंटरव्यू में कहा था कि उनका और रतन टाटा का रिश्ता बहुत पुराना है और रतन टाटा को वह एक परफेक्ट जेंटलमैन मानती थी दोनों को कई बार साथ देखा गया था और उनके बीच गहरा प्यार था सिमी ने रतन टाटा के सेंस ऑफ ह्यूमर और उनकी विनम्रता की तारीफ भी की थी लेकिन उनके रिश्ते की कहानी शादी तक नहीं पहुंच पाई और आज तक यह साफ नहीं हो पाया कि आखिर उनका रिश्ता क्यों टूट गया अब बात करें रतन टाटा की पढ़ाई की तो उन्होंने अमेरिका के कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से आर्किटेक्चर की डिग्री हासिल की थी उसी समय रतन टाटा को विमान उड़ाने का शौक लग गया।
लेकिन उनके पास उतने पैसे नहीं थे कि वे फ्लाइंग फीस भर सकें इस शौक को पूरा करने के लिए उन्होंने कई तरह की नौकरियां की यहां तक कि रेस्तरां में बर्तन धोने का काम भी किया रतन टाटा की मेहनत और संघर्ष ने उन्हें दुनिया के सबसे बड़े उद्योगपतियों में से एक बना दिया 2008 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया जो भारत का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है कई बार उन्हें भारत रत्न देने की भी मांग उठी लेकिन उन्होंने इसे विनम्रता से ठुकरा दिया रतन टाटा को किताबें पढ़ने का बहुत शौक था खासकर उन लोगों की सक्सेस स्टोरीज जो जीवन में कामयाब हुए उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि रिटायरमेंट के बाद अब वे अपने इस शौक को पूरा कर पा रहे हैं।
रतन टाटा बचपन से ही कम बोलने वाले इंसान रहे हैं वे सिर्फ जरूरी और औपचारिक बातें ही करते थे चाहे वह उनके साथ काम करने वाले लोग हो या दोस्त कारों के बारे में बात करते हुए रतन टाटा ने बताया कि उन्हें कारों से बहुत लगाव है चाहे वह पुरानी कारें हो या नई दोनों में उनकी दिलचस्पी है गौतम अडानी ने रतन टाटा के बारे में कहा कि रतन टाटा जैसे महान लोग कभी खत्म नहीं होते उन्होंने कहा भारत ने एक महान शख्स खोदी है जिसने आधुनिक भारत को नया रास्ता दिखाया आनंद महिंद्रा ने भी रतन टाटा की तारीफ करते हुए कहा कि उन्हें रतन टाटा की अनुपस्थिति को स्वीकार करना मुश्किल हो रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था आज जिस ऊंचाई पर खड़ी है उसमें रतन टाटा का बड़ा योगदान है रतन टाटा का एक सपना भी अधूरा रह गया जो उन्होंने खुद एक इंटरव्यू में बताया था उन्हें अपने दादा जमशेद जी टाटा की विरासत को आगे बढ़ाने पर गर्व था और उन्होंने टाटा समूह को एक नई ऊंचाई तक पहुंचाया रतन टाटा सिर्फ एक उद्योगपति नहीं थे बल्कि सादगी और विनम्रता की मिसाल थे जिनसे हर कोई प्रेरणा ले सकता है रतन टाटा की जिंदगी में एक ऐसा समय भी आया जिसने उन्हें काफी दुख दिया साल 1977 में उन्हें नागपुर की एंप्रेस मिल्स की जिम्मेदारी सौंपी गई यह एक कपड़ा मिल थी और उस वक्त टाटा समूह की सबसे कमजोर इकाइयों में से एक मानी जाती थी जब रतन टाटा ने वहां का काम संभाला तो उन्होंने दे देखा कि वहां श्रमिकों की कमी खराब मशीनें और उत्पादों की गुणवत्ता में कमी थी जिसकी वजह से मिल को मुनाफा नहीं हो रहा था रतन टाटा ने मिल को सुधारने के लिए निवेश की मांग की।
लेकिन उन्हें उतना पैसा नहीं मिला जितना जरूरी था उस वक्त बाजार में मोटे और मध्यम कपड़ों की मांग भी कम थी जिसके कारण मिल को लगातार घाटा होता रहा टाटा ग्रुप के मुख्यालय ने मिल में और पैसा लगाने से मना कर दिया आखिरकार टाटा ग्रुप के डायरेक्टर नानी पालकी वाला ने यह फैसला किया कि मिल को बंद कर दिया जाए और 1986 में एंप्रेस मिल्स को बंद कर दिया गया इस फैसले से रतन टाटा को बहुत दुख पहुंचा बाद में एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि इस मिल को बचाने के लिए सिर्फ ₹ लाख की जरूरत थी लेकिन किसी ने उनका साथ नहीं दिया हालांकि इस घटना के बाद रतन टाटा ने हार नहीं मानी और टाटा समूह में कई नए कदम उठाए जिससे कंपनी को एक नई ऊंचाई मिली रतन टाटा का जीवन सादगी की मिसाल है जैसे रामायण में राजा जनक का किरदार था टाटा मोटर्स जैसी कंपनी जो जगुआर और लैंड रोवर जैसी दुनिया की सबसे महंगी और लग्जरी कारें बनाती है उसके मालिक होते हुए भी रतन टाटा ने कभी दिखावे की जिंदगी नहीं जी उनके पास इतनी दौलत थी कि वह कोई भी कार खरीद सकते थे लेकिन वे अक्सर नैनों जैसी सस्ती कार में ही सफर करते नजर आते थे।
करीब 30 साल तक टाटा ग्रुप का नेतृत्व करने वाले रतन टाटा ने अपने जीवन के आखिरी समय मुंबई के कोलाबा इलाके में अपने घर बख्तावर में बिताए यह घर दिखावे से दूर एकदम सादगी और शांति से भरा है बख्तावर का मतलब होता है अच्छी किस्मत लाने वाला जो रतन टाटा के जीवन पर पूरी तरह सही बैठता है रतन टाटा ने अपने करियर में कई बड़े और साहसी फैसले लिए जिनमें लंदन की स्टील कंपनी कोरस और चाय कंपनी टेटली का अधिग्रहण शामिल है इन फैसलों से टाटा ग्रुप की सफलता को नए आयाम मिले रतन टाटा ने सादगी से जीते हुए और सही फैसले लेकर ना सिर्फ टाटा ग्रुप को ऊंचाइयों पर पहुंचाया बल्कि एक उदाहरण भी पेश किया कि कैसे सफलता के साथ भी सादगी से जिया जा सकता है तो दोस्तों रतन टाटा जी के बारे में।