एक एक्टर जो धांसू विलेन है या बेहतरीन कॉमेडियन, ये अंदाज लगाना मुश्किल हो जाए. और कभी कैरेक्टर रोल में उतरे तो भी लाजवाब लगे. बॉलीवुड में किसी स्टार का ऐसा कॉम्बो कम ही देखने को मिलता है. हर स्टार कॉमेडी के साथ-साथ इमोशन्स और निगेटिव रोल में भी छाप छोड़ जाए ऐसे उदाहरण कम ही मिलते हैं. हम जिस एक्टर की आपसे बात कर रहे हैं वो ऐसा ही कॉम्बो पैकेज है. लेकिन फिल्मी दुनिया में उसका सफर शुरू होने की कहानी बेहद दिलचस्प है. जो पिता के इंकार से शुरू होती है और बॉलीवुड में पॉपुलैरिटी तक जाती है.
हम जिस एक्टर की बात कर रहे हैं वो एक्टर हैं शक्ति कपूर. जिन्हें आपने पर्दे पर के अंदाज में हीरो को हुए देखा होगा. तो कॉमेडी करते हुए आपको हंसने पर मजबूर भी किया होगा. इस मुकाम तक पहुंचने के लिए शक्ति कपूर को अपने पिता से बगावत तक करनी पड़ी थी. शक्ति कपूर के पिता का दिल्ली के करोल बाग में टेलरिंग का काम था. पिता चाहते थे कि उनका बेटा भी उनके कपड़ों का बिजनेस ही संभाले. शक्ति कपूर को उस काम में इंटरेस्ट नहीं था. वो कुछ और करना चाहते थे. पिता ने कपड़ों की दुकान का एक हिस्सा इस काम में देने का वादा किया था लेकिन वो मुकर गए.
अपने पिता की बात से शक्ति कपूर काफी उदास हुए. लेकिन कपड़ों की दुकान पर बैठने की जगह उन्होंने पुणे के द फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में एडमिशन ले लिया. यहां उन्होंने दो पहले ही फिल्म में काम मिल गया. साल 1975 में शक्ति कपूर ने अपनी पहली फिल्म साइन की और अपने घर पर ये खबर सुनाई. इसके बाद शक्ति कपूर ने कभी पुराने दिनों की तरफ पलट कर नहीं देखा. वो एक के बाद एक फिल्में करते गए. जिसकी गिनती अब 700 से ज्यादा हो गई है.