जब रंजीत से चिढ़ने लगी थी लड़कियां तब पिता ने कहा..

बॉलीवुड में कोई फिल्म सबसे पहले उसके हीरो, फिर गाने और अंत में अपनी कहानी के दम पर हिट होती है। इसके बाद कुछ रह जाता है तो लोग विलेन पर ध्यान देते हैं। बॉलीवुड में अमरीश पुरी, प्राण और प्रेम चोपड़ा को खलनायक के तौर पर देखा जाता था। इसके बाद शक्ति कपूर और गुलशन ग्रोवर जैसे अभिनेताओं ने इसे नई परिभाषा दी।

लेकिन आज हम आपको बॉलीवुड के ऐसे विलेन के बारे में बताएंगे जो स्क्रीन पर आया तो उसके किरदार की वजह से लोगों को उससे नफरत हो गई। जी हां, इस एक्टर को सिल्वर स्क्रीन पर देखकर लड़कियां खौफजदा हो जाती थीं। हम बात कर रहे हैं एक्टर रंजीत की जिनके नाम की 70 और 80 के दशक में दहशत हुआ करती थी। आंखों में दरिंदगी और चेहरे पर कुटिल मुस्कान लिए रंजीत जब भी पर्दे पर आते उन्हें देख दर्शक नफरत से भर उठते थे। लड़कियों को उनके नाम से चिढ़ होने लगी थी।

रंजीत ने साल 1971 में समीर गांगुली की फिल्म शर्मीली में पहला निगेटिव किरदार निभाया था। इसके बाद से उन्हें घर से बाहर निकाल दिया गया था। इस बात से नाराज होकर रंजीत के पिता ने कहा कि फिल्मों में काम करना है तो डॉक्टर-इंजीनियर का रोल प्ले करो। ये क्या करते रहते हो ? बाप का नाक कटवा रहे हो, सोचा भी है अमृतसर जाकर क्या मुंह दिखाओगे ?

रंजीत को इंडस्ट्री में पांच दशक से भी अधिक समय हो गया है। एक्टर ने इंडस्ट्री में अपनी पहचान एक एक्टर के तौर पर नहीं बल्कि एक खलनायक के तौर पर बनाई। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक्टर इससे पहले भारतीय वायु सेना में थे। जी हां, उन्होंने एंट्रेंस एग्जाम निकाल लिया था और कोयंबटूर में ट्रेनिंग भी करने लगे थे। लेकिन उनके मेंटर को लगने लगा कि रंजीत उनकी लड़की से फर्ल्ट कर रहे हैं इसलिए उनका एयरफोर्स में जाने का सपना अधूरा रह गया। एक्टर को वापस घर आना पड़ा।

रंजीत का असली नाम गोपाल बेदी है। उनका जन्म 12 सितंबर 1942 को अमृतसर के पास जंडियाला गुरु में हुआ था। रंजीत ने डेढ़ सौ फिल्मों में रेप सीन ही किए। उनके इस तरह के किरदार से उनके घरवाले उनसे नाराज रहते थे। लेकिन क्या कोई विश्वास करेगा कि स्क्रीन पर ऐय्याशी और दहशत बिखेरने वाले रंजीत न तो मांस-मछली खाते हैं और ना ही उन्होंने कभी को हाथ लगाया था। रंजीन शुद्ध शाकाहारी थे।

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