जब भरी महफ़िल में गोविंदा का घमंड इस कलाकार ने उतारा था।

भरी महफिल में जब गोविंदा को गंदी नाली का कीड़ा कहते हुए जोरदार थप्पड़ रसीद होता है तो उनके सर पर सवार सुपरस्टार का भूत तुरंत उतर जाता है यह वही दौर था जब गोविंदा अपने करियर के पीक पर थे और उस समय वह काफी हद तक बदनाम हुई थी बदलाव इसलिए थे कि वह सेट पर लेटलतीफी के कारण आया करते थे इसकी वजह से एक तमाम क्यों मेंबर्स को इंतजार करना पड़ता था।

लेकिन एक ऐसा भी कलाकार था जो गोविंदा की इस हरकत पर इतना ज्यादा आग बबूला हो जाता है कि वह सभी के सामने गंदी नाली का कीड़ा कहते हुए गोविंदा को जोरदार रसीद कर देता है और गोविंदा खुद इस घटना के बाद कभी भी इस कलाकार के साथ नहीं काम करते हैं अब हम इस घटना के बाद गोविंदा की जिंदगी में कई सारे बदलाव आए।

लेकिन इन सबके बावजूद यह कलाकार आज भी काफी ज्यादा फेमस है बने यह कलाकार आज हमारे बीच में नहीं है लेकिन इसमें भी बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में रहते हुए काफी नाम और शहर का है यह कोई और नहीं बल्कि अमरीश पुरी साहब थे अब अपने कलाई के दम पर अमरीश पुरी साहब ने जो रुतबा हासिल क्विक है वह कहीं पर भी छुपाया नहीं जा सकता अपने शानदार फिल्मी सफर के दौरान अमरीश पुरी साहब ने जो अमिट छाप छोड़ी है वह सदियों तक बरकरार रहेगी आज भले ही हमारे बीच में नहीं है लेकिन उनके किए गए यादगार पल आज भी तरोताजा है हलाकि की अगर बात करें तो अमरीश पुरी साहब का कोई भी तोड़ नहीं था बड़े से बड़े सुपरस्टार पर वह अपनी रोवेली आवाज को लेकर भारी पड़ जाए करते थे।

तभी तो उनकी एक समय बहुत ज्यादा डिमांड हुआ करती थी लेकिन गोविंदा के साथ उनका सामना होता है तो अमरीश पुरी साहब गोविंदा की यह हरकत पर इतना ज्यादा आलू उबला हो जाते हैं कि भरी महफिल में गंदी नाली का कीड़ा कहते हुए उन्हें जोरदार रसीद कर देते हैं यह बात उस दौर की है जब गोविंद आखिरी कई सारी फिल्मों को लेकर काफी ज्यादा चर्चाओं में रहते थे और एक दिन वह हाट से सात फिल्मों की शूटिंग किया करते थे जिसकी वजह से वह सेट पर लैंड अतिथि के कारण आया करते थे।

सुबह के शुरू को शाम को पूरा करते थे जिस वजह से उनके को-स्टार को अभी लंबा इंतजार करना पड़ता था और एक बार गोविंदा की जोड़ी अमरीश पुरी साहब के साथ देखने को मिली जिसकी वजह से गोविंदा इस पॉइंट को लेकर काफी ज्यादा एक्साइटेड थे एक तरफ जहां वह ब्रिटिश पुलिस आप जैसे बड़े सुपरस्टार के साथ काम करने को लेकर काफी उत्सुक थे तो वहीं दूसरी और गोविंदा को इस बात की बिल्कुल भी भनक नहीं थी कि अमरेश पूरी साहब मेरी किस बात से इतने ज्यादा परेशान थे।

