कुछ इस तरह की हालत गोविंदा की बचपन में हो गई थी बड़ी मुश्किल से बचे थे।

कि 90 के दशक के मशहूर अभिनेता हूं मैं से गोविंदा की बात करें तो 90 का दौरा आते-आते गोविंदा इतने बड़े सुपरस्टार बन गए थे कि उस दौरान के कई सारे स्टार उनके सामने फीके नजर आते थे गोविंदा के स्टारडम का आप इस कदर ही अंदाजा लगा सकते हैं कि उस समय के तमाम निर्माता निर्देशक उन्हें अपनी फिल्मों में कास्ट करने के लिए तरह-तरह के जतन करते थे उम्र भले ही एक फिल्मी परिवार से ताल्लुकात रखते थे।

लेकिन के घर की हालत इस हिसाब से उस समय थी उस हिसाब से गोविंदा को सिर्फ और सिर्फ पैसे ही दिख रहा था तभी तो उन्हें जॉब मिला शुरुआत तोहरे अ लक्ष्मी की पौधा घर फिल्में साइन करते गए और एक दिन में करीब सात से आठ फिल्मों की शूटिंग किया करते थे यानी सुबह की शिफ्ट को शाम को पूरा करते थे और जिसके चलते एक प्रिंटेड अतिथि के कारण काफी ज्यादा बदलाव भी हो गए थे लेकिन इन सबके बावजूद इसके उनकी जितनी डिमांड थी उन सभी डिमांड को पूरा करते हुए मेकर्स है उन्हें अपनी फिल्म में लेना चाहते थे कि गोविंदा अगर किसी भी फिल्म का हिस्सा बन जाते थे तो उस पर क्वाइट माना जाता था अब यह इसलिए बेस पर गोविंदा अपने लेटलतीफी के कारण काफी ज्यादा बदनाम थे।

लेकिन अभी खा लिया में एक कार क्वान है वह समय पर पहुंच गए हालांकि वह समय से करीब 45 मिनट पहले उस कार्यक्रम का हिस्सा बनिए और किसी को भी यकीन नहीं हुआ कि गोविंदा इतनी जल्दी पहुंच सकते हैं विड्थ आज को जैसे ही पता चला कि कविता आगे वह सभी आनन-फानन में मौके पर पहुंचे तब तक गोविंद अपनी गाड़ी में बैठकर समय काटते दिख रहे थे अब वह घोषाल तो घोषाल डॉक्टर नामक इस कार्यक्रम में गोविंदा की मौजूदगी थी जीवन की सबसे बड़ी जरूरत तक हंसी के लिए के कछुए खबरों की माने तो इस कार्यक्रम में गोविंदा ने लोगों को अपना एक्सपीरियंस शेयर करते हुए बताया कि खुश रहना है आधा चम्मच को खत्म कर देता है।

उस पर कहते हैं कि स्वस्थ रहने के लिए सबसे जरूरी हंसना है तो खूब हंसता हूं पितृलोक मेरी हंसी देकर कहते हैं कि कितना सस्ता है इंसान को जीवन में खूबसूरत चाहिए खुशी मैं तो लोग हंसते हैं लेकिन दुखी होने पर भी ज्यादा हंसना चाहिए इससे दूर भाग जाता है हम इश्वर पर बहुत ज्यादा विश्वास करते हैं और दूसरे डॉक्टर पर इतना विश्वास करते हैं कि उनको अपना शरीर सौंप देते हैं डॉक्टर भगवान का दूसरा रूप इसलिए माना जाता है।

लेकिन इस दौरान गोविंदा ने अपने बचपन में घटी घटना को लेकर एक बड़ा खुलासा किया यह कुछ बात की जानकारी देना चाहेंगे कि शो के दौरान उन्होंने बचपन में कोई अपने गंभीर बीमारी के बारे में भी एक बड़ा खुलासा किया कि वह इस पर कहते हैं कि जब मैं 7 साल का था तो मैं बहुत बीमार है तथा मेरे सारे दांत गिर गए थे पूरे बाल झड़ गए थे इलाज के दौरान शरीर का कोई ऐसा नहीं बचा जाएं इंजेक्शन लगवाओ डॉक्टर सोच रहे थे कि अब किस जगह जैकसन लगाओ उस मेरी तोतली आवाज निकल रही थी।

13 साल की उम्र तक ऐसे ही राह मे डॉक्टर से पूछा डॉक्टर साहब क्या लगता है मैं जिंदा तो रहूंगा ना उन्होंने बोला अरे गोविंदपुर स्टार बनेगा तुझे दुनिया देखेगी और उनकी बात बिल्कुल सच भी साबित हुई वैसे देखा जाए गोविंदा ने अपनी जिंदगी में बहुत बड़े समय देखें यहां आपको इस विरुद्ध करना चाहेंगे कि एक समय ऐसा भी आया जब गोविंदा अपनी मां के लिए ट्रेन की टिकट तक नहीं खरीद पाए थे और उस समय गोविंदा को अपनी गरीबी का एहसास हुआ था कि उनके पिता आनंद अहूजा को बहुत बड़ा लॉन्च हुआ था जिसके चलते उनके घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई थी।

लेकिन गोविंदा ने ठान लिया था कि जब मुझे मौका मिलेगा पैसा कमाने के लिए तो मैं बिल्कुल भी गलत नहीं करूंगा और उन्होंने ऐसा भी निखार पुणे बहुत ही कम समय अपने घर की स्थिति को बेहतर बना लिया और जैसे कि आप सब जानते हैं कि नोटिस का दौरा आते-आते 2 मिनट चारों तरफ इंडस्ट्री में छा गए थे और मौजूदा दौर की बात करें तो गोविंदा आज अपनी गुलामी भरी जिंदगी जीने पर मजबूर हैं उनकी आखिरी रिलीज फिल्म रंगीला राजा थी जिसे 2019 में रिलीज़ किया गया था।

हालांकि आज से कुछ समय पहले यह खबर आई थी कि गोविंदा जल्दी वेब सीरीज में अपना डेब्यू करने वाले हैं हालांकि इस बात को लेकर अभी कोई पुख्ता सबूत नहीं मिल पाया है लेकिन गोविंदा के चाहने वाले एक बार फिर से उन्हें बड़े पर्दे पर देखने के लिए काफी ज्यादा उत्सुक है।

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