और परेश रावल बोल 1st से जुड़ा एक ऐसा कलाकार जो पानी की तरह हर किरदार में ढल गया एक ऐसा कलाकार जिसने कभी भी एक्टिंग स्कूल का मुंह तक नहीं देखा लेकिन आज बिन टेस्टी के बहुत बड़े सुपरस्टार में से एक है परेश रावल वॉल्व इंडस्ट्री के मंझे हुए कलाकारों में से एक माने गए हैं।
जब उन्होंने खिलाएं की वाला अवतार अपनाया तो उन्होंने हीरो केवी छक्के छुड़ा दिए और कभी उन्होंने ऐसा किरदार बड़े पर्दे पर निभा दिया जिसे देखने के बाद हर कोई लोटपोट हो गया शब्दों में कहें तो एक्टिंग की महारत हासिल करने वाले परेश रावल जैसे कलाकारों में से आते हैं जिसे हर कोई देखने के बाद उन पर फिदा हो जाता है।
परेश रावल की बात करें तो उनकी गिनती आज बड़े सुपरस्टार में से मानी जाती है अभिनेता से नेता बने परेश रावल को लेकर हमेशा से चर्चा की जाती हैं आलम तो यह है कि परेश रावल की फिल्मों का बेसब्री से इंतजार किया जाता है अपने दौर के सभी अभिनेताओं के साथ उन्होंने नाम क्या है और खूब वाहवाही भी लूटी है।
लेकिन इस मुकाम पर पहुंच पाना परेश रावल के लिए भी काफी संघर्षों भरा रहा है बेसिकली परेश रावल गुजराती परिवार से आते थे उनका परिवार ठीक-ठाक था ना वह बहुत अमीर ना बहुत ज्यादा करीब उनका जन्म तीस मई 1950 को हुआ था वह इस वर्ष की उम्र में पढ़ाई पूरी करने के बाद पर गुजरात से मुंबई आ गए थे और सिविल इंजीनियर के रूप में काम पाने के लिए संघर्ष करने लगे उन्हीं दिनों उनके अभिनय को देखकर कुछ लोगों ने कहा कि वह अभिनेता के रूप में अधिक सफल हो सकते हैं क्योंकि को विकृत करने में बहुत ज्यादा माहिर हो चुके थे धीरे-धीरे उनके अंदर भी एक्टिंग का कीड़ा पनपने लगा और समय आ गया 1973 का।
इसके बाद 1978 में उन्होंने अपनी ड्रामा के गुणों को निखारने के लिए इंडियन नेशनल थियेटर को जॉइन किया अमूमन वॉल्व इंडस्ट्री से जुड़े चाहे बड़े सुपरस्टार को देख ले उनके स्ट्रगल की शुरुआत सेंटर्स के दौरान ही हुई है परेश रावल के लिए उस दौरान अब तक एक सफल थिएटर एक्टर हुआ था उनका एक सपना था पर जब उन्होंने नसीर ओमपुरी और अमिताभ बच्चन को फिल्मों में देखा तो उनकी भी फिल्मों में काम करने की इच्छा जागृत हुई।
1978 और 80 के दौरान वह वाउचर में एंट्री पाने के लिए स्ट्रगल करने लगे उन्होंने सबसे पहले अपनी किस्मत आठ सर्किट में आजमाया पर वह सफल न हो सके इसके बाद श्याम बेनेगल गोविंद निहलानी और कुमार सैलानी जैसे हस्तियों के साथ मीटिंग की पर रिजल्ट भी कुछ नहीं निकला अब क्या था इतना सब होने के बावजूद अंत में निराश होकर परेश रावल ने वापस पृथ्वी थियेटर को ज्वाइन कर दिया पर जल्दी उनके द्वारा बॉलीवुड में एंट्री पाने के लिए किए गए प्रयासों का इनाम भी मिला था।
वह कहते हैं भगवान के घर में देर है अंधेर नहीं जयपुर अवसर करीम मोरानी ने पृथ्वी थियेटर में उनके शो को देखा तो वह बड़े इंप्रेस हुए उन्हें जल्दी जो बोले सो निहाल फिर के ट्रैक्टर राहुल रवैल को परेश रावल का नाम सुझाया राहुल रवैल ने पहले उन्हें गुजराती प्ले के लिए काम पर रखा है यह गुजराती नाटक क्विट हुआ पर एक भी एक बॉलीवुड डायरेक्टर के साथ काम करने पर अपनी बढ़ी हुई सर्च कॉन्फिडेंस से काफी अच्छा महसूस कर रहे थे।