अब गोविंदा उस दौरान बैक टू बैक हिट फिल्में दे रहे थे उनके पास इतना समय नहीं होता था जो अपने घर तक जा सकेंगे उनके दमदार अभिनय और लगन को देखते देखते स्टार से सुपर स्टार बन गए और वह उन दिनों एक के बाद एक फिल्मों की शूटिंग कर रहे थे जिसके चलते वह दूसरी फिल्म के सेट पर लेट पहुंचा करते थे ऐसे में उनके साथ अमरीश पुरी भी नजर आने वाले थे।

खास बात तो यह रही कि इस वाकए के बाद यह फिर गोविंदा और अमरीश पुरी की आखिरी फिल्म साबित हुई और इस घटना के बाद इधर में कभी भी एक दूसरे के साथ काम नहीं किया अब होता है कि स्वामी इस फिल्म का निर्देशन कर रहे थे और इस फिल्म का रास्ता फर्ज की जंग जिसे 17मार्च 1989 को रिलीज किया गया लेकिन इस फिल्म की शूटिंग के दौरान अभिनेता गोविंदा और अमरीश पुरी साहब के बीच में कुछ ऐसा मन मोटा हो जाता है और इस क्वात कविता कभी भी अमरीश पुरी साहब के साथ फिर नहीं करते हैं आखिर फर्ज की जांच की शूटिंग के दौरान क्या हो जाता है जिसके बाद गोविंदा कभी भी अमरीश पुरी साहब की शक्ल तक देखना नहीं पसंद करते हैं।

अब स्टार कास्ट फाइनल होने के बाद सब कुछ ठीक ठाक चल रहा था और गोविंदा अपनी लेटलतीफी के कारण शूटिंग वाले दिन ही लेट पहुंची जिसकी वजह से बाकि क्रू मेंबर्स को लंबा इंतजार करना पड़ा और यहां पर सबसे सीनियर अभिनेता थे अमरीश पुरी साथ अमरीश पुरी साहब अपने वक्त के पाबंद थे और वह हमेशा से अपने बताए गए टाइम पर पहुंच जाया करते थे तो वहीं दूसरी ओर अपने सीन को लेकर उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ता था क्योंकि ज्यादातर सीन गोविंदा के साथ होने वाले थे बताया जाता है कि एक दिन गोविंदा को सेट पर सुबह 9:00 बजे पहुंचना था लेकिन वह शाम को 6 बजे पहुंचे थे गोविंदा को सेट पर 21 ही अमरेश पूरी साहब अपने गुस्से पर काबू नहीं कर पाए और गुस्से में हो गए और बताया जाता है कि इसी दौरान दोनों के बीच में काफी बहस बाजी शुरू होगी अब इस पुलिस आप खुद पर काबू नहीं रख पाए और सभी के सामने उन्होंने गोविंदा का जरा तमाचा जड़ दिया साथ ही उन्होंने गंदी नाली का कीड़ा भी कह डाला अब यह घटना थी इस घटना ने गोविंदा के दिल पर एक भारी ठेस पहुंचाई थी यह टमाटर सिर्फ गोविंदा के गाल परी नहीं बल्कि गोविंदा के तमाम चाहने वालों पर भी पड़ा था और गोविंद इस घटना के बाद इतने ज्यादा टूट जाते हैं और उन्हें इतना ज्यादा गुस्सा आता है कि वह कभी भी अमरेश पूरी साहब के साथ काम नहीं करते हैं।

आने वाले समय में जितनी फिल्में उन्हें अमरीश पुरी साहब के साथ साइन की थी उन सभी फिल्मों से उन्होंने किनारा कर लिया या तो उन फिल्मों में कादर खान साहब नजर आए या फिर उन फिल्मों से गोविंदा ने साइनिंग अमाउंट वापस करते हो उन फिल्मों को करने से मना कर दिया तो दोस्तों यह वही घटना थी इस घटना के बाद गोविंदा और अमरीश पुरी साहब के बीच में एक लंबी दूरी कम हो जाती है और यह दूर ही हमेशा से ही बरकरार रहती है

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