दिलीप कुमार की इस मदद से सुपरस्टार बने गोविंदा नही तो हो जाते बर्बाद.

गोविंदा जब नए-नए फिल्म इंडस्ट्री में आए थे तो उनके अंदर काम की भूख बहुत ज्यादा थी। वह ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाना चाहते थे। जैसा कि आप सब जानते हैं कि 986 में गोविंदा ने अपना पहला कदम बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में रखा था। बावजूद इसके वह भलीभांति जानते थे कि इंडस्ट्री में मुझे टिकने के लिए बहुत ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी और मेरे परिवार का गुजारा बसर मेरे पैसों से ही होगा। गोविंदा अपने छह भाई बहनों में से एक थे और पैसा कमाने की सारी जरूरतें उन पर ही आकर टिकी हुई थी तभी तो वह काम को बहुत ज्यादा तवज्जो देते थे। एक समय ऐसा भी आया जब गोविंदा इंडस्ट्री के बड़े सुपरस्टार बन गए और उनके पास लंबी फिल्मों की कतार थी।

गोविंदा के पास कोई भी डायरेक्टर हो या प्रोड्यूसर अपनी फिल्मों की स्क्रिप्ट लेकर आता था तो गोविंदा फिल्म की कहानी नहीं देखते थे अपने रोल के बारे में भी नहीं पूछते थे वह फट से फिल्म को साइन कर लेते थे और साइनिंग अमाउंट भी ले लेते थे। इतना ही नहीं अपनी फीस को लेकर कोई भी बातचीत नहीं करते थे यही बात निर्माता-निर्देशक को बहुत ज्यादा अच्छी लगती थी तभी तो गोविंदा को फोरन कई सारी फिल्मों के ऑफर मिले। गोविंदा एक लंबी रेस के घोड़े थे उन पर हर कोई पैसा लगाना चाहता था और इसी जद्दोजहद में एक बार उन्होंने करीब 75 फिल्म साइन कर ली। अब जाहिर सी बात है 75 फिल्में साइन करने के बाद गोविंदा बहुत ज्यादा बिजी हो गए। अकेले-अकेले इतनी सारी फिल्मों को पूरा करना बहुत ज्यादा मुश्किल होता है। लेकिन बावजूद इसके इन सभी फिल्मों को साइन करने में गोविंदा ने कोई भी देरी नहीं की और उन्होंने सभी फिल्मों को साइन कर लिया। उनकी साइनिंग अमाउंट भी अपने पास रख ली, लेकिन इस बात से बॉलीवुड के कई सारे कलाकार खफा हो गये, उन्हें इस बात से परेशानी हुई।

बताया जाता है कि उस दौरान इस परेशानी का हल निकालने के लिए कई सारे कलाकारों ने दिलीप साहब का सहारा लिया था। दिलीप साहब उस समय एक सीनियर अभिनेता हुआ करते थे उनकी बात इंडस्ट्री में कोई भी नहीं टाल सकता था। नतीजन वह सभी कलाकारों ने दिलीप साहब से मुलाकात की और इस बारे में हल निकालने के लिए कहा दिलीप साहब भी उनकी मदद करने के लिए तैयार हो गए थे। तब दिलीप साहब गोविंदा के पास गए और उनसे मुलाकात की। गोविंदा दिलीप साहब को अपना गुरु मानते थे। गोविंदा दिलीप साहब को देखते ही बहुत ज्यादा खुश हो गए। बाद में मुलाकात हुई और इस मुलाकात में दिलीप साहब ने गोविंदा को 25 फिल्म छोड़ने के लिए कहा गोविंदा दिलीप साहब की बात को मना नहीं कर पाए। और उन्होंने 25 फिल्म छोड़ दी साथ ही इस फिल्म से जितनी भी उन्होंने साइनिंग अमाउंट भी ले रखी थी उसे भी अपने दोस्तों मित्रों से पैसे उधार लेकर वह पैसे भी लौटा दिए, लेकिन दिलीप साहब ने सभी फिल्मों को छोड़ने के पीछे गोविंदा को एक वजह भी बताई थी।

दिलीप साहब ने गोविंदा को समझाते हुए कहा कि तुम बिना स्क्रिप्ट देख इतनी सारी फिल्में साइन कर रहे हो यह तुम्हारे करियर को खा सकती हैं मौजूदा दौर में तुम्हें अच्छी खासी फिल्मों के ऑफर मिल रहे हैं उस समय फिल्म को देखें, सुने और फिल्म की कहानी के बारे में भी काफी खोजबीन करें इसके बाद ही तुम फिल्में साइन किया करो। गोविंद दिलीप साहब की बात बहुत ज्यादा पसंद आई और उन्होंने ऐसे ही किया। खैर 25 फिल्मे छोड़ ने के बावजूद भी गोविंदा के पास करीब 50 फिल्मों के ऑफर थे और 50 फिल्मों को गोविंदा ने बखूबी बड़े पर्दे पर भी किया लेकिन कहा जाता है कि गोविंदा के करियर को सक्सेस की उड़ान दिलीप साहब की ही बदोलत मिली है।

दिलीप साहब की वजह से गोविंदा इतने बड़े सुपरस्टार बने थे इसके पीछे भी एक कहानी है यह कहानी हम आपको बता ही देते हैं। एक इंटरव्यू के दौरान गोविंदा ने दिलीप साहब से जुड़े इस किस्से के बारे में बातचीत की थी। गोविंदा ने बताया था कि यह बात फिल्म इज्जतदार की शूटिंग के वक्त की है, उस वक्त फिल्म में मेरे साथ दिलीप साहब थे। इज्जतदार की शूटिंग के वक्त मै बीमार हो गया था बहुत स्ट्रेस महसूस होता था। एक शॉट देता था और थका हुआ सा महसूस करने लगता था। आगे गोविंदा इस इंटरव्यू में कहते हैं कि डायरेक्टर के डर के बारे में कुछ बोल भी नही पता था। मैं युवा एक्टर को थका जा रहा था वहीं दूसरी ओर दिलीप साहब लगातार रिहर्सल कर रहे थे और सीन भी दिए जा रहे थे।

मैने ब्रेक में दिलीप साहब से अपने परेशानी बयां की फिर दिलीप साहब ने कहा कि तुम बहुत दिल लगाकर काम कर रहे हो सीरियस फिल्मों से ब्रेक ले लो और कॉमेडी फिल्में करना शुरू कर दो इससे बाहर निकल जाओ। उसके बाद में मैंने कॉमेडी फिल्में करनी शुरू कर दी। कुछ फिल्में कॉमेडी करने की सोची थी वह सिलसिला ऐसा चल पड़ा कि लगातार 10- 15 साल तक एक के बाद एक कॉमेडी फिल्मों से जुड़ता गया। उसके बाद मैंने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा। तो इस तरह दिलीप साहब ने अगर उस दौरान गोविंदा को यह बात नहीं समझाई होती कि तुम एक्शन फिल्में छोड़कर कॉमेडी फिल्म करो तो गोविंदा शायद इतने बड़े सुपरस्टार नहीं बन पाते।

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