अब बात करते हैं कि उनको बॉलीवुड में कैसे आना हुआ अब गुजराती प्ले हिट होते ही पूरी फिल्म नगरी में उनकी चर्चा होने लगी इसी समय मांझी द माउंटेन मैन फिल्म के डायरेक्टर केतन मेहता जो खुद गुजरात से हैं और परेश रावल के फैट रफ्तार से काफी ज्यादा इंप्रेस हुए थे आमिर खान ओम पुरी और नसीरुद्दीन शाह के साथ होली फिल्म वह बना रहते हैं उस वक्त उन्हें सपोर्टिंग रोल के लिए एक अभिनेता की जरूरत थी तो वह बिना समय बिताएं इस रोल के लिए परेश रावल को कास्ट कर लीजिए आखिरकार परेश रावल की उम्दा थिएटर स्किल ने उन्हें 1984 में अपनी मंजिल दिला ही दी फिर ठीक-ठाक नहीं पर उन्हें असली सफलता 1986 में बनी सुपरहिट फिल्म नाम से मिली जिसने उनकी ए टैलेंटेड एक्टर के रूप में पहचान बना ली।
इस बड़ी सफलता में साल 1992 के दौरान परेश रावल के लिए एक नहीं दो नहीं तीन नहीं 100 फिल्म की जबरदस्त लाइन लगा दी अब आप भी सोच में पड़ गए होंगे एक साथ 100 फिल्मों को उन्होंने कैसे मैनेज की होंगे इन फिल्मों में उन्होंने सभी तरह के रोल प्ले किए थे तभी उन्होंने खलनायक का किरदार निभाया तो कभी सपोर्टिग एक्टर के तौर पर काम किया तो कभी कॉमेडी से लवरेज किरदार उन्हें बड़े पर्दे पर निभाए धीरे-धीरे समय बीता और सन 2008 तक ड्राई और दर्शकों के बीच उनकी पहचान एक कैरेक्टर के रूप में थी पर संदेह बाजार में बनी।
फिल्म हेरा फेरी में उन्हें लीड रोल मिला इसमें अक्षय कुमार और सुनील शेट्टी एक पेईंग गेस्ट से परेश रावल की बाबू राव गणपत राव आप्टे का रोल इतना ज्यादा फेमस हुआ था कि फिल्म तो हिट हुई उसके साथियों ने उस साल का अफेयर कॉमेडियन अवार्ड भी मिल गया इसके बाद उन्होंने 2002 में आंखें आवारा पागल दीवाना हलचल गरम मसाला जैसी सुपर-डुपर हिट फिल्में दी।
हालांकि हेरा फेरी फिल्म की बड़ी सफलता के बाद सन 2006 में इस फिल्म का सीक्वल फिल्म हेरा फेरी फिल्म बनाएंगे आप दोबारा उन्हें इस फिल्म में बाबू राव गणपत राव आप्टे की गुदगुदाती और हंसाती रोल करने का मौका मिला और उन्होंने अपने शुक्राणु पर्फोमंस को जारी रखा और फिल्म सुपर-डुपर हिट रहीं इसके इलावा में उनके लिए कॉमेडी मूवीस के ऑफर की झड़ी लगी।
इन ओवरों में उनकी फिल्में रहीं मालामाल वीकली गोलमाल-फन अनलिमिटेड भूलभुलैया वेलकम भागमभाग मेरे बाप पहले आप और दे दना दन इस दौरान उन्होंने तेलुगू कॉमेडी फिल्म शंकरदास है बीच से तेलगु फिल्म इंडस्ट्री में डेब्यू किया और ड्रामा जॉनर की फिल्में चुप चुप के और आक्रोश भी की है और इसके बाद जैसे कि आप सब जानते हैं कि उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
आज भी उनको लेकर काफी ज्यादा चर्चाएं की जाती है और उनकी आने वाली फिल्मों की एक लंबी कतार है अब आते हैं पर्सनल लाइफ पर आपकी जानकारी के लिए बताना चाहेंगे कि मिस इंडिया रह चुकी स्वरूप संपत से उनकी शादी हुई है यहां पर आपको इस बात की जानकारी देना चाहेंगे कि परेश रावल की पहली मुलाकात स्वरूप संपत से इंटर कॉलेज ड्रामा के दौरान हुआ था जब से दोनों को एक दूसरे को पहली नजर में ही प्यार हो गया था पर इसका इजहार 1977 में परेश रावल कर पाए।
इस बारे में परेश रावल चुटकी हुए एक इंटरव्यू के दौरान कहते हैं मिडल क्लास गुजराती फैमिली से पला बढ़ा हुआ था जिसे एक अमीर घराने की गैस रेगुलेटर फेमिना मिस इंडिया से प्यार हो गया था परेश रावल की पत्नी साथ 1989 में मिस इंडिया रह चुकी है और मिस यूनिवर्स में भारत को प्रेशर भी कर चुके हैं बहरहाल उसके पैर में काफी अंडरस्टैंडिंग थी और उन्होंने एक-दूसरे को अपना जीवन संघर्ष बना लिया शादी के बाद परेश रावल के दो बेटे भी हुए बड़ा बेटा अनुरोध रावल जो फिलहाल सुल्तान के लिए असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में काम कर चुका है।