टीवी सीरियल खिचड़ी से दर्शकों के बीच हंसा भाभी के नाम से जाने जाने वाली बॉलीवुड की संजीदा एक्ट्रेस सुप्रिया पाठक बॉलीवुड की ऐसी अदाकारा में गिनी जाती हैं जिनकी एक्टिंग की लोग मिसाले देते हैं चुनिंदा फिल्म में करने वाले सुप्रिया पाठक का टीवी सीरियल खिचड़ी आज भी दर्शकों की पहली पसंद है।
सुप्रिया ने साल 1981 में फिल्म कलयुग से अपने करियर की शुरुआत की थी सुप्रिया को बॉलीवुड में 40 साल हो चुके हैं बॉलीवुड में आने से पहले सुप्रिया एक थिएटर आर्टिस्ट थी साथ ही एक बेहतरीन भरत नाट्यम डांसर भी सुप्रिया ने 22 साल की उम्र में ही अपनी मां दीना पाठक की दोस्त के बेटे से शादी की थी लेकिन यह शादी एक साल में ही टूट गई इसके बाद 1986 में सुप्रिया की मुलाकात पंकज कपूर से हुई।
उस वक्त पंकज कपूर का उनकी पहली पत्नी नीलिमा अजीम से तलाक हो चुका था सुप्रिया और पंकज फिल्मी दुनिया की सबसे लोकप्रिय जोड़ियों में से एक हैं जब दोनों की मुलाकात हुई तो दोनों ही उस वक्त मुश्किल वक्त से गुजर रहे थे 1986 से कुछ वक्त पहले की बात है जब सुप्रिया अपनी पीएचडी पूरी करके मुंबई से अहमदाबाद शिफ्ट हुई थी वहां उनकी मुलाकात अपनी मां दीना पाठक के एक दोस्त के बेटे से हुई दोनों में इश्क हो गया और उन्होंने शादी कर ली उस वक्त सुप्रिया की उम्र महज 22 साल थी शादी के एक हफ्ते बाद ही सुप्रिया की जिंदगी पूरी तरह से बदल गई।
एक हफ्ते में ही सुप्रिया और उनके पति को यह एहसास हो गया कि उन दोनों ने शादी करके बहुत बड़ी गलती कर दी है कम उम्र की सुप्रिया जैसे तैसे एक साल काट पाई लेकिन उसके बाद उनके पति और उन्होंने एक दूसरे से बिना किसी झगड़े लड़ाई के तलाक ले लिया सुप्रिया मुंबई वापस आ गई 1986 में 24 साल की सुप्रिया भ टिंडा में एक फिल्म के सेट पर पहली बार पंकज कपूर से मिली थी दोनों साथ में अगला मौसम नाम की फिल्म में काम कर रहे थे उधर पंकज कपूर की भी 9 साल की शादी टूट चुकी थी वह अपनी पहली पत्नी नीलिमा से अलग हो चुके थे पंकज के न साल के बेटे शाहिद अपनी मां नीलिमा के साथ ही रहे तलाक के अगले साल ही पंकज और सुप्रिया की मुलाकात हुई दोनों के जख्म हरे थे।
इसलिए दोनों के बीच नजदीकियां भी तुरंत बढ़ती चली गई कुछ समय बाद सुप्रिया समझ चुकी थी कि वह पंकज के बिना एक पल भी नहीं बिता पाएंगी शूटिंग खत्म होने के बाद पंकज अपने माता-पिता से मिलने पंजाब जा रहे थे सुप्रिया चीजों को आधा अधूरा नहीं छोड़ना चाहती थी इसलिए उन्होंने पंकज से कहा कि वह लौटकर उन्हें फोन जरूर करें पंकज वापस मुंबई पहुंचे तो सुप्रिया को कॉल किया दोनों समझ गए थे कि अब वक्त है रिश्ते को आगे बढ़ाने का दोनों ने दो साल तक एक दूसरे को डेट किया।
सुप्रिया तो दूसरी शादी को लेकर पूरी तरह तैयार थी लेकिन पंकज के मन में कुछ और ही था पंकज नहीं चाहते थे कि वह जल्दबाजी में कोई भी फैसला करें वह चाहते थे कि जिंदगी भर के लिए जुड़ने से पहले वह सुप्रिया को पूरी तरह से जान ले दोनों ही अपने संस्कारों से बहुत ज्यादा जुड़े हुए थे इसलिए में रहने का भी सवाल नहीं उठा दोनों बच्चे चाहते थे और इस बात से साफ हो गया कि उन्हें शादी करनी है दोनों पहुंच गए अपने माता-पिता से बात करने लेकिन यहां भी बात नहीं बनी पंकज के परिवार वालों ने तो सुप्रिया को झट से अपना लिया।
लेकिन सुप्रिया की मां दीना पाठक हर तरह की संभावनाएं और कहानियां सुना सुनाकर सुप्रिया को ई शादी से इंकार करवाना चाहती थी सुप्रिया ने भी हार नहीं मानी और आखिरकार 1989 में दोनों की शादी हो गई हालांकि वक्त के साथ दीना और पंकज के बीच भी रिश्ते सुधर गए और उन्होंने पंकज को अपना दामाद बना ही लिया दोनों के बीच पहली शादी को लेकर बातें भी हुई लेकिन वह बातें इनके रिश्ते के बीच कभी नहीं आई सुप्रिया ने खुद एक इंटरव्यू में पंकज के बारे में कई राज खोले सुप्रिया का मानना है कि सफल शादी के पीछे मूल मंत्र है कि समझदारी से काम ले दोनों के बीच अहंकार नहीं आना चाहिए और एक दूसरे के नजरियों को भी समझ समझना चाहिए पंकज और सुप्रिया दोनों मानते हैं कि शादी में संयम विश्वास और जिम्मेदारी मायने रखती है वक्त के साथ साथी बदलता है।
इसलिए आपको भी इसके लिए तैयार रहना चाहिए सुप्रिया ने एक इंटरव्यू में बताया कि उनके लिए पंकज दुनिया के सबसे अच्छे इंसान हैं वह हर रिश्ते काम और जिंदगी के प्रति बहुत समर्पित हैं सा साल बड़े पंकज कपूर ने उन्हें उस प्यार की कभी कमी नहीं होने दी जिसकी वह हकदार थी।