बीते कुछ सालों में सिनेमा में इंटेलिजेंस के इस्तेमाल को लेकर बहस चल रही है हॉलीवुड में राइटर्स और एक्टर्स ने इसे लेकर प्रोटेस्ट किए पूरा मूवमेंट चला विरोध करने वालों का कहना था कि आप के जरिए मानवीय भाव माने ह्यूमन इमोशंस नहीं निकलवा सकते हैं।
यह आपकी मदद भले ही कर सकता है लेकिन आपके किरदारों को वह मानवीयता नहीं दे पाएगा हॉलीवुड में इस नई टेक्नोलॉजी को लेकर चर्चा गर्म है दूसरी ओर इंडियन फिल्म इंडस्ट्री का इस पर कोई एकजुट स्टैंड देखने को नहीं मिला हाल ही में नायशा नाम की फिल्म का ट्रेलर आया है यह इंडिया की पहली फिल्म है ऐसा नहीं है कि यह पहली ऐसी इंडियन फिल्म है जहां एआई का इस्तेमाल हुआ हो साल 204 में आई इरा में भी ऐसा हुआ था।
लेकिन वह पूरी तरह से नहीं बनी थी जबकि नायशा को पूरी तरह से से बनाया गया है नायशा के ट्रेलर की शुरुआत नायशा बोस से होती है कोलकाता की रहने वाली नायशा के पेरेंट्स अपना रेस्टोरेंट चलाते हैं नायशा की मुलाकात जन कपूर से होती है जन एक रैपर और स्टैंड अप कॉमेडियन है दोनों में प्या होता है लेकिन यह लव स्टोरी जल्द ही खत्म हो जाती है नायशा की जिंदगी दूसरी ओर मुड़ती है वह विदेश में जाकर फिल्म मेकिंग पढ़ना शुरू कर देती है।
एक्टर बन जाती है दूसरी ओर जन अपने रैप करियर पर ध्यान दे रहा होता है दोनों के रास्ते फिर टकराते हैं आगे क्या होगा यही फिल्म की कहानी है कहानी के स्तर पर मेकर्स ने कुछ अलग करने की कोशिश नहीं की है सेफ रास्ता चुना है मगर इस पहलू को नकारा नहीं जा सकता कि टेक्नोलॉजी के स्तर पर वह एक कदम आगे गए हैं एआई के जरिए ग्रैंड विजुअल तैयार किए गए हैं मगर इस ट्रेलर के साथ दो बड़े मसले हैं पहला एआई अभी इतना परफेक्ट नहीं हुआ है कि आपको किरदारों के चेहरे पर भाव साफ-साफ दिख सके वह भी नकली सा लगता है।
दूसरा यह कि इस ट्रेलर के फ्लो में गड़बड़ है कायदे से एक ट्रेलर फिल्म का मिनी वर्जन होता है यानी दो ढाई मिनट के अंदर आपको कहानी फील और टोन का पूरा आईडिया लग जाए नायशा के केस में ऐसा नहीं हो पाता यहां एक परिस्थिति दिखाई जाती है फिर अचानक से गाना बजने लगता है और कहानी आगे बढ़ जाती है इसके बाद फिर रैप आने लगता है कुल मिलाकर यह आपका अटेंशन एक जगह खींच कर नहीं रख पाता नायशा को विवेक अंचलिया ने डायरेक्ट किया है।
उन्होंने अमित सियाल की फिल्म तिकड़म भी डायरेक्ट की थी नायशा के ट्रेलर को दो तरह के रिएक्शन मिल रहे हैं एक तरफ लोग लिख रहे हैं कि मेकर्स ने कुछ अलग करने की कोशिश की है दूसरी तरफ लोग चिंता भी जता रहे हैं उनका कहना है कि अगर यही होने लगा तो एक्टर्स और राइटर्स का क्या होगा किसी ने लिखा कि इस फिल्म की कोई जरूरत नहीं थी वहीं किसी का कहना है कि यह बहुत बोरिंग लग रहा है ट्रेलर को मिक्सड रिस्पांस मिल रहा है बाकी नायशा को जनता की तरफ से कैसा रिस्पांस मिलेगा इसका जवाब मई 2025 में मिलेगा यह फिल्म तब सिनेमा घरों में रिलीज की जाएगी।